जावेद अख्तर ने पाकिस्तानी एक्ट्रेस को ऐसा जवाब दिया, सुनकर बोलती बंद हो जाएगी
पाकिस्तानी एक्टर बुशरा अंसारी के कमेंट पर जावेद अख़्तर ने कहा भारत में मुसलमानों के प्रति कड़वाहट की वजह पाकिस्तानी और उनकी हरक़तें हैं

Pahalgam Attack और Operation Sindoor पर Javed Akhtar ने अपने अंदाज़ में विचार रखे हैं. Pakistan और उसकी करतूतों पर वो जमकर बरसे. हाल ही में जब वो The Lallantop के ख़ास कार्यक्रम बैठकी में आए, तो इन मुद्दों पर उन्होंने खुलकर बातचीत की. बीते दिनों पाकिस्तानी एक्टर Bushra Ansari ने उनके लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें ख़ामोश रहने को कहा था. ये भी कहा था कि इन्हें तो मुंबई में लोग घर तक नहीं देते हैं. बुशरा की बात का जवाब जावेद अख़्तर ने दी लल्लनटॉप के दफ्तर में दिया. कहा -
“उन्होंने बहुत ग़ुस्से में मुझे एक मशविरा दिया कि आप ख़ामोश क्यों नहीं रहते हैं. अरे तुम कौन भाई. जो मुझे बता रही है कि कब मैं बोलूं और कब चुप रहूं. कौन हैं आप मुझे ये राय देने वाली ? और ये हक़ आपको कहां से मिला मुझ पर ? आप क्यों ये उम्मीद कर रही हैं मुझसे ? आपकी उम्मीद ग़लत है.”
जावेद अख्तर से पूछा गया कि वो कह रही हैं कि आपको मुंबई में मकान भी नहीं मिलता. इसके जवाब में जावेद ने कहा -
"हां मैं और शबाना तो सड़क पर सोते हैं आजकल. (मुस्कराते हुए बोले) वो सही कह रही है. अब क्या बोलें इन्हें ? आज से कोई 20-25 साल पहले ये हुआ था. शबाना इन्वेस्टमेंट के लिए कोई फ्लैट ख़रीदना चाहती थी. और उन्होंने नहीं दिया. ब्रोकर ने साफ़ बता दिया कि ये मुसलमान को फ्लैट नहीं देना चाहते. शबाना जैसी इंसान को उन्होंने मुसलमान काउंट किया. ये अलग बात है, लेकिन उसे नहीं दिया मकान. ये सच है. मगर ये कौन लोग थे. ये वो लोग थे जिनके मां-बाप सिंध में रहते थे. जिन्हें तुमने सिंध से निकाला. उनकी ज़मीन, जायदाद, सामाजिक इज्ज़त, पेशा, सब कुछ उनसे छीन लिया. वो शरणार्थी की तरह यहां आए. यही ग़रीब सिंधी सड़कों पर कपड़ा बेचते थे. छोले बेचते थे. अपनी मेहनत से इन्होंने अपनी एक पोजीशन बनाई. लेकिन उनके साथ जो हुआ था, उसकी कड़वाहट उनमें है. वो कड़वाहट हम पे निकल जाती है. तो इसका जिम्मेदार कौन है ? हम या तुम ? जिन्होंने इन्हें निकाला था. और तुम हमें बता रही हो कि उसने घर नहीं दिया था ? उसने घर अगर नहीं दिया था तो तुम्हारी वजह से नहीं दिया था."
पार्टीशन की बात करते हुए जावेद ने आगे कहा -
“ठीक है कि ऐसे कई सिंधी भूल गए उस बात को. लेकिन मैं अपने आप से पूछता हूं. कि कल को मुझे कोई बोले कि 24 घंटे से पहले एक पोटली में जितना सामान बंधे, बांधो और यहां से चले जाओ. मुंबई छोड़कर कहीं भी चले जाओ. और मैं अपना घरबार, अपनी इज्ज़त, अपनी दौलत, अपना रुतबा, अपने दोस्त छोड़कर चला जाऊं. रास्ते में भी मेरे कुछ साथी मारे जाएं. फिर मुझे कहीं एक टेंट में बैठा दिया जाए और खाना मुझे लाइन में लगने के बाद मिले. कैसा लगेगा मुझे ? वो आदमी जिसने शबाना को घर नहीं दिया, उसके साथ ये हुआ था. तुम उस पर इल्ज़ाम लगा रही हो ? तुम अपने गिरेबान में झांको. अगर हमारे साथ ये हुआ, तो इसका जिम्मेदार कौन है ? ये तो एक वाकया है. इसी मुल्क में हमें कितनी इज्ज़त मिली. कितना प्यार मिला. हमारा मुल्क है भाई. क्यों नहीं मिलेगा ? और तुम हमें बताती हो कि हम कब छिप रहे हैं !”
क्या कहा था बुशरा अंसारी ने
दरअसल पहलगाम आतंकी हमले के बाद जावेद अख़्तर ने सरकार से इस हमले के सरगनाओं पर सख़्त कार्रवाई की मांग की. भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के आने और काम करने का भी विरोध किया. जावेद की नाराज़गी और उनके तेवर बुशरा अंसारी को अखर गए. एक वीडियो में उन्होंने जावेद अख़्तर का नाम लिए बग़ैर कहा -
"हमारे तथाकथित लेखक, उनको तो बहाना ही चाहिए था. दरअसल उनको तो मकान किराए पर नहीं मिलता था बॉम्बे में. अपने अस्तित्व के लिए जितनी चाहे वो (इशारो में कहा) कर सकते हैं. पता नहीं क्या-क्या बोल रहे हैं आप? कोई हया करें. मरने में आपके दो घंटे रह गए हैं. ऊपर से आप इतनी फिज़ूल बातें कर रहे हैं."
बहरहाल, जावेद अख़्तर अब तक सैकड़ों फिल्में और गाने लिख चुके हैं. देश के दो सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री और पद्म भूषण, दोनों ही उन्हें दिए जा चुके हैं. पांच नेशनल अवॉर्ड भी उनके खाते में हैं.
वीडियो: बैठकी: "तुम इन मुल्लाओं से खुश हो?", जावेद अख्तर ने किसी को नहीं बख्शा