'फुले' विवाद पर अनुराग कश्यप ने सेंसर बोर्ड और सरकार को झाड़ दिया
Pratik Gandhi और Patralekhaa की फिल्म Phule को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. ब्राह्मण समुदाय लगातार इस फिल्म का विरोध कर रहा है. अब Anurag Kashyap ने इसे लेकर सरकार को कायदे से सुना दिया है.
Pratik Gandhi और Patralekhaa की फिल्म Phule को लेकर विवाद जारी है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म में बहुत सारे कट्स बताए हैं. अब फिल्ममेकर Anurag Kashyap ने एक लंबा चौड़ा पोस्ट किया है. जिसमें सरकार पर सवाल उठाया है. साथ ही 'फुले' के अलावा भी उन सभी फिल्मों के बारे में बात की है जो सेंसर बोर्ड की वजह से अटकी हुई हैं.
अनुराग ने अपने इंस्टाग्राम पर स्टोरी शेयर की. लिखा,
'' 'पंजाब 95', 'टीस', 'धड़क 2', ‘फुले’ और ना जाने कितनी फिल्में इस जातिवादी, क्षेत्रवादी और धर्मवादी सरकार के एजेंडे को दिखाती हैं. सरकार ने इन फिल्मों को इसलिए बैन किया क्योंकि वो शीशे में खुद अपनी शक्ल नहीं देख पा रहे. इतने ज़्यादा शर्मिंदा हैं कि इस बारे में बात तक नहीं कर पा रहे. भला एक फिल्म से उन्हें इतनी परेशानी क्यों हैं? डरपोक कहीं के!''
अनुराग कश्यप की स्टोरी
इसके अलावा अनुराग ने 'धड़क 2' पर भी एक लंबा पोस्ट किया. लिखा,
'' 'धड़क 2' की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने बोला, मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम खत्म कर दिया है. उसी आधार पर 'संतोष' भी इंडिया में रिलीज़ नहीं हुई. अब ‘फुले’ से ब्राह्मणों को दिक्कत हो रही है. भैया, जब कास्ट सिस्टम ही नहीं है, तो काहे का ब्राह्मण? कौन हो आप? आप की क्यों सुलग रही है? जब कास्ट सिस्टम था ही नहीं, तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई क्यों थे?''
अनुराग ने आगे लिखा,
'' या तो आप का ब्राह्मणवाद है ही नहीं, क्योंकि मोदी, जिनके हिसाब से इंडिया में कास्ट सिस्टम नहीं है? या सब लोग मिलके सब को बेवकूफ बना रहे हो. भाई मिल के तय कर लो, इंडिया में जातिवाद है या नहीं. लोग बेवकूफ नहीं हैं. आप बाह्मण लोग हो या फिर आप के बाप हैं जो ऊपर बैठे हैं. तय कर लो.''
''मेरा सवाल ये है कि जब फिल्में सेंसर बोर्ड के पास जाती हैं, तो उसमें चार बोर्ड मेम्बर्स होते हैं. उन मेम्बर्स के अलावा बाकी समूहों के पास फिल्म कैसे पहुंच जाती है? जबकि उनके पास तो फिल्म का एक्सेस भी नहीं होता. ये पूरे सिस्टम में धांधली हो रही है.''
अनुराग कश्यप स्टोरी
‘फुले’ तब से विवादों में है, जब से इसका ट्रेलर आया है. इसमें ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले की कहानी दिखाई गई है. दोनों ने शोषित वर्ग के लिए जो काम किया, फिल्म में उसी को दर्शाया गया है. नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्ममेकर अनंत नारायण महादेवन ने इसको डायरेक्ट किया है.
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर इस फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट वायरल हुआ था. इसमें सेंसर बोर्ड की तरफ से 12 बदलाव सुझाए गए थे. इसमें कई जातिवादी डायलॉग्स शामिल थे. जिन्हें डिलीट करने को कहा गया था. हिस्टोरिकल रेफरेंस और सबटाइटल में भी बदलाव करने को कहा गया था. पहले ये फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी. लेकिन अब इसे 25 अप्रैल को रिलीज किया जाएगा.
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