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'जॉन विक-4' देखने की 4 कूल और माकूल वजहें

अगर आप ऐक्शन के मद्दाह हैं, तो वल्लाह! भरपूर ऐक्शन मिलेगा.

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john wick review
पिस्तौल ऐसे चलाता है कि थर्रा जाएंगे (फोटो - IMDB)
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सोम शेखर
3 अप्रैल 2023 (Updated: 29 मई 2023, 01:12 PM IST) कॉमेंट्स
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2 घंटे 51 मिनट की पिक्चर. जिसमें 2 घंटे से ज़्यादा गोली चली. इतनी कि खोखा बेच के अमीर होने वाली कहावत सच हो. यही है जॉन विक का मर्म. बीते संडे देखी गई. दुनिया की सबसे थ्रिलिंग और नृशंस ऐक्शन फ़िल्म फ़्रेंचाइज़ी में से एक.

इससे पहले कि हम अपने फोर पॉइंटर की तरफ़ बढ़ें, एक डिस्क्लेमर.

जॉन विक एक मसालेदार छौंकायुक्त एक्शन पिक्चर है. इससे और कोई भी अपेक्षा करना बेमानी है. कितनी भी थियरियां निकाली जा सकती हैं, कि इसमें ग्रीक और मध्य-कालीन यूरोप की कथाओं के संदर्भ है. लेकिन बिना थियरी के भी पिक्चर आपको वैसी ही लगेगी, जैसी लगेगी.

जॉन विक

जॉन विक कौन है? एक रिटायर्ड हिट-मैन. पेशेवर हत्यारों के छिपे हुए एक संगठन का लेजेंड. बहुत हैवी बात-चीत. संगठन पूरी दुनिया में ऐक्टिव है. जॉन विक का नाम भी. उसे कहते हैं, 'बाबा यागा'. बाबा यागा स्लाव परंपरा की लोककथाओं से लिया गया है. एक राक्षसी की कहानी है, जो अपने विक्टिम्स को पकाकर खाती है. आमतौर पर बच्चों को. जॉन विक ये वाला 'बाबा यागा' नहीं है. वो तो अपराध की दुनिया से रिटायर हो चुका था. एक लड़की से प्रेम हुआ, और हत्यारे को अपनी हर हत्या क्रूर लगने लगी. बड़ी जद्दोजहद के बाद अपराध जगत से निकल गया. पत्नी से प्रेम करता था, वो चली गई. पत्नी ने एक कुत्ता गिफ़्ट किया था. पुराने जुर्मों ने उसे भी छीन लिया. जॉन विक ने फिर बंदूक़ें निकालीं. और, फिर भाई रुका नहीं.

इस पार्ट के लिए बनाए गए अलग अलग क्रिएटिव पोस्टर्स (फोटो - IMDB)

भतेरी ऐक्शन और असैसिन फ़िल्में हैं, लेकिन जॉन विक जैसा ग्रेस नहीं मिलेगा. आमचरों की ज़ुबान में कहें, 'क्लास'. ऐक्शन फिल्मों में आप अपेक्षा करते हो कि वज़नदार बंदूक़ें होंगी, विस्मय से बड़ा सीक्वेंस होगा. मिस्टर विक ने क्लोज़-कॉम्बैट और पिस्टल के दम पर चार पिक्चरें निकाल दीं. थ्री-पीस सूट में गाजर-मूली की तरह लोग मारता है. कभी एकाध गोली लग गई तो लग गई, नहीं तो 'रॉकी भाई' से कम धनक नहीं है विक की. ऐसा नहीं है कि विक पिटता नहीं है. पिटता है, गिरता है; रुकता नहीं है. सीक्वेंस शुरू होते ही गाड़ी टक्कर मार देती है या दोमंज़िला से गिर जाता है. तब आपको लगेगा चोट लग गई, अपना 100% नहीं दे पाएगा. पर आप इस बात पर अचंभित रहेंगे कि ये मरता नहीं है क्या? क्योंकि वो फिर उठेगा और जिस विलन का इतना भौकाल दिखाया गया, उसके सिर में कुल्हाड़ी मार देगा.

लेकिन जॉन विक केवल अपनी जघन्यता के लिए नहीं जाना जाता है. वो एक वफ़ादार दोस्त है. एक धड़कता दिल और ज़हीन दिमाग़ है, जिसे मुक्ति चाहिए.

कियानु रीव्स

कुछ ऐक्टर्स, कुछ रोल्स के हो जाते हैं. वो कोई भी फ़िल्म कर लें. ऐसे ही याद किए जाते हैं: 'अरे! वो शेरलॉक वाला ऐक्टर'. या, 'अपना आयरन मैन'. ये सितम कई एक्टर्स के साथ हुआ है. कुछ भुना पाए, कुछ खप गए. कियानु बीच में है. लेकिन जॉन विक तो वही हैं. जेम्स बॉन्ड बदल सकता है. पियर्स ब्रॉसनन के बाद डैनियल क्रेग हो सकता है. लेकिन जॉन विक नहीं. जॉन विक मतलब कियानु रीव्स. जो बिल्ट, जो ग्रेस, जो डरावनी गंभीरता उस किरदार में चाहिए, कियानु ऑफ़र करते हैं.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, कियानु ने ख़ुद किरदार के डायलॉग्स कम करवा दिए. कुल 380 शब्द कहे हैं तीन घंटे की पिक्चर में. कई गुंजाइशों पर आपको लगेगा, यहां कुछ तो बोलना चाहिए था. विक नहीं बोलेगा. पुराना दोस्त मिले या दुश्मन, विक ख़ामोश रहेगा. एक गिलास पानी पी लेगा, या गिलास में जो भी हो.

जॉन विक मतलब कियानु रीव्स. (फोटो - IMDB)

जॉन विक के इंट्रोडक्शन में हमने आपको बताया कि वो एक पेशेवर हत्यारा है. लेकिन किरदार बस इतना नहीं है. जॉन विक ख़ुद को कैसे याद करना चाहता है? एक प्रेम करने वाले पति के तौर पर. वो चाहता उसकी क़ब्र पर लिखा जाए: 'जॉन, लविंग हस्बेंड'. वो एक आशिक़ आदमी है. प्रेम से सराबोर. और, अपराधियों की ये दुनिया उसकी टॉक्सिक-एक्स है, जो पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रही. कियानु किरदार की कमज़ोरी, थकान, फ़ैज़ और क्रूरता की लेयर्स को बेहतरीन तरीक़े से जज़्ब करते हैं.

बेतहाशा ऐक्शन

अगर आप ऐक्शन के मद्दाह हैं, तो वल्लाह! भरपूर ऐक्शन मिलेगा. तड़-तड़-तड़-तड़, केवल गोलियां चलती रहेंगी. और जब नहीं चल रही होंगी, तो चलने का माहौल बनाया जा रहा होगा. चूंकि जॉन विक में कोई लार्जर दैन लाइफ़ सीक्वेंस नहीं है. मसलन, गाड़ियां उड़ती नहीं दिखेंगी, एलियन्स अपने उड़नखटोलों से नहीं आएंगे, पनडुब्बियों को पानी से बाहर नहीं निकाला जाएगा. केवल अलग-अलग लोकेशन्स पर विक अपनी स्किल्स के दम पर लोगों को मारता रहेगा. कभी पिस्तौल से, कभी तलवार-कुल्हाड़ी से और कभी पेंसिल से. और इन तमाम सीन्स में आपको थ्रिल आएगा. क्यों? दो कारण हैं. एक तो इस 'डांस ऑफ़ डेथ' को बहुत महीन तरीके से रचा गया है. दूसरी, एक थियरी है. ये जो गोली न चलने के समय माहौल बनाया जाता है, वही एक्शन को ग्रैंड कर देता है.

ऐक्शन में कॉमेडी के भी कुछ पल मिलेंगे. (फोटो - IMDB)

आप जॉन विक का इंट्रो सीन यूट्यूब पर देख लीजिए. एक रूसी माफ़िया जॉन विक का परिचय दे रहा है, कि ये आदमी किस क़ूवत का है. उस अकेले ने ऐसा क्या कर दिया, कि पूरी दुनिया में उसके ख़ौफ़ की तूती है. दूसरी तरफ़ जॉन अपने बेसमेंट का फ़र्श तोड़ रहा है. अपने गड़े हुए हथियार निकालने के लिए. ये कट-सीक्वेंस देख कर ही आपके सिर के बाल खड़े हो जाएंगे. पूरी सीरीज़ में ऐसे सीन हैं, जो आपको पहले ही मारधाड़ के लिए हाइप देते हैं. और मारधाड़ निराश नहीं करती.

इसका पूरा क्रेडिट जाता है सिरीज़ के डायरेक्टर चैड स्टेल्स्की को. मज्जेदार बात ये है कि चैड ने शुरुआती दौर में एक स्टंटमैन के तौर पर काम किया. मैट्रिक्स में कियानु रीव्स के स्टंट डबल चैड ही हैं.

क्लोज़र

चौथा पार्ट आपको एक समापन देता है. कुछ लोग निराश हो सकते हैं, हताश नहीं होंगे. फ़िल्म में आपको कई ऐसे सीन दिखेंगे, जिसकी झलक आपको पुराने पार्ट्स में मिलती है. थीम तो वही है, जॉन विक बनाम दुनिया. सामने एक हेकड़ विलन है, जिसे मुग़ालता है कि वो पिताजी है. फिर पीछे से जॉन विक आता है और कहता है, 'हेलो!' ये बात ग़लत है. जॉन विक हेलो नहीं कहता. उसके पास 380 शब्द ही हैं ख़र्चने को. वो फ़ज़ूल की हेलो-हाय नहीं करता. मुक्ति का रास्ता पुराने और नए दुश्मनों से भरा है. विक के सिर पर एक इनाम है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है. जैसे-जैसे इनाम बढ़ रहा है, लाशें भीं.

सब जॉन विक के दोस्त हैं. जॉन विक के कम दोस्त हैं. (फोटो - IMDB)

अगस्त 2020 में ख़बर ये आई थी कि 'जॉन विक: चैप्टर 5' पर विचार चल रहा है और इसे चैप्टर 4 के साथ ही शूट किया जाना है. मगर, मार्च 2021 तक ये साफ़ हो गया कि दोनों फ़िल्मों को बैक-टू-बैक शूट करने का प्लैन रद्द कर दिया गया है और चौथे पार्ट पर ही फ़ोकस रहेगा. हमारा 'हीरो' अभी और मार झेल सकता है, लेकिन सीरीज़ को आख़िरकार ख़त्म होना ही है. फिर शूट रद्द होने की ख़बरें, रीव्स की चिंताएं और डायरेक्टर चैड स्टेल्स्की की हिचकिचाहट से लगता है सीरीज़ यहां ख़त्म. सिलसिला 2014 में शुरू हुआ था. 2023 में ख़त्म.

फ़िल्म 24 मार्च को रिलीज़ हुई थी. सिनेमा घरों में चल रही है. अच्छी चल रही है. आप भी देख आइए.

वीडियो: मूवी रिव्यू: भोला

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