'कल्कि 2898 AD' ट्रेलर: कहानी का असली 'हीरो' सिर्फ सात सेकंड के लिए आया!
Prabhas की फिल्म Kalki 2898 AD Trailer को देखकर Mad Max: Fury Road और Children of Men जैसी फिल्में क्यों याद आती हैं.
Prabhas की फिल्म Kalki 2898 AD के मेकर्स ने अनाउंस किया था कि 10 जून को फिल्म का ट्रेलर आएगा. फिर खबर आई कि शाम के सात बजे ट्रेलर लॉन्च किया जाएगा. लोग इस पर Thala for a reason लिखने लगे. खैर मज़ाक की बात अलग पर 07:15 पर फिल्म का तेलुगु और हिंदी ट्रेलर रिलीज़ हो गया. ‘कल्कि 2898 AD’ के ट्रेलर से लग रहा है कि Amitabh Bachchan का किरदार अश्वत्थामा कहानी के केंद्र में है. जिस तरह बी.आर. चोपड़ा की ‘महाभारत’ में भीष्म पितामह केंद्र में थे, कुछ ऐसा ही रोल यहां अमिताभ बच्चन का होने वाला है.
‘कल्कि’ एक डिसटोपियन फिल्म है. यानी ऐसी दुनिया जहां लोगों को मूल संसाधनों से वंचित रखा जा रहा है. जहां आशा की हर किरण को बुझा दिया गया है. हमें बताया जाता है कि दुनिया का आखिरी शहर सिर्फ काशी बचा है. लोगों की इतनी बुरी हालत है कि पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है. इस शहर के बीचो-बीच एक बड़े टावर पर बना है कॉम्प्लेक्स. ये दुनिया किसी स्वर्ग की तरह है. ज़मीन पर रहने वालों को लगता है कि दुनिया का हर सुख-संसाधन कॉम्प्लेक्स में है. बस वो किसी भी तरह इस ज़मीन और आसमान के फर्क को खत्म करना चाहते हैं.
फिल्म का ट्रेलर आने से पहले लग रहा था कि प्रभास का किरदार कल्कि बनेगा. मगर शायद नहीं होने वाला. ट्रेलर में दिखता है कि दीपिका का किरदार गर्भ से है. अश्वत्थामा उससे कहते हैं कि आपके गर्भ में भगवान है. यानी ये बच्चा ही एक बेहतर दुनिया की आखिरी उम्मीद है. ज़ाहिर तौर पर कॉम्प्लेक्स की फौज दीपिका के किरदार को खत्म करना चाहेगी. इस काम के लिए भैरवा (प्रभास) को भेजा जाता है. वो एकदम नॉन-सीरियस किस्म का आदमी है. आगे वो कैसे सही की तरफ झुकेगा और लड़ेगा, यही फिल्म की कहानी लग रही है.
‘कल्कि’ के ट्रेलर को देखते हुए कई सारी फिल्में याद आती हैं. एक तो फिल्म के रेगिस्तान वाली लोकेशन देखकर लोग ‘ड्यून’ से जोड़ रहे हैं. दूसरी फिल्म है ‘चिल्ड्रन ऑफ मैन’. इस फिल्म में एक आशाहीन आदमी को इस दुनिया के आखिरी बच्चे को बचाना है. तीसरी फिल्म है ‘मैड मैक्स: फ्यूरी रोड’. ‘कल्कि’ के ट्रेलर में कुछ शॉट्स हैं जहां भीड़ भरकर आधुनिक ट्रकों पर लदी हुई. ये लोग किसी आर्मी का हिस्सा हैं. इस इमेज को देखकर सीधे-सीधे ‘मैड मैक्स’ दिमाग में आती है.
ट्रेलर की खामी ये है कि ये उत्सुकता नहीं जगाता. लार्जर दैन लाइफ वाले मोमेंट वो इम्पैक्ट पैदा नहीं कर पा रहे. मुमकिन है कि मेकर्स इसे लाउड ना बनाना चाहते हों. बाकी मज़बूत पक्ष ये है कि उन्होंने फैन्स को लुभाने के लिए प्रभास को केंद्र नहीं बनाया. आप लगातार अमिताभ के किरदार को देखते हैं. बाकी मेरे लिए सबसे एक्साइटिंग हिस्सा अंत में आता है. सिर्फ सात सेकंड के लिए. दीपिका कहती हैं,
जिसने अब तक अपनी पहली सांस नहीं ली, वो इतनी आखिरी सांसों का कारण कैसे बन सकता है.
अगले शॉट में हम कमल हासन से मिलते हैं. कहानी का विलन. फर्क समझ पाना मुश्किल है कि उसका जन्म अभी हुआ है, या वो हमेशा से इस दुनिया के बीच मौजूद था. विलन के बारे में जितना दिखाया, उससे जिज्ञासा बनी ही रहती है. फिल्म के VFX पर भी अच्छा काम हुआ है. चीजें नकली और बनावटी नहीं लग रही. बाकी 27 जून को ‘कल्कि 2898 AD’ सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. ये फिल्म चाहे लोगों को पसंद आए या नहीं, लेकिन इसे बड़े परदे पर देखने का अनुभव रोचक होने वाला है.
वीडियो: ट्रेलर रिलीज़ से पहले ही 'कल्कि 2898 AD' की तगड़ी एडवांस बुकिंग