The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Entertainment
  • Baby John movie review in Hindi starring Varun Dhawan, Keerthy Suresh and Wamiqa Gabbi

फिल्म रिव्यू- बेबी जॉन

Jawan के बाद Atlee की नई पेशकश Baby John कैसी है, जानने के लिए पढ़े ये रिव्यू.

Advertisement
baby john, varun dhawan,
'बेबी जॉन' में वरुण धवन ने पहली बार एक पिता का रोल किया है.
pic
श्वेतांक
25 दिसंबर 2024 (Updated: 25 दिसंबर 2024, 06:06 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

फिल्म- बेबी जॉन 
डायरेक्टर- कलीस 
एक्टर्स- वरुण धवन, कीर्ति सुरेश, वामिका गब्बी, जैकी श्रॉफ, राजपाल यादव
रेटिंग- 2.5 स्टार्स

***

2015 में थलपति विजय ने अपने करियर की आखिरी फ्लॉप फिल्म दी थी. उस फिल्म का नाम था 'पुली'. भारी-भरकम बजट पर बनी फैंटसी ड्रामा. जो बमुश्किल अपनी लागत वसूल पाई. इस फिल्म के बाद विजय को रियलाइजेशन हुआ. उन्होंने अपने काम करने की पद्धति में कुछ बदलाव किए. इसके बाद वो एक ऐसे सुपरस्टार में तब्दील हो गए, जिसके सामने टिकना किसी के बस की बात नहीं रही. इसकी शुरुआत हुई 2016 में आई फिल्म 'थेरी' से. जिसे एक फिल्म पुराने एटली कुमार ने डायरेक्ट किया था. तब से लेकर आज तक विजय की कोई फिल्म टिकट खिड़की पर नहीं पिटी. 8 साल बाद उन्हीं एटली कुमार ने बतौर प्रोड्यूसर विजय की 'थेरी' को हिंदी में रीमेक किया है. इस फिल्म का नाम है 'बेबी जॉन'. फिल्मों को रीमेक करने के कई तरीके होते हैं. कोई फिल्मकार किसी फिल्म को स्पिरिचुअल तरीके से रीमेक करता है. कोई उसी कहानी को अपने तरीके से कहता है. और कुछ फिल्ममेकर्स रीमेक के नाम पर फिल्मों को सीन बाय सीन कॉपी कर देते हैं. 'बेबी जॉन' तीसरे किस्म की रीमेक है. कहानी तो कहानी है, यहां तक कि मेकर्स ने फिल्म के कुछ किरदारों के नाम भी नहीं बदले. मसलन, फिल्म के मेन विलन के बेटे का नाम.

ख़ैर, अगर आपने 'थेरी' नहीं देखी है, तो आपको 'बेबी जॉन' की कहानी संक्षेप में बताते हैं. सत्या वर्मा नाम का एक पुलिसवाला है, जो मुंबई में अपनी मां के साथ रहता है. उसकी शादी होती है. एक बच्ची पैदा होती है. इस सब के बीच वो शहर के नामी गैंगस्टर नाना जी के साथ भिड़ जाता है. नाना जी बदले में सत्या की पूरी फैमिली को बर्बाद कर देते हैं. सत्या और उसकी बिटिया किसी तरह बच निकलते हैं. अब सत्या अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए अपनी मौत का बहाना करता है. नाम और लुक बदलकर देश के दूसरे हिस्से में शिफ्ट हो जाता है. मगर इस बात की खबर नाना जी तक पहुंच जाती है. वो सत्या को फोन करता है और वापस धमकी देता है. अब सत्या के पास दो ही तरीके हैं, या तो वो पूरी ज़िंदगी अपनी बेटी की जान बचाने के लिए नाना से बचकर भागता रहे. या फिर नाना की हत्या करके ये पूरा किस्सा तमाम करे. आपको पता है कि हिंदी फिल्म का हीरो कौन सा रास्ता चुनेगा. सत्या वही रास्ता चुनता है.

'बेबी जॉन' एक प्रॉपर मसाला एंटरटेनर है. फिल्म में बढ़िया तरीके से कोरियोग्राफ किए ढेर सारे एक्शन सीक्वेंस हैं. डायलॉगबाज़ी है. कॉमेडी है. रोमैंस है. क्या नहीं है? नयापन. वो भी तब जब 'थेरी' कई भाषाओं में ओटीटी प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध है. पिछले दिनों कार्तिक आर्यन की एक फिल्म आई थी 'शहज़ादा'. शायद आपको इस फिल्म का नाम ध्यान न हो. क्योंकि ये पिक्चर कब आई और कब गई, किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई. 'शहज़ादा', अल्लू अर्जुन की स्मैश हिट 'अला वैकुंठपुरमुलो' का हिंदी रीमेक थी. 'अला वैकुंठपुरमुलो' यानी वो फिल्म जिसने देशभर को बताया कि अल्लू अर्जुन नाम का एक स्टार पैदा हो गया है. तिस पर वो फिल्म यूट्यूब से लेकर ओटीटी प्लैटफॉर्म पर पड़ी हुई थी. जिसे बड़ी संख्या में देखा जा चुका था. जिस फिल्म को लोग अपनी पसंद की भाषा में देख चुके हैं, उसे कोई दोबारा क्यों देखेगा. 'बेबी जॉन' के मेकर्स ने शायद ये बात नहीं सोची.  

वैसे तो किसी भी फिल्म में एक्टर्स का चुनाव बेहद ज़रूरी भूमिका अदा करता है. मगर रीमेक में तो संभवत: ये सबसे बड़ा डिसीज़न होता है कि किस एक्टर के साथ ये फिल्म बनाई जानी चाहिए. 'बेबी जॉन' के मेकर्स से यहां भी चूक हुई लगती है. वरुण धवन सिंसीयर एक्टर हैं. उन्होंने अपने करियर में भिन्न-भिन्न तरह के रोल्स किए हैं. 'बेबी जॉन' में भी उनका काम ठीक है. मगर दर्शक इस रोल में बार-बार उनकी तुलना थलपति विजय से करेंगे. जहां वरुण मात खा जाएंगे. क्योंकि अभी वो अपने करियर के उस मुकाम पर नहीं पहुंचे हैं, जहां वो कुछ भी करें और लोग उसे उनका स्टाइल मान लें. वो स्टारडम और औरा अभी वरुण के पास नहीं है. और इसमें उनकी कोई गलती नहीं है.  

'बेबी जॉन' देखते हुए एक मौका ऐसा आया, जब मुझे लगा कि डायरेक्टर कलीस 'गॉड मोड' में चले गए हैं. वो मौका आता है क्लाइमैक्स से ऐन पहले. इस फिल्म का सबसे मासी सीन और डायलॉग राजपाल यादव के हिस्से आया है. राजपाल सैकड़ों फिल्मों में कॉमिक रोल्स कर चुके हैं. मगर इस फिल्म में उन्हें ये बताने का मौका मिलता है कि 'Comedy is a serious business'.  ये फिल्म का सबसे पैसा वसूल सीन है. जैकी श्रॉफ फिल्म में नाना जी के रोल में भयानक लगे हैं. वो एक्टिंग फ्रंट पर शायद इस फिल्म की सबसे मजबूत कड़ी भी हैं. कीर्ति सुरेश का बहुप्रतीक्षित हिंदी सिनेमा डेब्यू बढ़िया रहा. वामिका गब्बी का काम उनके बेहतर भविष्य के लिए उम्मीदवान करता है.

'बेबी जॉन' की एक अन्य खामी मुझे ये लगी कि फिल्म से कुछ सीन्स आसानी से हटाए जा सकते थे. क्योंकि वो कथानक में कुछ जोड़ नहीं रहे थे. महज फिल्म की लंबाई बढ़ा रहे थे. वो फिल्म में सिर्फ इसलिए रखे गए थे क्योंकि वो सीन्स ओरिजिनल फिल्म का भी हिस्सा थे. अगर फिल्म की लंबाई थोड़ी कम कर दी जाती, तो मामला और क्रिस्प हो जाता. हालांकि 'बेबी जॉन' कोई बोरिंग फिल्म नहीं है. आपको हर वो मसाला यहां मिलेगा, जो आप पहले चख चुके हैं. मगर यही इस फिल्म की सबसे बड़ी खामी भी है.  

'बेबी जॉन' देखते हुए सबसे दिलचस्प बात ये समझ आती है कि एटली तमिल सिनेमा को मुंबई नहीं लाए. वो मुंबई को तमिल नाडु लेकर गए हैं. इस फिल्म का ट्रीटमेंट पूरी तरह से एक साउथ इंडियन फिल्म वाला है. अगर आप उस तरह की ओवर द टॉप एक्शन-थ्रिलर फिल्में देखना पसंद करते हैं, तो 'बेबी जॉन' आपको पसंद आएगी. 

वीडियो: Vanvaas Movie Review: क्या 'गदर' फिल्म की तरह तहलका मचाएगी 'वनवास'?

Advertisement