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'महाभारत' में कर्ण बने पंकज धीर का निधन, जिनकी लोग आज तक मंदिरों में पूजा करते हैं

पंकज को 'महाभारत' में अर्जुन का किरदार ऑफर हुआ था. मगर उन्होंने अपनी मूंछों के कारण इसे निभाने से मना कर दिया.

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पंकज लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे
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शुभांजल
15 अक्तूबर 2025 (Published: 02:25 PM IST)
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एक्टर Pankaj Dheer का 15 अक्टूबर को कैंसर से निधन हो गया. उन्होंने BR Chopra की Mahabharata में Karn का किरदार निभाया था. उनकी मौत की पुष्टि खुद उनके दोस्त और एक्टर Arjun Firoz Khan ने की है. जिन्होंने ‘महाभारत’ में अर्जुन का रोल किया था. 

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, पंकज लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे. पिछले कुछ महीनों में उनकी तबियत ज़्यादा खराब हो गई थी. जिसकी वजह से उन्हें एक बड़ी सर्जरी से भी गुजरना पड़ा. बावजूद इसके, उन्हें बचाया नहीं जा सका. फिरोज़ ने मीडिया से बात करते हुए बताया,

"हां ये सच है कि वो अब इस दुनिया में नहीं रहे. पर्सनली मैंने एक बहुत ही अच्छे दोस्त को खो दिया है. वो बहुत अच्छे इंसान थे. मैं अभी भी सदमे में हूं और मुझे नहीं पता कि क्या कहना चाहिए. वो वाकई कमाल के इंसान थे. फ़िलहाल मैं और कुछ नहीं कह सकता."

pankaj dheer
पंकज धीर के निधन पर अर्जुन फिरोज़ खान की इंस्टा स्टोरी.

CINTAA (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन) ने एक औपचारिक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा,

"गहरे दुख और शोक के साथ हम आपको सूचित करते हैं कि हमारे ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन और CINTAA के पूर्व जनरल सेक्रेटरी, श्री पंकज धीर जी का 15 अक्टूबर, 2025 को निधन हो गया है. उनका अंतिम संस्कार आज शाम 4:30 बजे पवन हंस के पास, विले पार्ले (वेस्ट), मुंबई में किया जाएगा."

पंकज धीर 68 साल के थे. अपने करियर में उन्होंने कई फिल्मों और टीवी सीरियल्स में काम किया है. उनके हिस्से 'सड़क', 'सोल्जर', 'बादशाह' और 'टार्जन' जैसी कल्ट क्लासिक फिल्में आईं. टीवी पर वो 'ज़ी हॉरर शो: अनहोनी', 'चंद्रकांता' और 'देवों के देव महादेव' में भी नज़र आ चुके हैं.

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कर्ण (पंकज धीर) और दुर्योधन (पुनीत इस्सर) की जुगलबंदी को लोग आज भी पसंद करते हैं.

मगर ये तमाम फिल्में-सीरियल्स एक तरफ और 'महाभारत' का कर्ण एक तरफ. रोचक बात ये है कि पंकज को कर्ण से पहले अर्जुन का रोल ऑफर हुआ था. मेकर्स की नज़र में वो इस किरदार के लिए परफेक्ट चॉइस थे. मगर फिर कुछ ऐसा हुआ, जिसके कारण बीआर चोपड़ा ने उन्हें शो से बाहर निकाल दिया.

लहरों रेट्रो से हुई बातचीत में पंकज ‘महाभारत’ के लिए अपने ऑडिशन का ज़िक्र करते हुए कहते हैं,

“जब मैंने ऑडिशन दिया तो डायलॉग राइटर्स राही मसूम रज़ा, भृंग तुपकरी साहब और पंडित नरेंद्र शर्मा जी का एक पैनल मौजूद था. उन्हें लगा कि मैं अर्जुन का रोल अच्छे से निभा सकूंगा. हमने हाथ मिलाया और मैंने कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कर दिया. फिर बीआर चोपड़ा ने मुझे फोन किया और बताया कि मुझे अर्जुन के साथ-साथ बृहन्नला (अर्जुन का किन्नर स्वरूप) का रोल भी करना होगा. उसके लिए मुझे अपनी मूंछें मुंडवानी होंगी. मैंने कहा- ‘नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकता'. मैंने बताया कि मेरे चेहरे की बनावट ऐसी है कि अगर मैं मूंछें मुंडवा लूं, तो अच्छा नहीं लगूंगा. उन्होंने कहा- ‘तुम एक्टर हो या क्या हो? इतना बड़ा रोल छोड़ रहे और वो भी सिर्फ़ मूंछों के लिए? मैं इसे समझ ही नहीं पा रहा हूं’.”

पंकज बताते हैं कि बीआर चोपड़ा, पंकज के इस तर्क से इतना नाराज़ हुए कि उन्हें कमरे से बाहर निकलवा दिया. उनका अर्जुन वाला कॉन्ट्रैक्ट भी फाड़ दिया गया. अगले 6 महीने तक वो इधर-उधर भटकते रहे और थोड़ी-बहुत डबिंग करते रहे. फिर अचानक 6 महीने बाद उन्हें बीआर चोपड़ा का कॉल आया. उन्होंने पंकज से पूछा कि क्या वो सूर्यपुत्र कर्ण का रोल करना चाहेंगे? पंकज ने उनसे सवाल किया कि इसके लिए उन्हें कहीं मूंछें तो नहीं कटवानी पड़ेंगी? बीआर चोपड़ा ने 'ना' में जवाब दिया और इस तरह वो 'महाभारत' के कर्ण बन गए.

पंकज अक्सर बताते थे कि अर्जुन का किरदार ठुकराने के लिए उन्होंने जो लॉजिक दिया, वो बहुत बेवकूफाना था. मगर इससे उन्हें कर्ण का किरदार मिल गया. अर्जुन का रोल उन्हीं फिरोज़ खान ने निभाया जिन्होंने मीडिया को पंकज के निधन की सूचना दी है.

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देश के दो मंदिरों में पंकज धीर की मूर्तियां लगी हुई हैं.

जहां तक पंकज की बात है, वो सही मायनों में कर्ण के किरदार से अमर हो गए. उनके एक्टिंग की दाद हर उम्र का दर्शक देता है. आज भी लोग उनके काम को काफ़ी पसंद करते हैं. उनकी पॉपुलैरिटी का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई बार किताबों में कर्ण का किरदार दिखाने के उनकी तस्वीरें इस्तेमाल की जाती थीं. और तो और, करनाल और बस्तर में आज भी उनकी मूर्तियों को ही कर्ण के रूप में पूजा जाता है. इन दो मंदिरों में पंकज धीर की 8 फीट लंबी मूर्ति भी लगी हुई है.

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