The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Entertainment
  • Interesting facts, trivia and anecdotes about blockbuster movie Ek Duje Ke Liye starring Kamal Hassan and Rati Agnihotri released in 1981

वो फिल्म, जिसे देखने के बाद कई प्रेमी जोड़ों ने आत्महत्या कर ली थी

जिसके हीरो को ढंग से हिंदी बोलनी भी नहीं आती थी.

Advertisement
Img The Lallantop
इस फिल्म को फिल्मफेयर अवॉर्ड्स की 13 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था.
pic
श्वेतांक
8 जुलाई 2019 (Updated: 10 दिसंबर 2020, 06:58 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
साल 1981 में 'एक दूजे के लिए' नाम की एक फिल्म रिलीज़ हुई थी. साउथ की ढेर सारी फिल्में  करने के बाद मेनस्ट्रीम सिनेमा में पहुंचे कमल हासन की ये पहली हिंदी फिल्म थी. साथ में और भी कई लोग थे, जो तमिल-तेलुगु सिनेमा में काम करने के बाद पहली बार हिंदी फिल्मों का हिस्सा बनने जा रहे थे. इसे डायरेक्ट किया था के. बालाचंदर ने.
'एक दूजे के लिए' फिल्म के निर्देशक के. बालाचंदर
'एक दूजे के लिए' फिल्म के निर्देशक के. बालाचंदर

जब ये फिल्म बनकर तैयार हुई, तो नुकसान हो जाने के डर से किसी डिस्ट्रिब्यूटर ने इसे नहीं खरीदा. परेशान हो चुके प्रोड्यूसर लक्ष्मण प्रसाद को खुद ही अपनी फिल्म डिस्ट्रिब्यूट करनी पड़ी. फिल्म से बहुत उम्मीदें नहीं थी, इसलिए पहले इसके कुछ प्रिंट्स रिलीज़ किए गए. हफ्तेभर में फिल्म की डिमांड इतनी बढ़ गई कि फौरन भारी मात्रा में नए प्रिंट्स उपलब्ध कराने पड़े. 10 लाख के सीमित बजट में बनी इस फिल्म ने 10 करोड़ रुपए से ज़्यादा का कारोबार किया. सिर्फ पैसे ही नहीं इस फिल्म ने इज़्जत भी खूब कमाई. 'एक दूजे के लिए' को एक नेशनल और तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले थे. ये फिल्म 5 जून 1981 को रिलीज़ हुई थी. पढ़िए इस फिल्म से जुड़े कुछ रोचक किस्से:
1.) के.बालाचंदर ने ये फिल्म पहले तेलुगु में 'मारो चरित्र' (1978) नाम से बनाई थी. उसके हीरो भी कमल हासन ही थे. फिल्म लोगों को पसंद आई. अब इस कहानी को हिंदी भाषी ऑडियंस तक पहुंचाने का फैसला किया गया. लेकिन स्टारकास्ट के साथ ज़्यादा छेड़-छाड़ नहीं की गई. ओरिजनल फिल्म की लीडिंग लेडी सरिता को छोड़कर तकरीबन सभी किरदार इस रीमेक का हिस्सा थे. हिंदी वर्ज़न में सरिता वाला रोल रति अग्निहोत्री ने किया था. ये कमल हासन, रति, माधवी और सिंगर एस.पी.सुब्रमण्यम चारों की ही पहली हिंदी फिल्म थी. इन चार कलाकारों समेत फिल्म को कुल 13 कैटेगरी में फिल्मफेयर अवॉर्ड नॉमिनेशन मिला. जिसमें से तीन कैटेगरी (बेस्ट एडिटिंग, बेस्ट लिरिसिस्ट और बेस्ट स्क्रीनप्ले) में इसने अवॉर्ड जीते.
इस फिल्म के बाद रातों-रात कमल हासन सुपरस्टार बन गए. उन्हें अमिताभ के बाद दूसरा सबसे पॉपुलर स्टार माना जाने लगा.
इस फिल्म के बाद कमल हासन रातों-रात सुपरस्टार बन गए थे. उनके पास  फिल्मों की लाइन लग गई और उन्हें अमिताभ बच्चन के बाद दूसरा सबसे पॉपुलर स्टार माना जाने लगा.

2.) हिंदी दर्शकों में गानों का क्रेज़ देखते हुए इसके म्यूज़िक पर खासा जोर दिया जा रहा था. मशहूर संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. बालाचंदर चाहते थे कि तेलुगु की तरह इसमें भी कमल हासन की आवाज़ एस.पी.बालासुब्रमण्यम ही दें. लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी को इसके पक्ष में बिलकुल नहीं थे. उन्हें लगता था कि ये 'मद्रासी' सिंगर हिंदी गाने को सही से निभा नहीं पाएगा. इसपर बालाचंदर ने तर्क दिया कि जब हीरो का किरदार साउथ इंडियन है, तो वो गाने शुद्ध हिंदी में कैसे गाएगा? बालासुब्रमण्यम की आवाज़ में साउथ इंडियन टोन फिल्म और गाने दोनों को ही ऑथेंटिक बनाएंगे. बाद में इसी फिल्म के लिए एस.पी.बालासुब्रमण्यम को बेस्ट प्लेबैक सिंगर का नेशनल अवॉर्ड मिला.
एक गाना तो आप यहीं सुन लीजिए:

3.) 'एक दूजे के लिए' में कई सीन ऐसे थे, जिनमें नई पीढ़ी की बागी प्रवृत्ति को दिखाया गया था. फिल्म में ऐसा ही एक सीन है, जब रति की मां कमल की फोटो जला देती हैं. इसके गुस्से में आकर रति उस फोटो की राख को चाय में मिलाकर पी जाती हैं. रति ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि फोटो में कई सारे हार्मफुल केमिकल होते हैं. इसे पीना काफी नुकसानेदह हो सकता था. बावजूद इसके वो ये करने को तैयार हो गईं. लेकिन मुश्किल तो तब हो गई कि जब वो सीन पहले टेक में ओके नहीं हो पाया. इसका मतलब साफ था कि उन्हें ये राख दोबारा पीनी पड़ेगी. उन्होंने फिल्म की खातिर ये किया भी. सबको डर था कि इससे उनकी तबीयत खराब हो सकती है. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और सब कुशल-मंगल  हो गया.
यहां देखें वो सीन:

4.) इस फिल्म को हिंदी दर्शकों ने बहुत पसंद किया. रिलीज़ के कुछ ही दिन बाद इसे ब्लॉकबस्टर डिक्लेयर कर दिया गया. इस सब के बीच  एक बड़ी दिक्कत सामने आने लगी. फिल्म के क्लाइमैक्स में रति और कमल दोनों के ही किरदार पहाड़ से कूदकर आत्महत्या कर लेते हैं. इससे इंस्पायर होकर देश के ढ़ेर सारे कपल्स ने सुसाइड करना शुरू कर दिया. इसे रोकने के लिए कई सरकारी संस्थाओं ने फिल्म के मेकर्स से बात की. कई तरह की मीटिंग्स की गईं, जहां फिल्म से जुड़े सभी लोग पहुंचते थे. उनसे कहा गया कि वो लोगों को ऐसा करने से रोकें. इन मीटिंग्स वगैरह में रति को नहीं जाने दिया जाता था. इन मसलों का ध्यान रति के पापा रखते थे. इसका कारण ये था कि जब ये फिल्म रिलीज़ हुई तब रति सिर्फ 16 साल की थीं. मेकर्स और परिवार के लोगों नहीं चाहते थे कि रति इन पचड़ों में पड़ें. क्योंकि इससे उनके दिमाग पर गलत असर पड़ सकता था.
इस फिल्म के क्लाइमैक्स से प्रेरित होकर कई कपल्स ने आत्ममहत्या कर लिया था.
इस फिल्म के क्लाइमैक्स से प्रेरित होकर कई कपल्स ने आत्ममहत्या कर लिया था.

5.) फिल्म के डायरेक्टर के. बालाचंदर, राज कपूर को बहुत पसंद करते थे. अपनी फिल्म पूरी करने के बाद उन्होंने सबसे पहले इसे राज कपूर को ही दिखाया. राज साहब उस दौर में बड़े नाम हुआ करते थे. उन्हें पूरी फिल्म तो अच्छी लगी लेकिन उसका एंड उन्हें ठीक नहीं लगा. वो चाहते थे कि फिल्म की हैप्पी एंडिंग हो. उन्होंने ये बात बालाचंदर को कही लेकिन इस बार अपने किरदारों की तरह बालाचंदर भी बागी हो गए. उन्होंने ये करने से मना कर दिया. आत्महत्या की खबरों के बीच बालाचंदर ने फिल्म का एंड एक बार बदला भी लेकिन जनता की मांग पर उन्हें ओरिजनल एंड ही चलाना पड़ा.
के.बालाचंदर ने अपने 50 साल के फिल्मी करियर में 100 से ज़्यादा फीचर फिल्मेें बनाईं. साल 2014 में 84 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.
के.बालाचंदर ने अपने 50 साल के फिल्मी करियर में 100 से ज़्यादा फीचर फिल्मेें बनाईं. साल 2014 में 84 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. 

6.) फिल्म में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का म्यूज़िक बहुत हिट रहा था. रोमैंटिक, सैड और फन सॉन्ग इस फिल्म का हिस्सा थे. फिल्म में एक गाना है 'मेरे जीवन साथी'. इस गाने के लिरिक्स बहुत मजेदार हैं. क्योंकिं इसे सिर्फ हिंदी फिल्मों के नाम से तैयार किया गया था. इसे लिखा था आनंद बख्शी ने.
यहां देखिए वो गाना:



वीडियो देखें: कंगना और राजकुमार की 'जजमेंटल है क्या' का ट्रेलर देखकर आप कहानी जानने के लिए बेचैन हो जाएंगे

Advertisement