भारत की ऑस्कर एंट्री 'होमबाउंड' के सेंसर बोर्ड ने चिथड़े-चिथड़े कर दिए
सेंसर बोर्ड ने 'होमबाउंड' में कुल 11 कट्स लगवाए हैं. इससे फिल्म की लंबाई 77 सेकंड तक घट गई है.
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‘हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था’- ये बात Neeraj Ghaywan की Homebound पर सटीक बैठती है. Oscars 2026 में भारत की ऑफिशियल एंट्री अपने ही देश में सेंसर बोर्ड के हाथों छलनी हो गई. फिल्म 26 सितंबर को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी. उससे पहले ये फिल्म सेंसर बोर्ड के पास पहुंची. सेंसर बोर्ड ने इसे काट-पीटकर बराबर कर दिया. CBFC ने इसमें 11 बदलाव करवा दिए हैं.
बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘होमबाउंड’ को एग्जमाइनिंग कमिटी (EC) नहीं, बल्कि रिवाइजिंग कमिटी (RC) के पास रेफ़र किया गया था. संभावना है कि EC ने मेकर्स से और अधिक कट्स लगाने की बात कही हो. मगर रिवाइजिंग कमिटी ने भी फिल्म में कई कट्स लगाने के निर्देश दे डाले. उन कट्स की लिस्ट कुछ यूं है-
* सेंसर बोर्ड ने फिल्म के 6 सीन्स में कुछ शब्दों को म्यूट करने या उन्हें बदलने का निर्देश दिया है.
* 5 सेकेंड लंबे "आलू-गोभी...खाते हैं" डायलॉग को डिलीट कर दिया गया.
* पूजा करते एक शख्स के 2 सेकेंड के विजुअल को काट दिया गया.
* फिल्म में 21वें मिनट पर जो डायलॉग है, उसे म्यूट कर दिया गया. उसकी जगह एक तथाकथित 'बेहतर' विजुअल को शामिल करने की बात कही गई.
* फिल्म में एक जगह इस्तेमाल हुए 'ज्ञान' शब्द को भी रिप्लेस करवा दिया गया.
* फिल्म के 1 घंटे 4 मिनट पर आने वाले क्रिकेट मैच वाले सीन में डायलॉग को बदल दिया गया है. कट लिस्ट के मुताबिक, इस सीन से सेंसर बोर्ड ने करीब 32 सेकेंड की फुटेज हटा दी है.
* इसके अलावा 1 घंटे 22 मिनट पर एक 16 सेकंड का सीन और एक 20 सेकंड का सीन डिलीट कर दिया गया है.
* फिल्म के एक सीन से 2 सेकंड का डायलॉग काटा गया.
* कार गुजरने वाले एक सीन को सेंसर बोर्ड ने बदलाव करने के निर्देश दिए.
इस तरह CBFC की रिवाइजिंग कमिटी ने ‘हामबाउंड’ में टोटल 77 सेकेंड, यानी 1 मिनट 17 सेकंड की फुटेज को सेंसर कर दिया है. इन सब काट-छांट के बाद 12 सितंबर को फिल्म को U/A 16+ सर्टिफिकेट दिया गया. फिल्म की फाइनल लंबाई अब 122 मिनट, यानी 2 घंटे 2 मिनट रह गई है.
‘होमबाउंड’ को करण जौहर ने प्रोड्यूस किया है. डायरेक्टर नीरज घेवान ने फिल्म में हुई इस काट-छांट पर कुछ नहीं कहा. मगर धर्मा प्रोडक्शन से एक सोर्स ने इंडियन एक्सप्रेस से इस बारे में बात की. उनके मुताबिक, मेकर्स ने 3 महीने तक CBFC से स्क्रीनिंग की डेट मिलने का इंतज़ार किया. फिर एक बेहद खराब स्क्रीनिंग के बाद फिल्म से कई जातिसूचक रेफरेंस को हटवा दिया गया.
प्रोडक्शन टीम का हिस्सा रहे एक सोर्स ने बताया कि नीरज फिल्म की ये दुर्दशा देख काफी निराश हो गए थे. ऐसे में प्रोड्यूसर्स ने उन्हें 'धड़क 2' की याद दिलाई. तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी की इस फिल्म पर भी जाति और सामाजिक भेदभाव के नाम पर ऐसे ही कैंची चली थी. जिसस फिल्म को काफी नुकसान पहुंचा था.
‘होमबाउंड’ में ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और जाह्नवी कपूर ने काम किया है. ये दो ऐसे लड़कों की कहानी है, जो बचपन से पक्के दोस्त हैं. उनका सपना पुलिसवाला बनने का है. ताकि उन्हें समाज में वो सम्मान मिल सके, जो उनके बैकग्राउंड की वजह से उन्हें कभी नहीं मिला. फिल्म में समकालीन भारत के कई सोशयो-पोलिटिकल इश्यूज़ को भी पिरोया गया है.
इस प्रोजेक्ट को दुनियाभर के फि़ल्म फेस्टिवल्स में प्रदर्शित किया गया. जहां से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला. 50वें टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में ये फिल्म विनर बनते-बनते रह गई थी. वहां इंटरनेशनल पीपल्स चॉइस कैटेगरी में ये मूवी सेकेंड रनर-अप रही. दुनिया के सबसे चर्चित फिल्ममेकर्स में से एक मार्टिन स्कॉरसेज़ी, बतौर एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर इस प्रोजेक्ट से जुड़े हैं. कान फिल्म फेस्टिवल में इसे 09 मिनट का स्टैन्डिंग ओवेशन मिला. भारत की तरफ़ से इसे ऑस्कर 2026 में ऑफिशियल एंट्री के लिए चुना गया.
वीडियो: होमबाउंड ने बनाई कान फिल्म फेस्टिवल में अपनी जगह