'दबंग' के बनने की असली कहानी, जो सलमान-अभिनव कश्यप विवाद को खत्म कर देगी!
'दबंग' में कैसे इरफान, चुलबुल पांडे बनने वाले थे. कैसे गोविंदा को सुपरहिट फिल्में देने वाले डायरेक्टर ने इस फिल्म को बचा लिया?

साल 2009 में Salman Khan की फिल्म Wanted रिलीज़ होती है. इसे Prabhudeva ने बनाया था. ये पिक्चर खूब चली. सलमान के फैन्स इस फिल्म के नाम का ताबीज़ गले में बांधकर घूमे. कहा जाने लगा कि अब सलमान का कमबैक हो गया है. यहां से पीछे मुड़कर देखने की ज़रूरत नहीं है. लेकिन इसका दूसरा पक्ष भी था. ‘वॉन्टेड’, तेलुगु फिल्म ‘पोकिरी’ की रीमेक थी. इस फिल्म के हीरो महेश बाबू थे. ‘वॉन्टेड’ को जिस तरह से एडिट किया गया, उसका एक्शन कैसे डिज़ाइन हुआ, ऐसे पहलुओं पर तेलुगु सिनेमा की छाप साफ दिखती थी. ऐसे में ‘वॉन्टेड’ सुपरहिट होने के बावजूद भी खुद को ओरिजनल ब्रांड के रूप में स्थापित नहीं कर सकी. अब सलमान को एक ब्रांड की ज़रूरत थी. ऐसा ब्रांड जो उनका पर्यायवाची बन जाए. लोग उस किरदार और सलमान को जुदा कर के न देख सकें.
सलमान की ये मुराद पूरी हुई. साल 2010 में Dabangg आई और सब कुछ बदल गया. पहली बार किसी मेनस्ट्रीम मसाला हिन्दी फिल्म में पूर्वांचल के हीरो को चुलबुले ढंग से रीप्रेज़ेन्ट किया गया. उसे एक कैरिकेचर की शक्ल नहीं दी. बल्कि ये किरदार कमरे की जान था. कॉलर के पीछे अपना ऐविऐटर चश्मा लटकाता, ताकि पीछे से भी सब कुछ दिखता रहे, और पूरे स्वैग से चलता. बेल्ट खींचकर नाचता और ये अपने आप में आइकॉनिक डांस स्टेप बन जाता. ऐसा किरदार जो मुट्ठी भींचकर अपने हाथों में सूरज के तेज को जकड़ने की कोशिश करता. ‘दबंग’ ने सलमान और हिन्दी सिनेमा को चुलबुल पांडे जैसा फन और यादगार किरदार दिया.
हालांकि बीते कुछ समय से ये फिल्म की और वजह से चर्चा में है. फिल्म के डायरेक्टर Abhinav Kashyap ने कुछ इंटरव्यूज़ दिए. वहां उन्होंने सलमान और उनके परिवार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. अभिनव ने कहा कि सलमान गुंडे और बदतमीज़ किस्म के इंसान थे. ‘दबंग’ के सेट पर वो और अरबाज़ उन्हें लगातार परेशान करते थे. बकौल अभिनव, फिल्म के प्रोड्यूसर अरबाज़ खान ने उन्हें 51 लाख रुपये की फीस देने का वादा किया था. लेकिन बाद में उन्हें 30 लाख रुपये ही दिए गए. अभिनव के आरोपों पर सलमान या उनके परिवार ने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन सलमान ने ‘बिग बॉस’ के दौरान ये ज़रूर कहा कि कुछ लोग पॉडकास्ट में जाकर कुछ भी बोलते हैं, उन्हें काम करना चाहिए. सलमान के कमेंट को अभिनव की तरफ किए गए इशारे की तरह देखा गया.
‘दबंग’ पर हाल ही में बहुत हंगामा हुआ, और कुछ दिन पहले ही फिल्म ने अपनी रिलीज़ के 15 साल भी पूरे किए. इस पूरी कन्ट्रोवर्सी के बीच ‘दबंग’ की मेकिंग वाले दिनों की ओर लौटते हैं. ये फिल्म कैसे बनी, सलमान तक कैसे पहुंची, ओरिजनल कहानी का हीरो कौन होता, सेट पर ऐसा क्या हुआ कि सलमान को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा. ‘दबंग’ की मेकिंग के ऐसे ही किस्सों को जानेंगे.
# इरफान या रणदीप हुड्डा फिल्म के हीरो होते
साल 2000 में संजय दत्त की फिल्म ‘जंग’ रिलीज़ हुई. ये अभिनव कश्यप के करियर का पहला मेजर क्रेडिट था. उन्होंने ये फिल्म लिखी थी. आगे चलकर मणि रत्नम को ‘युवा’ पर असिस्ट किया. अब वो अपनी फिल्म बनाना चाहते थे. एक कहानी लिखी. उत्तरप्रदेश में सेट. पुलिसवाले की कहानी. बेहद डार्क और ग्रिटी. उनका हीरो सीरियस था. अचानक चलते-चलते बीच सड़क पर रुककर नाच-गाना नहीं करने वाला था. वो ये कहानी लेकर कई प्रोड्यूसर्स के पास गए. मगर कहीं बात नहीं बनी. कोई भी पैसा लगाने को राज़ी नहीं हो रहा था. अनुभव ने कोशिश की कि इस बीच एक्टर्स से बात कर ली जाए. कई बार ऐसा होता है कि जब आप प्रोड्यूसर के पास कहानी लेकर जाते हैं, और बताते हैं कि ये-ये एक्टर काम करने को तैयार हैं, तो उन एक्टर्स के नाम पर प्रोड्यूसर मान जाते हैं.
अनुभव ने जब ये कहानी लिखनी शुरू की थी, तब उनके दिमाग में चुलबुल पांडे के लिए इरफान, केके और रणदीप हुड्डा जैसे नाम थे. फिर उन्होंने ‘जाने तू या जाने ना’ देखी. उस फिल्म में अरबाज़ खान और सोहेल खान ने कैमियो किया था. दोनों के मज़ेदार किरदार थे जो ज़्यादा दिमाग नहीं दौड़ाते थे. ऐसा ही एक किरदार अभिनव की स्क्रिप्ट में भी था. नाम था मक्खनचंद पांडे. प्यार से लोग मक्खी बुलाते. वो इस रोल के लिए अरबाज़ के पास पहुंचे. स्क्रिप्ट सुनाई. अरबाज़ बताते हैं कि समय बीतता गया लेकिन उन्हें स्क्रिप्ट में कोई भी खामी नहीं मिली. हर 10 मिनट के बाद लगता कि अब कहानी में ड्रॉप आएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ.

अरबाज़ ने पूछा कि आप मुझे चुलबुल पांडे ऑफर करना चाहते हैं या फिर मक्खी. अनुभव अपने फैसले पर कायम थे. वो मक्खी के रोल में ही अरबाज़ को कास्ट करना चाहते थे. चूंकि अरबाज़ को स्क्रिप्ट पसंद आई थी, तो उन्होंने फिल्म को हामी भर दी. लेकिन दिमाग में कुछ और गणित भी दौड़ रहा था. अरबाज़ अपनी प्रोडक्शन कंपनी लॉन्च करना चाहते थे. उन्हें लगा कि पहले प्रोजेक्ट के लिए ‘दबंग’ से बेहतर कहानी नहीं मिलने वाली. वो ये कहानी सलमान के पास लेकर आए. सलमान ने कोमल नाहटा को दिए एक पुराने इंटरव्यू में बताया था,
ये पिक्चर अरबाज़ मेरे पास लेकर आए थे. और उनको स्क्रिप्ट बहुत पसंद आई थी. जब मैंने स्क्रिप्ट सुनी तो मुझे भी बहुत पसंद आई. फिर हमने अभिनव से पूछा कि ये पिक्चर कौन बना रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रोड्यूसर नहीं है. मैं अरबाज़ के पास आया था एक रोल के लिए. अभिनव ने कहा कि मैं इस स्क्रिप्ट को लेकर दो-तीन जगह घुमा हूं पर किसी ने भी फीडबैक नहीं दिया. मुझे इस बात पर हंसी आई कि वो कौन लोग हैं जो इस स्क्रिप्ट पर फीडबैक नहीं दे रहे हैं.
फिल्म की ओरिजनल कहानी को बहुत छोटे स्केल पर रचा गया था. फिर सलमान के जुड़ने के बाद सब बदल गया. छह-आठ महीने लगे और पूरी स्क्रिप्ट का कायाकल्प हुआ. इसे ‘द सलमान खान’ फिल्म की शक्ल दी गई. एक्शन आया. गाने पिरोये गए. फिल्म की पूरी पैकेजिंग ही बदल गई. अब ‘दबंग’ एक मसाला फिल्म बन चुकी थी.
# जब सलमान ने विलेन का गाना छीन लिया
‘दबंग’ में सोनू सूद ने कहानी के विलेन छेदी सिंह का रोल किया था. उनके किरदार को लेकर एक डायलॉग भी बहुत फेमस हुआ जहां चुलबुल उनमें छेद करने की बात करता है. छेदी सिंह को सांस लेने में दिक्कत हो सकती थी. खैर पहले सोनू, छेदी सिंह का रोल नहीं करने वाले थे. अभिनव कश्यप और सोनू सूद ‘दबंग’ के सेट पर एक-दूसरे से पहली बार नहीं मिले थे. दोनों में पहले से दोस्ती थी. जब अभिनव ‘दबंग’ की कहानी लिख रहे थे, तब उन्होंने सोनू को भी चुलबुल पांडे का रोल ऑफर किया था. फिर सलमान पिक्चर में आए और पूरा समीकरण बदल गया. सोनू ने अपने एक इंटरव्यू में पूरा वाकया बताया. सोनू याद करते हैं,
जब ये शुरू हुई तो अरबाज़ ने कहा कि सलमान, चुलबुल वाला रोल करना चाहते हैं. उन्होंने सलमान को फिल्म नरेट की और वो उन्हें बहुत पसंद आई. उन्हें 'चुलबुल पांडे' शब्द बहुत पसंद आया. फिर अभिनव को मैसेज आया और उन्हें पता चला कि सलमान ये रोल करने के लिए राज़ी हो गए हैं.
अभिनव फिर मुझसे कहने लगे कि मैं छेदी सिंह का रोल कर लूं. मैंने उन्हें मना कर दिया. उसके बाद बहुत से लोगों ने मुझसे रिक्वेस्ट की. कन्विंस करने की कोशिश की, खुद अरबाज़ भाई ने भी मुझे समझाया. मगर मैंने मना कर दिया क्योंकि मुझे वो किरदार समझ ही नहीं आ रहा था. वो लगातार किसी और की तलाश कर रहे थे मगर इस रोल के लिए उन्हें कोई और मिल ही नहीं रहा था.
उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं ये रोल क्यों नहीं करना चाहता. मैंने अभिनव से कहा कि इस रोल को थोड़ा सा ट्विस्ट दे दो. इसे फिर से लिखते हैं तो शायद ये मुझे समझ आ जाए. फिर मैं ये रोल कर लूंगा. और मुझे इस फिल्म में एक आइटम सॉन्ग भी चाहिए. जब फराह खान इस गाने को बना रही थीं तो मैं उनके साथ ही था. मैंने भी उनसे बात की कि कैसे इसे बनाया जाए.

छेदी सिंह के रोल में सोनू लॉक हो चुके थे. फिल्म पर तेज़ी से काम शुरू हुआ. गाने बनने लगे. एक डांस नंबर भी तैयार हुआ. ममता शर्मा ने इसे गाया. प्लान किया गया कि ये कहानी में उस पॉइंट पर आएगा जब छेदी सिंह और उसके साथी जश्न मना रहे होंगे. इसे मलाइका अरोड़ा पर फिल्माया जाना था. अगर आपने ‘दबंग’ देखी है या ‘मुन्नी बदनाम है’ गाना देखा है तो याद होगा कि इस गाने में सिर्फ सोनू और मलाइका ही नहीं थे. सलमान की भी धमाकेदार एंट्री होती है. ये फैसला भी सिर्फ सलमान की वजह से लिया गया. उन्होंने गाना सुना और घोषणा कर दी कि मुझे भी इस गाने में डालो. अरबाज़ बताते हैं,
'मुन्नी बदनाम' जो गाना था, वो मैंने उनको (सलमान) सुनाया. उसने कहा कि गाना तो बड़ा हिट है. पर इसमें क्या हो रहा है? मैंने बताया कि मलाइका इस गाने में डांस कर रही है, और सोनू सूद का किरदार सेलिब्रेट कर रहा है. और जैसे ही गाना खत्म होता, तब आपकी एंट्री होती है. उन्होंने कहा कि गाना खत्म होने के बाद मेरी एंट्री क्यों कर रहे हो. मैंने कहा कि उन गैंगस्टर्स की पार्टी चल रही है, उनका सेलिब्रेशन चल रहा है, और जैसे ही गाना खत्म होता है, आपकी एंट्री होती है. उन्होंने कहा कि नहीं, मुझे गाने में डालो. हमने ऐसा कुछ प्लान ही नहीं किया था. फिर मैंने डायरेक्टर के साथ बैठकर चर्चा की और हमने सोचा कि एक अंतरा डाल देते हैं जहां चुलबुल की एंट्री होगी और छेदी सिंह बौखला जाएगा.
सोनू बताते हैं कि जब उन्हें पता चला कि सलमान ने उनका गाना ले लिया है, तब उन्हें बुरा लगा. उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज की करवाई. लेकिन वो इस बात से खुश हैं कि लोगों को गाना पसंद आया.
# सेट पर आग लगी, सलमान को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा
‘दबंग 2’ के सेट पर भीषण आग लगी थी. तीन लोग इसकी चपेट में आए. खुद सलमान उन लोगों को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे थे. मीडिया में इस घटना को काफी कवरेज मिली थी. ये पहली बार नहीं था जब ‘दबंग’ के सेट पर कोई हादसा हुआ हो. बॉलीवुड हंगामा की एक रिपोर्ट की मानें तो ‘दबंग’ के वक्त एक सीन फिल्माया जाना था, जहां सेट पर आग लगाई गई. सलमान को उसके धुएं से दिक्कत होने लगी. उन्हें स्मोक कन्जेस्चन की शिकायत हुई. फौरन हॉस्पिटल ले जाया गया. डॉक्टर्स ने बताया कि चिंता की कोई बात नहीं है, और सलमान जल्द ही ठीक हो जाएंगे.
मेकर्स फिल्म का क्लाइमैक्स शूट कर रहे थे. ये वो सीन था जहां चुलबुल पांडे और छेदी सिंह की लड़ाई होती है. सोनू सूद, सलमान के स्टंट डबल के साथ ये एक्शन सीन शूट कर रहे थे. इस सीन के दौरान स्टंट डबल के घुटने से सोनू की नायक पर चोट लग गई. खून बहने लगा. नाक की हड्डी मुड़ गई थी. सोनू को हॉस्पिटल ले जाया गया. डॉक्टर ने अगले कुछ दिन रेस्ट करने की सलाह दी. दिन खत्म हुआ और अगले दिन की सुबह सोनू सेट पर थे. उनका मानना था कि अगर वो रेस्ट करने लगेंगे तो शूट फंस जाएगा. इसलिए उन्होंने अगले 10 दिनों तक शूट किया और फिर ब्रेक लिया.
# डेविड धवन ने फिल्म को बचा लिया
‘कुली नंबर 1’ और ‘हीरो नंबर 1’ जैसी हिट फिल्में बनाने से पहले डेविड धवन पुणे के फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट गए थे. वो वहां के एडिटिंग बैच के स्टूडेंट थे. गोल्ड मेडल लेकर पास हुए. ये जानकारी इसलिए साझा कर रहे हैं क्योंकि ‘दबंग’ की शूटिंग के बाद यही बात अरबाज़ और सलमान को भी याद आई. उनके हाथ में जो फिल्म थी उसकी लेंथ 2 घंटे 43 मिनट थी. दोनों जानते थे कि मसाले वाली ऑडियंस इतनी लंबी फिल्म हज़म नहीं कर सकेगी. वो डेविड धवन के पास पहुंचे. कि हमारी मदद कीजिए. इस फिल्म को छोटा कीजिए.
डेविड धवन ने फिल्म का ज़िम्मा संभाला. तीन दिनों तक वो लगातार एडिट करते रहे. इसे क्रिस्प बनाया. अब लेंथ 02 घंटे 03 मिनट पर पहुंच गई थी. 10 सितंबर 2010 को यही वर्ज़न सिनेमाघरों में उतरा. ऐसा उतरा कि फिर ऑडियंस पर फिल्मका बुखार चढ़ गया. फिल्म बड़ी हिट हुई. साल की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली हिन्दी फिल्म बनी. इतनी बड़ी सक्सेस बनी कि एक फ्रैन्चाइज़ की नींव रख दी. वो बात अलग है कि आगे वाली दोनों फिल्में क्वालिटी के स्तर पर इसे छू भी नहीं सकी. जब भी सलमान खान की सबसे मज़ेदार फिल्मों को याद किया जाएगा, ‘दबंग’ का नाम टॉप पर होगा.
वीडियो: सलमान ने दिया दबंग 4 का हिंट, चश्मे वाली स्टाइल की असली वजह सामने आई