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जिन पीसी सोलंकी का रोल मनोज बाजपेयी ने किया, उन्होंने ही फिल्म मेकर्स को कोर्ट में घसीट दिया

'सिर्फ एक बंदा काफी है' पीसी सोलंकी की बायोपिक है. मगर सोलंकी का कहना है कि मेकर्स उन्हें बिना बताए उनकी बायोपिक के राइट्स किसी और को बेच दिए.
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पहली तस्वीर रियल पीसी सोलंकी की. दूसरी तरफ सोलंकी के किरदार में मनोज बाजपेयी.
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Manoj Bajpayee की नई फिल्म Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai आई है. इसमें उन्होंने Asaram Bapu के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील PC Solanki का रोल किया है. मगर अब पीसी सोलंकी ने ही इस फिल्म के मेकर्स को कोर्ट में घसीट दिया है. उनका कहना है कि इस फिल्म के मेकर्स ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स का हनन किया है. इसलिए सोलंकी ने उन लोगों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में केस फाइल किया. साथ ही मेकर्स को लीगल नोटिस भी भेजा है.

पूनम चंद सोलंकी का कहना है कि 'बंदा' के मेकर्स ने 2021 में उनकी बायोपिक बनाने के लिए राइट्स खरीदे थे. मगर उन्हें बताए बिना उनकी लाइफ पर फिल्म बनाने के राइट्स थर्ड पार्टी को बेच दिए गए. सोलंकी इस बात से भी नाराज़ हैं कि अगर वो फिल्म उनकी लाइफ से प्रेरित है, तो उन्हें स्क्रिप्ट क्यों नहीं पढ़वाई गई. न ही उनसे नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लिया गया. ऐसे में उनके पास कानूनी कार्रवाई करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता.

'सिर्फ एक बंदा काफी है' में सिर्फ पीसी सोलंकी का नाम सेम रखा गया. बाकी अन्य सभी किरदारों के नाम बदल दिए गए हैं. क्योंकि मेकर्स के पास सिर्फ सोलंकी के बायोपिक राइट्स थे. खैर, इस बाबत IANS से बात करते हुए पीसी सोलंकी ने कहा-

''मैंने इस मामले में कानूनी रास्ता लिया है. जब मुझसे स्क्रिप्ट नहीं अप्रूव करवाई गई. न ही मुझसे NOC लिया गया. ऐसे में उसे मेरी लाइफ पर बेस्ड और असल घटनाओं से प्रेरित फिल्म कैसे बुलाया जा सकता है? जिन लोगों ने मेरे साथ अग्रीमेंट साइन किया था, उन्होंने मुझे बिना बताए मेरी लाइफ पर फिल्म बनाने के राइट्स किसी और बेच दिए. मैंने ट्रायल कोर्ट में केस फाइल किया है. और प्रोड्यूसर्स समेत सभी लोगों को नोटिस भिजवाया है. इमैजिन करिए, जून 2021 में उन्होंने मेरे साथ करार किया. सितंबर में वो राइट्स बेच दिए. वो लोग ऐसा कैसे कर सकते हैं?''

पीसी सोलंकी का कहना है कि इस फिल्म के मेकर्स की इस हरकत से उन्हें ठगा हुआ महसूस हो रहा है. वो अपनी बातचीत में आगे जोड़ते हैं-

''मुझे अंधेरे में रखकर मेरी लाइफ पर फिल्म बनाने के राइट्स बेच दिए गए. जिस पार्टी ने वो राइट्स खरीदे, उन्होंने भी मुझे कुछ नहीं बताया. ये मेरी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स का हनन है. इसलिए प्रोड्यूसर्स को नोटिस भेजा जा चुका है. इस केस की अगली सुनवाई 31 मई को होनी है.'' 

इससे पहले आसाराम बापू के ट्रस्ट ने भी इस फिल्म के मेकर्स को लीगल नोटिस भेजा था. उनका कहना था कि फिल्म में जो कुछ भी दिखाया गया है, वो आपत्तिजनक और अपमान करने वाला है.

आसाराम बापू के खिलाफ 2013 में एक माइनर का रेप करने के मामले में केस दर्ज हुआ. कोई वकील ये केस लड़ने को तैयार नहीं था. ऐसे में पीसी सोलंकी ने ये केस लड़ने का फैसला किया. पांच साल तक चली इस कानूनी लड़ाई का फैसला 2018 में आया. आसाराम बापू दोषी पाया गया. 'सिर्फ एक बंदा काफी है' इसी बारे में बात करने वाली फिल्म है. फिल्म में मनोज बाजपेय ने सोलंकी का रोल किया है. उनकी परफॉरमेंस की भयंकर तारीफ हो रही है. इस फिल्म को अपूर्व सिंह कार्की ने डायरेक्ट किया है. ये फिल्म 23 मई को ज़ी5 पर रिलीज़ हो चुकी है. 


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