The Lallantop
Advertisement

मनोज बाजपेयी ने बताया कि कमर्शियल फिल्मों से सिनेमा को क्या फायदा होता है!

"कमर्शियल फिल्म वाले कहते हैं कि 'अलीगढ़' जैसी एक्टिंग नहीं चाहिए".

Advertisement
manoj bajpayee movies
मनोज बाजपेयी ने बताया कि क्यों मज़बूत सिनेमा बनाने के लिए कमर्शियल फिल्में करना ज़रूरी हैं. तेलुगु फिल्म 'वेदम' से उनकी फोटो.
font-size
Small
Medium
Large
20 मई 2023 (Updated: 20 मई 2023, 10:43 IST)
Updated: 20 मई 2023 10:43 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

एक एक्टर को क्या स्टार बनना चाहिए. या फिर ऐसी फिल्मों में ही खुद को समर्पित कर देना चाहिए जो उसकी कला को तराशती हैं. ज़ेहन में बसने वाली फिल्में करने वाले कलाकारों से अक्सर ये सवाल किया जाता है. हाल ही में मनोज बाजपेयी Guest in The Newsroom में बतौर गेस्ट आए थे. उनसे भी ये सवाल किया गया. उनका कहना था कि कमर्शियल फिल्मों की वजह से ही आर्ट सिनेमा कर पाते हैं. उनके प्रोड्यूसर्स को मदद मिलती है. 

मनोज ने इस बारे में कहा,

मैंने कभी कोशिश नहीं  की कि मैं कमर्शियल स्टार जैसा बनूं. लेकिन मेरा मानना है कि अगर आपको कोई कमर्शियल फिल्म मिल रही है. पूरी इज़्ज़त के साथ मिल रही है. अगर आप कमर्शियल फिल्म करते हो और वो हिट हो जाती है तो मुझे ‘भोंसले’, ‘गली गुलियां’ जैसी फिल्में करने की आज़ादी मिल जाती है. 

उन्होंने आगे कहा कि आपको अपने मन मुताबिक काम करने के लिए कमर्शियल सिनेमा के मार्केट की ताकत चाहिए होती है. साथ ही बताया कि अगर कमर्शियल मार्केट में उनकी वैल्यू बढ़ती है तो इससे ‘गली गुलियां और ‘भोंसले’ जैसी फिल्मों पर पैसा लगाने वाले लोगों को भी हिम्मत मिलती है. मनोज ने कहा कि कमर्शियल फिल्मों में काम करना उनके लिए पिकनिक के समान है. आगे जोड़ा,

कमर्शियल फिल्मों का डायरेक्टर नहीं चाहता कि आप रोल में घुसिए. वो कहता है कि इतना नहीं चाहिए सर. पॉज़ देकर एक्टिंग मत कीजिए. ‘अलीगढ़’ वाली एक्टिंग नहीं चाहिए. ‘राजनीति’ वाली चाहिए. हर किसी की अलग डिमांड होती है. 

मनोज बाजपेयी ने अपने करियर में बैलेंस बनाकर रखा है. ‘सत्या’, ‘कौन’, ‘गली गुलियां’ जैसी फिल्मों के साथ ‘सूरज पे मंगल भारी’, ‘तेवर’ और Mrs. Serial Killer जैसी फिल्में भी की. उनकी अगली रिलीज़ है ‘बंदा’. 23 मई को ये फिल्म ज़ी5 पर रिलीज़ होने वाली है. उन्होंने देवाशीष मखीजा के साथ मिलकर ‘जोरम’ नाम की फिल्म बनाई है. दुनियाभर के फिल्म फेस्टिवल्स में ये घूम रही है. उसके बाद पब्लिक के लिए रिलीज़ की जाएगी.                
 

वीडियो: फ़िल्म रिव्यू: कैसी है शर्मिला टैगोर और मनोज बाजपेयी की 'गुलमोहर'?

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement