'ओके जानू' मूवी रिव्यू : ये क्या था 'फिगर आउट कर लेंगे'
एक लड़का और लड़की प्यार करते हैं, काम करते हैं, तो शादी करना जरूरी काहे हो जाता है?
आशीष मिश्रा
13 जनवरी 2017 (Updated: 13 जनवरी 2017, 06:31 PM IST)
बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्म की कहानी कैसी होती है? एक लड़का होता है, एक लड़की होती है. दोनों मिलते हैं. प्यार होता है, प्यार में समस्या आती है, अंत में शादी हो जाती है. फिर इस लव स्टोरी में कुछ और कैसे हो सकता है? सबकुछ वही है जो आप आंख मूंदकर लव स्टोरी के नाम पर लिख देते हैं. लेकिन, लेकिन, लेकिन फिल्म कुल जमा जिस बारे में बात करती थी, वो शादी नहीं. शादी की जरूरत क्या है?
https://www.youtube.com/watch?v=mryO67uTPPQ
लड़का है गेम बनाता है, एक रोज़ मुंबई आ रहा होता है, ट्रेन में सोते-सोते एक गेम का आइडिया आ जाता है, गेम का आइडिया बेच देता, किसको बॉस को, बॉस कौन. प्रह्लाद कक्कड़. यहीं से ये तय हो जाता है कि कल को वो विदेश जाएगा. इस फिल्म में ढेर सा प्रह्लाद कक्कड़ हैं, और आप ऐसे हो जाते हो, अच्छा ये है वो ऐड वाले प्रह्लाद. लड़की है पहले ही सीन में सुसाइड करने को जाती दिखती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं करती. बहुत चिबिल्ली है. श्रद्धा कपूर जैसी फिल्मों में होती हैं, सुन्दर शॉर्ट्स पहनती है, वॉलपेपर बन सकने वाले क्लोजअप देती है. उसके ऑफिस के बगल में नाला बहता है. उसको कल को पेरिस जाना है, आर्किटेक्टरी करने. लड़का-लड़की दोनों पास आते हैं, प्रेम होता है, इस बीच आपको पैंतालीस मिनट जमके मुंबई दर्शन कराया जाता है. वो बर्फ गोला खाते हैं, सेल्फी खींचते हैं, बाइक चलाते हैं. आप देखते रहते हैं. ये नोट कर लें, नीचे से लाइट मारकर मुंबई की बिल्डिंग्स दिखाओ तो मुंबई और सुन्दर दिखती है. बीच में अहमदाबाद भी चले जाते हैं, साबरमती पहुंच जाते हैं, आप देखते हैं क्योंकि ये शाद अली की फिल्म है.

अब फिल्म का बड़ा सवाल, दो लोग हैं, प्यार करते हैं तो शादी करना जरुरी क्यों हो जाता है? घर में होते हैं, बड़े भाई-बुरी मां. जो प्रोग्रेसिव हुए तो इतना ही कि बच्चों की उनके मन से शादी करा देंगे, पर मान लो बच्चे शादी ही न करना चाहें तो? मां लो उनको करियर ज्यादा रुचता हो तो? वही सवाल खड़े कर फिल्म अपनी सुविधा से खत्म हो लेती है. लड़का-लड़की की समस्याएं आम हैं, घरवालों का शादी का प्रेशर, खुर्राट मकानमालिक जो घर में लड़के-लड़कियां नहीं आने देते, अब फिल्म का बड़ा सवाल, दो लोग हैं, प्यार करते हैं तो शादी करना जरुरी क्यों हो जाता है? उनको डर होता है, एक साथ रहेंगे किसी दिन फैमिली वाले आ जाएंगे तो क्या करेंगे, सेक्स के लिए जगह नहीं मिलती, अनचाही प्रेग्नेंसी का डर होता है.

पर इस सबके बीच प्रेम बढ़ता रहता है, अंत में फिल्म आपको कहां छोडती है? वहीं जहां सबसे सुविधाजनक हो सकता है. दो लोग जो प्यार करते हैं उनको शादी कर लेनी चाहिए. साथ रहना चाहिए. एक बड़ा सा सीन होता है, जिसके बाद आप हमेशा की तरह कन्विंस हो जाते हैं, हां यार! ठीक है! जब प्यार करते हो तो साथ रहो न प्यार ईमेल या फोन पे थोड़े होता है, वहां तो बात होती है. आप गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड का हाथ पकड़कर फिल्म देखते हैं, बीच में कुछ अच्छे गाने बजते हैं, जो बाहर निकलने तक भूल जाते हैं.

अब जानिए फिल्म में क्या है? क्योंकि ये श्रद्धा कपूर की फिल्म है, और श्रद्धा कपूर उन तमाम लड़कियों के लिए वरदान हैं जो डीपी पर अपनी फोटो नहीं लगाना चाहतीं तो इस फिल्म में ढेर सा क्लोजअप है, जो आपकी डीपी बन सकता है. श्रद्धा कपूर हैं तो अच्छी-अच्छी ड्रेसेज भी होंगी. एक विलेन वाली वो फिरकी भी होगी जो गोल-गोल घूमती है, ऐसा लगता है उस फिल्म के सेट पर बच गई थी तो यहां उठा लाई हैं. अब क्योंकि श्रद्धा कपूर हैं, तो बिस्तर पर कूदने वाले भी कई सीन होंगे, छत पर स्लो मोशन में रोमांस होगा, फिर श्रद्धा हैं तो पानी में कूदना भी जरूरी है.

आदित्य रॉय कपूर ने नया लेवल अनलॉक किया है. फितूर और आशिकी टू में हीरोइन बालकनी में खड़े होक उनको कार से जाते देख टाटा कर रहीं थीं. यहां वो बालकनी में खड़े होकर टाटा करने वाला काम आदित्य ने किया है. इस बार तो आशिकी टू वाली हीरोइन भी थी. नसीरुद्दीन शाह हैं, बहुत क्यूट लगते हैं, इस फिल्म की सबसे अच्छी चीजों में वो भी हैं, लेकिन उनको ऐसी फिल्में नहीं करनी चाहिए. शो पीस जैसे लगते हैं.


कुछ सीन ऐसे हैं कि सिर पर हाथ मार लेने का मन करता है, बाहर जाओ तो ट्रेन छूटेगी ही. होटल जाओगे तो कमरा एक ही लोगे. और कमरा हनीमून वाला ही मिलेगा. हनीमून वाले कमरे में बिस्तर-रजाई एक ही होगी. गुजरात जाओगे तो वहां गरबा टाइप्स कपड़े पहनोगे ही. फिल्म में एक सीन है, मुंबई लोकल में रोमांस का, उस सीन को देख जनता कतई वार्म सा रोमैंटिक होती है, लेकिन दिल्ली मेट्रो में वही हो जाए तो एमएमएस बनाकर फेसबुक पर वायरल करा देती है.
तो फिल्म ऐसी है कि रिलेशनशिप वाले जाएं, साथ-साथ देखें. कुछ सीखने न जाएं. इनने इशू ठीक उठाया, कहो कि बोल्ड उठाया पर क्योंकि फिल्म दिखानी है, पैसे कमाने हैं, जनता को पचने योग्य एंडिंग देनी है तो तय किया लड़का-लड़की हैं प्यार होगा साथ में रहेंगे, कोई उपाय नहीं है, शादी करा दो. आप तो बस देखो-देखो. अच्छी फिल्म है.
https://www.youtube.com/watch?v=HLdbAdya2po
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