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ऑस्कर इतिहास का सबसे बड़ा फैसला! पूरा अवॉर्ड अब फ्री में देख सकेंगे

डिज़्नी को उम्मीद थी कि ऑस्कर वाले उनकी शर्त को मान लेंगे. मगर यूट्यूब ने बीच में आकर खेला कर दिया.

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भारत की तरफ़ से 'होमबाउंड' को ऑस्कर 2026 में ऑफिशियल एंट्री के लिए भेजा गया है.
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शुभांजल
18 दिसंबर 2025 (Updated: 18 दिसंबर 2025, 01:35 PM IST)
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Academy Awards यानी Oscars में एक बड़ा फेरबदल होने जा रहा है. संस्था ने इस अवॉर्ड सेरेमनी के सभी स्ट्रीमिंग राइट्स यूट्यूब को दे दिए हैं. अब तक इस इवेंट को ABC चैनल के ज़रिए देखा जाता था. मगर साल 2029 से इसे केवल यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा. खास बात ये है कि इसके लिए अब आपको कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा.

अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइसेंज़ ने 17 दिसंबर को एक प्रेस रिलीज़ के ज़रिए इस बात की जानकारी दी है. डील के तहत साल 2029 से ऑस्कर सेरेमनी को केवल यूट्यूब पर ही दिखाया जाएगा. 2029 में 101वीं ऑस्कर सेरेमनी आयोजित की जाएगी. उस इवेंट से लेकर साल 2033 तक, इसके स्ट्रीमिंग राइट्स यूट्यूब के पास ही रहेंगे.

ऑस्कर दुनिया के सबसे अधिक देखे जाने टीवी इवेंट्स में से एक है. इसे पहली बार 1953 में टेलीविजन पर दिखाया गया था. उस वक्त इसके ब्रॉडकास्टिंग राइट्स NBC, यानी नेशनल ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के पास थे. ये समझौता 1960 तक बरकरार रहा. 1961 से 1970 तक ऑस्कर के टीवी राइट्स ABC के पास थे, जिस पर डिज़्नी का मालिकाना हक है.

1971 से 1975 तक NBC ने फिर से ऑस्कर के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स अपने अधिकार में ले लिए. मगर 1976 में ये दोबारा ABC के हिस्से आ गए. उस समय से लेकर अब तक यही कंपनी ऑस्कर इवेंट को ब्रॉडकास्ट करती चली आई है. ये सिलसिला साल 2028 तक, यानी ऑस्कर के 100वें साल तक चलता रहेगा. इसके बाद सारा दारोमदार यूट्यूब के कंधों पर आ जाएगा.

यूट्यूब के पास ये कॉन्ट्रैक्ट जाने के पीछे भी काफ़ी रोचक किस्सा है. हुआ ये कि डिज़्नी (जो ABC की पेरेंट कंपनी है), ऑस्कर को 2028 के बाद भी टेलीकास्ट करना चाहती थी. अब तक वो इस इवेंट के लिए सालाना 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 9 अरब रुपये का भुगतान कर रही थी. मगर पिछले कुछ सालों में जिस तरह से इसकी व्यूअरशिप घटी, उसे देखते हुए वो इस लाइसेंस के लिए कम पैसे देना चाह रही थी.

वैराइटी की रिपोर्ट के मुताबिक, डिज़्नी को उम्मीद थी कि उसे 2028 के बाद भी कम दाम पर ऑस्कर के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स मिल जाएंगे. बोली लगाने के दौरान उसे ज्यादा-से-ज्यादा NBC यूनिवर्सल चैनल से ही टक्कर मिलेगी. मगर सब तब अवाक रह गए, जब यूट्यूब ने डिज़्नी-ABC और NBC से भी कहीं बड़ी बोली लगाकर ऑस्कर के सभी स्ट्रीमिंग राइट्स खरीद लिए. 

ये बाकियों के लिए थोड़ा आउट ऑफ सिलेबस हो गया था. खासकर ये जानते हुए कि यूट्यूब के पास इन चैनल्स या डिजिटल प्लेटफॉर्म्स में नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम वीडियो जितना बड़ा प्रोडक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है. इसलिए देखा जाए तो अब यूट्यूब को बिल्कुल शून्य से शुरुआत करनी है. अगले 3 सालों में उसे न केवल एक बड़े, बल्कि ग्लोबल सेटअप के साथ इस इवेन्ट को होस्ट करना होगा. वरना ऑस्कर का ये कदम मिसफायर साबित हो सकता है.

वैसे ऑस्कर का टीवी छोड़कर डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर शिफ्ट होना एक बड़ा कदम है. मौजूदा समय में लोग टीवी से दूरी बना रहे हैं. अवॉर्ड शोज़ की व्यूअरशिप में भी बड़ी गिरावट आई है. यूं कहें कि जनता अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के पास जा रही है. ऐसे में ऑस्कर, यूट्यूब के जरिए बड़ी ऑडियंस, खासकर यूथ को अपने पास खींच सकता है. इस दौरान ये दुनिया भर के लोगों के लिए फ्री में अवेलेबल रहेगा. संभव है कि यूट्यूब की जगह अकेडमी अवॉर्ड्स खुद ही इस इवेंट के प्रोडक्शन का जिम्मा भी संभाल ले.

पहले ऑस्कर और ABC के बीच इवेंट के होस्ट और लेंथ को लेकर अक्सर नोक-झोंक होती रही है. मगर यूट्यूब पर समयसीमा की बंदिश नहीं है. ऐसे में इस इवेंट को बिना किसी रोक-टोक के स्ट्रीम किया जा सकेगा. इस दौरान दर्शक अपने फोन या कंप्यूटर पर इसे क्लोज्ड कैप्शन और यूट्यूब के मल्टीपल ऑडियो ट्रैक फीचर के जरिए देख सकेंगे. दूसरे शब्दों में कहें तो मंच से कोई कोरियन में बोले या स्पैनिश, या फिर लैटिन में, आप घर बैठे उसे अपनी भाषा में देख-सुन सकेंगे.

वीडियो: ऑस्कर अवॉर्ड के करीब पहुंची नीरज घेवान की 'होमबाउंड'

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