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"तुम लोग तो लाशें तक..."- पाकिस्तानी आर्मी चीफ पर जमकर बरसे जावेद अख्तर

जावेद अख्तर ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ़ आसिम मुनीर को ऐसा आईना दिखाया, उम्र भर याद रहेगा.

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Javed Akhtar, Pakistani General Asim Munir
जावेद अख़्तर ने अपने हालिया इंटरव्यू में पाक आर्मी जनरल आसिम मुनीर को असंवेदनशील आदमी बताया.
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अंकिता जोशी
14 मई 2025 (Published: 03:55 PM IST) कॉमेंट्स
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Pakistan और उसकी हरक़तों पर Javed Akhtar के बयान लगातार सुर्खियों में हैं. हाल ही में लॉयर और पॉलिटीशियन Kapil Sibal के यूट्यूब चैनल पर उन्होंने Pakistani Army Chief General Asim Munir को आड़े हाथों लिया. मुनीर के उस बयान की धज्जियां उड़ाईं, जो उन्होंने Pahalgam Terrorist Attack के छह दिन पहले दिया था. वो हमला जिसके बाद भारत ने Operation Sindoor को अंजाम दिया और पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. Foreign Secretary Vikram Misri समेत कई न्यूज़ चैनल भी मुनीर के इस बयान को पहलगाम हमले से जुड़ा बता चुके हैं. उसकी वजह बता चुके हैं. 

पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने कहा था,

"हमारे पूर्वजों का मानना ये रहा कि हम हिंदुओं से जिंदगी के हर पहलू पर अलग हैं. हमारा धर्म अलग. रीति-रिवाज़ अलग. परम्परा अलग. हमारे विचार, हमारे लक्ष्य… सब अलग हैं."

एक ओवरसीज़ पाकिस्तानी कन्वेंशन में मुनीर ने ये बातें कही थीं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जावेद अख़्तर ने कहा,

“मैंने पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ का भाषण इंटरनेट पर सुना. ये कितना इनसेंसिटिव आदमी है. इसको एक बात का ख़याल नहीं है. भई हम बुरे लोग हैं. इंडियंस बड़े ख़राब लोग हैं, तो हमको गालियां दो ना! तुम ये कह रहे हो कि हिंदू ऐसे होते हैं. तुम्हारे मुल्क में, चलो दो ही परसेंट लोग हैं. ढाई ही परसेंट लोग हैं. मगर हिंदू रहते हैं ना? तुम्हें उनकी कोई इज्ज़त नहीं है? तुम हिंदुस्तानियों को गाली दो, तो मुझे समझ में आएगा कि हम बड़े ख़राब लोग हैं. हम देखो कारगिल में घुस गए थे. हम कश्मीर में कई बार घुस गए थे. सारे ख़राब काम तो हम करते हैं ना? तुमने तो आज तक कुछ नहीं किया बुरा. मैं मान लेता हूं. मगर अपने मुल्क़ में जो हिंदू रहते हैं, उनकी तो इज्ज़त करो तुम.”

जावेद अख़्तर ने इस इंटरव्यू में आगे कहा,

“उनकी जो मिसाइल्स हैं, उनमें एक का नाम है अब्दाली. चलो एक बार को मैं सोच लूं कि जब हिंदुस्तान में मुसलमान ही नहीं थे, तो उन्होंने जो हमला किया था, वो उन्होंने काफिरों पर किया था. अरे, मगर अब्दाली ने जब हमला किया था और जहां हमला किया था, वहां मुसलमान रहते थे. तो अब्दाली तुम्हारा हीरो है. जो लोग ज़मीन पर पैदा हुए, वो तुम्हारे हीरो नहीं हैं. वो हमलावर जो तुम्हीं पर हमले कर रहा था. तुम्हारा कॉन्सेप्ट ऑफ हिस्ट्री क्या है?”

# तक्षशिला के बुत तुम्हारे नहीं, तो ये ज़मीन कैसे तुम्हारी है? 

जावेद अख़्तर ने पाकिस्तान के वजूद, उसकी पहचान को भी उघाड़ा. उन्होंने कहा,

“असल में इनका (पाकिस्तान का) चक्कर क्या है कि इनका इतिहास और भूगोल मेल नहीं खाता. इसलिए कि ये गाना गाते हैं- ‘सूनी धरती अल्लाह रक्खे कदम-कदम आबाद’'... और इनका हीरो है मोहम्मद बिन क़ासिम. जिसने इस सूनी धरती पे हमला किया. तो हिस्ट्री कुछ और ज्यॉग्रफी कुछ और. अब उसे खोदो, तो उसमें तक्षशिला के बुत निकलते हैं. तो ये बुत तुम्हारे बाप-दादाओं के हैं कि नहीं हैं? अगर नहीं हैं, तो ये ज़मीन कैसे तुम्हारी है? उनकी ज्यॉग्रफी एक सीरियस प्रॉब्लम है. अच्छा ये जिसका कहते हैं कि हम उनके हैं, वो कहते हैं तुम हमारे कोई नहीं. इनको अभी ज्यादातर जो अरब मुल्क़ हैं, उन्होंने बैन कर दिया है, क‍ि पाकिस्तानी को वीज़ा ही नहीं देना है. तुम ये बोलते हो, हम उनके हैं. जैसे कोई दिल्ली में सड़क पर लड़का घूम रहा हो, वो कह दे कि मैं शाहरुख खान का भाई हूं. शाहरुख खान कह रहा मैं तुम्हें पहचानता ही नहीं भाई. ये इनका हाल है.” 

# “पाकिस्तान की अवाम से पूरी सहानुभूति है” 

इस बातचीत में जावेद अख़्तर ने पाकिस्तान की अवाम के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा -

“मुझे बहुत दुख होता है. मेरे बड़े अच्छे-अच्छे दोस्त वहां हैं. बड़े अच्छे लोग हैं वो. पर फंसे हुए हैं बेचारे. उनके पास कोई पावर तो है नहीं. कोई दख़ल नहीं उनका और होने का चांस भी नहीं है. किसी भी मुल्क़ में सारे लोग एक से नहीं होते. अगर मुल्क़ की हुक़ूमत ख़राब है, तो सबसे ज्यादा तो ख़राब उनके लिए होगी जिन पर वो राज कर रहे हैं. मुल्क़ की अगर फ़ौज ख़राब है, तो सबसे ज्यादा तो ख़राब उनके लिए होगी जिन पर उसका असर है. ये जो लोग भुगत रहे हैं उस मुल्क़ में. हम उनसे क्यों दुश्मनी मोल लें. हम उन्हें क्यों गाली दें. नहीं, हम नहीं करेंगे ऐसा. हमको फौज, हुक़ूमत और मुल्ला... बस इस तीन से वास्ता है. हमारी पूरी सहानुभूति है पाकिस्तान की उस मासूम अवाम से, जो इनके ज़ुल्म सह रही है. चाहे वो बलूचिस्तान में रहती हो. चाहे सिंध में रहती हो. चाहे वो पंजाब में रहती हो. और ये एक ग़लती और हो रही है. अरे भाई कश्मीरियों ने अपनी मर्ज़ी से हिंदुस्तान चुना है. हिंदुस्तान की फौज नहीं चली गई थी वहां. सच ये है कि इनपे तो हमला कर दिया था पाकिस्तान ने.”

# अपने शहीद सैनिकों की इज्ज़त नहीं करते, हमारी क्या करोगे ? 

कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने अपने ही सैनिकों से शव तक लेने से इनकार कर दिया था. इस पर जावेद अख़्तर ने कहा -

“अच्छा पाकिस्तान का एक और भी कमाल है. जो पाकिस्तानियों को फेस करना चाहिए. अरे भई हमारा सिपाही मरता है, तो हम उसे सैल्यूट करते हैं. उसकी अर्थी में हिंदुस्तान का झंडा लेकर चलते हैं. उसकी अर्थी पर हिंदुस्तान का झंडा रखते हैं. इसने हमारे मुल्क़ के लिए जान दी है. जो लोग कारगिल में मरे, उनकी बॉडी लेने को तैयार नहीं थी पाकिस्तान आर्मी. उनको हिंदुस्तान ने बड़े तरीक़े से मौलवी बुलाकर सुपुर्द-ए-ख़ाक किया. उसके बाद उनकी तस्वीरें भारतीय फौजी अफ़सर ने उन्हें सौंपी कि ये तुम्हारे वो अफ़सर हैं, जिन्हें हमने दफ्न करवाया. उसने एल्बम लेने से इनकार कर दिया. कहा- ‘मैं नहीं लूंगा. मैंने लिया तो हम तो मान लेंगे कि ये हमारी आर्मी के लोग थे’. मीटिंग खत्म हुई. बाहर मिले तो हाथ मिलाते हुए पाक अफ़सर ने कहा कि छोड़ो, वो मीटिंग ऑफिशियल थी. अन-ऑफिशियली मुझे एल्बम दे दो. मैं उनके घरवालों को ख़बर कर दूंगा. तो तुम्हें तो जो तुम्हारे मुल्क़ के लिए जान दे रहे हैं, ग़लत या सही, उन्हीं की इज्ज़त नहीं है, तुम हमारी क्या इज्ज़त करोगे भाई.”

हम याद दिला दें कि जावेद अख़्तर को साल 2023 में पाकिस्तान से एक कार्यक्रम में शरीक़ होने का बुलावा आया था. इस्लामाबाद में बड़ी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया गया. तीन-चार हज़ार लोग उन्हें सुनने आए. उनसे पूछा गया था कि हिंदुस्तानी और पाकिस्तानी बग़ैर लड़े क्यों नहीं चल पाते हैं? जावेद ने उन्हीं के मुल्क़ में उन्हें 26/11 का आतंकी हमला कड़े शब्दों में याद दिलाया था.

जावेद अख़्तर अब तक सैकड़ों फिल्में और गाने लिख चुके हैं. देश के दो सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री और पद्म भूषण, दोनों ही उन्हें दिए जा चुके हैं. पांच नेशनल अवॉर्ड भी उनके खाते में हैं.  

वीडियो: पहलगाम हमलाः पाक कलाकारों के भारत आने पर क्या बोले जावेद अख़्तर

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