सलमान का मूनवॉक देख श्रीराम ने उतार ली खड़ाऊं!
कहा जाता है कि इसे देखने के बाद माइकल जैक्सन अपना मानसिक संतुलन खो बैठे थे और अगले कुछ साल जिंदगी के सबसे उदास गीत लिखे.
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फोटो - thelallantop
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जब-जब हीरो ने प्यार में चोट खाई है या दिवालिया हुआ है, उसने अपना क्रोध अपनी शेविंग किट पर निकाला है. संगीत बजना शुरू होता है. बढ़ी हुई दाढ़ी में मेहनती सलमान अपनी मां के खानदानी कंगन लिए प्रकट होते हैं. समझ नहीं आता कि जब प्रेम का खानदान अमीर था तो उनकी अम्मा ने इत्ते भद्दे वाले कंगन काहे बनवाए?
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प्रेम गुस्सा है, बाबूजी उनसे भी ज़्यादा गुस्सा हैं. सुमन दुखी है. प्रेम के हाथों में सोने का पानी चढ़े बेन्टेक्स के कंगन देखकर. प्रेम के चिप्पड़ लगे जैकेट और सुमन के मिसमैच्ड दुपट्टे के बीच अगर कुछ अच्छा है तो वो ये कि इतने दुख में भी सुमन लिपस्टिक लगाना न भूली.
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प्रेम जिस तरह लकड़ी के पटरों पर कूद रहे हैं, लगता है कि सुमन न भी मिली तो ओलंपिक की ऊंची कूद में 2-4 मेडल तो चटका ही देंगे. साहसिक खेलों में उनका रुझान यहीं ख़त्म नहीं होता, अगले ही फ्रेम में खड़े होकर पूरे वेग से झूले पर झूलते नज़र आते हैं. हिलते हुए झूले में सेंटर ऑफ़ ग्रैविटी का ठिकाना न होने की वजह से मुंह के बल गिरते हैं. सुमन की आह निकल जाती है. प्रेम के अंदर प्रेम का प्रेशर बनने से मुंह से अनायास ही सीटी बज उठती है.
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अब गीत का सबसे दर्दनाक क्षण आता है. जब सलमान खान अपनी जैकेट उतार कर चन्द्रभ्रमण अर्थात मूनवॉक करते हैं. इस ऐतिहासिक सीन के लिए यह कहा जाता है कि इसे देखने के बाद माइकल जैक्सन अपना मानसिक संतुलन खो बैठे थे और अगले कुछ वर्षों में उन्होंने अपने जीवन के सबसे उदास गीत लिखे. इसी बीच सुमन अपने वजूद में कसमसाती है, बाप और प्रेमी के बीच फंसी लड़की की हालत का अंदाजा आप उस खूंटे से बंधे मूक बछड़े की अकुलाहट देख लगा सकते हैं जो प्रेम की ह्रदयविदारक नृत्य प्रतिभा से हाहाकार मचाने को ही है. इसके ठीक एक सेकंड बाद प्रेम कुछ इस कदर हांफते हुए सुमन को देखते हैं मानो भूख और कब्ज़ की पीड़ा एक साथ सता रही हो.
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हर भली चीज का एक अंत होता है. इस गाने का भी अंत है और वही सबसे भली बात है. रात का वक़्त है, मंदिर का सीन है. सुमन नंगे पैर प्रेम से मिलने दौड़ी जा रही है. हीरोइन ने बॉलीवुड में जब-जब भी बड़े फैसले लिए हैं. नंगे पैर भागकर ही लिए हैं, इसीलिए हम कहते हैं चीजें अपने नग्न स्वरुप में ही सबसे भली होती हैं. दूसरी बात ये हो सकती है कि अब सुमन से भी प्रेम का नाचना बर्दाश्त न हो रहा हो. प्रेम नटराज की मूर्ति के आगे यथासंभव लॉकिंग-पॉपिंग, ब्रेक डांस और भोजपुरिया तांडव का मिक्स वेज परोस रहे हैं. मिथुन दा होते तो इस पर भी 'क्या बात,क़्या बात..क्या बात..' कह देते.