राजामौली की 'वाराणसी' का टीज़र आते ही रणबीर की 'रामायण' के साथ युद्ध क्यों छिड़ गई?
'वाराणसी' का टीज़र आते ही इसकी तुलना 'रामायण' से होने लगी है. दोनों फिल्मों के फैन्स के बीच इंटरनेट पर जंग शुरू हो चुकी है.

SS Rajamouli की Varanasi के फर्स्ट लुक ने इंडियन फिल्ममेकिंग सीन को लेकर लोगों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं. वहीं दूसरी तरफ़ इंटरनेट पर एक बड़ी बहस भी छेड़ दी है. वो भी ऐसी कि लोग अभी से Nitesh Tiwari की Ramayana और इस फिल्म के बीच तुलना करने लगे हैं. जिसकी वजह से दोनों फिल्मों के फैन्स के बीच जंग छिड़ी हुई है.
'रामायण' और 'वाराणसी', दोनों ही इंडिया की मोस्ट-अवेटेड फिल्में हैं. नितेश तिवारी की फिल्म को 4 हज़ार करोड़ के भारी-भरकम बजट पर बनाया जा रहा है. वहीं ‘वाराणसी’ का बजट 1300 करोड़ के आसपास का है. ये दोनों ही फिल्में न केवल अपनी स्टारकास्ट और मेकर्स, बल्कि टेक्नोलॉजी के मामले में भी नए स्टैंडर्ड सेट करने वाली हैं. बावजूद इसके, इंटरनेट पर फैंस इसे सेलिब्रेट करने के बजाय बहस में उलझे हुए हैं.
रिक नाम के यूज़र ने 'वाराणसी' के टीजर को बेहतर बताते हुए लिखा,
"रामायण के प्रति कोई हेट नहीं है. लेकिन उसका अनाउंसमेंट वीडियो वेस्टर्न म्यूजिक के साथ शॉट-दर-शॉट ऐसा लगा जैसे गेम ऑफ थ्रोन्स का ओपनिंग सीक्वेंस हो. उसके मुकाबले 'वाराणसी' बहुत आगे निकल जाती है. इसमें आप शानदार विजुअल क्वालिटी, बड़ा स्केल और जिस दुनिया को वो गढ़ रहे हैं, उसकी बेहतरीन झलक दिखती है."

एक अन्य यूजर ने 'रामायण' का फर्स्ट लुक वीडियो शेयर करते हुआ कहा,
"ये अब भी सबसे बेहतरीन है. राजामौली इसके इम्पैक्ट को पीछे नहीं छोड़ पाए."

तीसरे यूजर ने 'वाराणसी' का पक्ष लेते हुए कमेंट किया,
“इन विज़ुअल्स ने रामायण के फर्स्ट लुक को फीका कर दिया है. आपके पास कितना भी बजट हो, लेकिन राजामौली के विज़न को मैच नहीं कर सकते. वाराणसी भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक है. ये पहले से ही रामायण से दस गुना ज़्यादा भव्य नज़र आ रही है."

चौथे यूजर ने कमेंट किया,
“मैंने अभी वाराणसी देखी. भाई मेरे हिसाब से रामायण उससे बहुत बेहतर है. विज़ुअल्स, VFX, म्यूज़िक, सब कुछ रामायण में ही ज्यादा अच्छा है.”

दोनों फिल्मों के बीच इतनी सारी तुलना तभी होनी शुरू हो चुकी है, जब सिर्फ इनका केवल फर्स्ट लुक ही आया है. इसमें दो राय नहीं कि ये दोनों प्रोजेक्ट्स विजन, बजट और टेक्निक के मामले में एक दूसरे से बहुत अलग हैं. फिर भी इनमें एक समानता है और वो ये कि ये दोनों ही भारतीय फिल्में हैं. दोनों का ही मक़सद लोकल से लेकर ग्लोबल ऑडियंस को टार्गेट करना है. ऐसे में अभी से इन इन्हें एक-दूसरे से कमतर या बेहतर बताना नुकसानदेह साबित हो सकता है. बेहतर होगा कि दर्शक फिल्म रिलीज़ होने का इंतज़ार करें और दोनों फिल्मों को देखने के बाद अपनी राय कायम करें.
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