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'पूरी ज्यूरी को पता था मैं क्या कहने वाला हूं, मेरे पास चैट्स और ई-मेल हैं'- नदाव लापीद

नदाव लापीद ने कहा कि उन्होंने जो किया, वो उनकी ज़िम्मेदारी थी.

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IFFI ज्यूरी हेड नदाव लापीद.
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30 नवंबर 2022 (Updated: 30 नवंबर 2022, 19:06 IST)
Updated: 30 नवंबर 2022 19:06 IST
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IFFI 2022 में इज़रायली फिल्ममेकर Nadav Lapid के बयान पर भयंकर विवाद हो रहा है. उन्होंने 'द कश्मीर फाइल्स' को 'वल्गर' और प्रोपगैंडा' फिल्म बता दिया था. पिछले दो दिनों से वो इस वजह से विवादों का केंद्र बने हुए हैं. लापीद ने अपने इस बयान के बारे YNet से बात करते हुए कहा था कि वो स्टेज से इस बात को कहने से पहले बड़े दबाव में थे. क्योंकि उन्हें लग रहा था कि वो इंडिया के गेस्ट हैं. उन्हें इतने प्रेम और सम्मान के साथ ट्रीट किया जा रहा है. और उन्होंने वहां के फिल्म फेस्टिवल में आकर अटैक कर दिया. मगर वो अपने बयान पर कायम हैं. और उन्हें लगता है कि किसी को तो इस बारे में बोलना चाहिए.

नदाव लापीद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया की ज्यूरी के चेयरमैन थे. इंडियन फिल्ममेकर सुदीप्तो सेन इस ज्यूरी का हिस्सा थे. सुदीप्तो ने ये कहा था कि 'द कश्मीर फाइल्स' पर हुई चर्चा निजी बातचीत का हिस्सा थी. लापीद ने जो कहा, वो उनकी राय थी, न कि ज्यूरी बोर्ड की. इसपर जवाब देते हुए लापीद ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि ये कोई नहीं कह सकता कि क्या प्रोपगैंडा है और क्या नहीं. उन्होंने ये भी स्वीकारा कि 'द कश्मीर फाइल्स' एक ब्रिलियंट फिल्म है. मगर उन्होंने जो किया, वो उनकी ज़िम्मेदारी थी. बकौल, लापीद ज्यूरी सदस्यों का भी यही मानना था. मगर वो लोग खुलकर ये बात कहने से बच रहे थे.

अंग्रेज़ी में हुई इस बातचीत में लापीद ने साफ किया कि उन्होंने इतिहास में दर्ज घटनाओं पर टिप्पणी नहीं की है. उन्होंने बस एक फिल्म पर अपनी सिनेमाई समझ के आधार पर राय रखी है. उन्होंने कहा-

''स्क्रीनिंग रूम में मौजूद सभी लोगों का मत एक ही था. सभी जानते थे कि मैं स्टेज से क्या कहने जा रहा हूं.''

लापीद ने कहा कि उनके पास वॉट्सएप चैट्स और ई-मेल हैं, जो उनके दावों की पुष्टि कर सकते हैं. लेकिन वो ये समझते हैं कि लोग दबाव के चलते अपनी राय बदल सकते हैं. वो उन्हें जज नहीं करना चाहते.

लापीद अपनी बातचीत में आगे जोड़ते हैं कि उनके बयान का 'चीप मैनिपुलेशन' हुआ. यानी उसे सतही तरीके से तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. ताकि लोगों को भड़काया जा सके. 

नदाव लापीद ने ये कह दिया था कि 'द कश्मीर फाइल्स' इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित इवेंट के लायक फिल्म नहीं है. नदाव इज़रायली फिल्मकार हैं. 2003 में अपने करियर की शुरुआत बतौर डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर की थी. 2011 में उन्होंने अपने करियर की पहली फिल्म 'पुलिसमैन' डायरेक्ट की. अपने 11 साल लंबे फीचर फिल्ममेकिंग करियर में उन्होंने मात्र पांच फिल्में डायरेक्ट की. उनकी आखिरी फिल्म Ahed's Knee 2021 में रिलीज़ हुई थी. 

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