कपिल शर्मा को राज ठाकरे की पार्टी से धमकी मिली, कहा-"अपने शो में बॉम्बे बोला तो..."
अमेय खोपकर ने कपिल शर्मा को वॉर्निंग देते हुए कहा कि वो उनकी इस हरकत का विरोध नहीं कर रहे, उस पर गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं.

Kapil Sharma एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. वजह है The Great Indian Kapil Show में बोला गया एक नाम. ये नाम है- Bombay. कपिल अपने शो में अक्सर मुंबई को बॉम्बे या बंबई ही बोलते हैं. इस बात पर Raj Thackeray की Maharashtra Navnirman Sena (मनसे) उनसे खफा हो गई है. पार्टी ने कपिल को धमकाते हुए कहा है कि वो इस शहर का सही नाम लिया करें. अगर वो ऐसा नहीं करते, तो उन्हें इसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं.
ANI से हुई बातचीत में मनसे फिल्म विंग के हेड अमेय खोपकर ने कहा,
"इस शहर का नाम मुंबई है. लेकिन हमने देखा है कि कपिल शर्मा के शो में अक्सर इसे बॉम्बे या बंबई कहा जाता है. हम इसका विरोध नहीं कर रहे बल्कि गुस्सा जता रहे हैं. जब आप बाकी शहरों को उनके सही नामों से बुलाते हैं, जैसे चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता, तो फिर हमारे शहर का अपमान क्यों? इसका सही नाम मुंबई है और उसे वैसे ही कहा जाना चाहिए."
खोपकर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा,
"आप इतने सालों से मुंबई में काम कर रहे हैं. मुंबई आपकी कर्मभूमि रही है. यहां के लोग आपको पसंद करते हैं और आपका शो देखते हैं. मुंबई हमारे दिलों में बसती है. इस शहर का अपमान मत कीजिए. मुंबई के लोगों का अपमान मत कीजिए. मैं कपिल शर्मा को वॉर्निंग दे रहा हूं."
मनसे ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कपिल ने ऐसा गलती से किया है, तो वो इसकी माफी मांग लें. चाहे उनके शो पर कोई भी सेलेब्रिटी आए, उन्हें ये बताया जाए कि वो मुंबई को बॉम्बे या बंबई ना कहे. अगर ऐसा नहीं किया जाता, तो मनसे कपिल और उनके शो का भरपूर विरोध करेगी. अमेय ने अपने X पर शो से जुड़ी एक वीडियो भी शेयर की. इसमें हुमा कुरैशी और साकिब सलीम मुंबई को बॉम्बे बोलते नजर आ रहे हैं.
बता दें कि मुंबई और बॉम्बे की ये बहस कई सालों पुरानी है. दरअसल मुंबई पहले सात टापुओं का समूह हुआ करता था. इसे पुर्तगालियों ने 'बोम बाहिया' यानी 'अच्छी खाड़ी' का नाम दिया था. 1661 में जब पुर्तगाली राजकुमारी कैथरीन की शादी इंग्लैंड के राजा चार्ल्स सेकेंड से हुई, तब ये टापू अंग्रेजों को दहेज में दे दिया गया. बाद में अंग्रेजों ने इन टापुओं को जोड़कर एक पोर्ट वाला शहर बनाया. तब इसका नाम बॉम्बे रखा गया था.
मुंबई नाम शहर की देवी 'मुंबा देवी' के नाम पर रखा गया है. 1970-1980 के दशक में शिवसेना ने बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई करने की मांग की. लंबे समय तक इसके लिए आंदोलन भी हुए. ये मांग 1995 में तब जाकर पूरी हुई, जब शिवसेना-बीजेपी की सरकार बनी. मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में ही राजधानी का नाम ऑफिशियली मुंबई करने का फैसला लिया. इस तरह 6 अक्टूबर, 1995 से बॉम्बे का नाम आधारिकारिक रूप से बदलकर मुंबई हो गया.
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