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डेब्यू के बाद मेरी 9-10 फिल्में फ्लॉप हो गईं, मुझे लगा करियर खत्म- आमिर खान

Aamir Khan ने बताया कि QSQT के बाद उन्हें 400 फिल्मों के ऑफर्स आए. गिनी-चुनी फिल्में साइन की, वो फ्लॉप हो गईं. घर में घंटों बैठकर रोते थे.

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Aamir Khan
आमि खान की अगली फिल्म 'सितारे ज़मीन पर' डाउन सिंड्रोम पर बेस्ड होगी.
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अंकिता जोशी
11 मार्च 2025 (Published: 07:36 PM IST)
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Aamir Khan ने हालिया इंटरव्यू में बताया कि करियर की शुरुआत में उन्हें इंडस्ट्री में One Film Wonder का तमग़ा दे दिया गया था. ‘वन फिल्म वंडर’ यानी वो एक्टर जिसकी सिर्फ एक या शुरुआती फिल्म हिट रही हो. उसके बाद फ्लॉप्स. आमिर ने बताया कि उन्हें अपने ऊपर चस्पा इस टैग को हटाने में सालों लग गए. दरअसल, आमिर के जन्मदिन पर 14 से 27 मार्च तक स्पेशल फिल्म फेस्टिवल कराया जा रहा है. इस 14 दिनी फेस्टिवल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में आमिर ने अपनी जि़ंदगी के अनसुने किस्से सुनाए. उन्होंने बताया कि उनके लिए असिस्टेंट से एक्टर बनने तक की यात्रा उतनी मुश्किल नहीं रही. मगर पहली हिट के बाद दूसरी हिट के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ा. 

जावेद अख़्तर के साथ हुई बातचीत में आमिर खान ने इस बारे में चर्चा करते हुए कहा, 

“मेरी पहली फिल्म 'क़यामत से क़यामत तक' के बाद मेरे पास 300-400 फिल्मों के ऑफर आए. दूर-दूर से सैकड़ों प्रोड्यूसर मेरे पास आए. तब हर दूसरा एक्टर 30 से 50 फिल्में एक साथ कर रहा था. उन्हें देख मैंने भी 9-10 फिल्में साइन कर लीं. मैंने सोचा, ये उनसे तो कम ही हैं. मगर जैसे ही शूटिंग शुरू हुई मुझे अपनी ग़लती का अहसास हुआ. मैं सारा-सारा दिन ट्रैवल कर रहा था. थक रहा था. कहीं भी अपना 100 परसेंट नहीं दे पा रहा था. कुल मिलाकर इतनी फिल्में हाथ में होने के बावजूद मैं खुश नहीं था. किसी तरह शूटिंग तो हो गई. लेकिन मेरी सारी फिल्में एक के बाद एक फ्लॉप होने लगीं. 'अव्वल नंबर', 'लव लव लव', और 'तुम मेरे हो' सहित उस दौर की सभी फिल्में असफल रहीं. मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था. घर में बैठ घंटों रोता था मैं. मुझे ‘वन फिल्म वंडर’ का टैग भी दे दिया गया था. कुछ समय लगा, पर समझ आया कि सिर्फ अच्छी स्क्रिप्ट नहीं, डायरेक्टर-प्रोड्यूसर का दृढ़ विश्वास भी बहुत ज़रूरी है.”

एक दौर ऐसा भी आया जब आमिर खान को लगा कि उन्हें दोबारा असिस्टेंट डायरेक्टर का काम ही करना पड़ेगा. फिल्में चल नहीं रही थीं. फिर ऑफर आने भी बंद हो गए. इस बारे में आमिर ने कहा,

" 'अव्वल नंबर', 'लव लव लव', और 'तुम मेरे हो' पिटी, तब लगा कि इसके बाद की छह फिल्में तो और खराब हैं. मेरा करियर तो गया. मुझे लग रहा था कि मैं एक गहरे गड्ढे में गिर गया हूं और निकलना नामुमकिन है. मगर इसके बाद 'दिल' से मेरा करियर एक बार फिर पटरी पर आया."

#अच्छा हुआ सुभाष घई ने फिल्म नहीं दी 

इसी कॉन्फ्रेंस में आमिर ने बताया कि एक्टिंग से पहले वो नासिर हुसैन और मंसूर खान को असिस्ट करते थे. मंसूर खान के पिता नासिर हुसैन, आमिर के चाचा थे. यहीं से उन्हें करियर की लीड रोल में पहली फिल्म ‘क़यामत से क़यामत तक’ मिली. मंसूर इसके डायरेक्टर थे. इस फिल्म के सुपरहिट होने के बावजूद उन्हें उन डायरेक्टर्स ने काम नहीं दिया जिनकी फिल्म वो करना चाहते थे. जावेद अख़्तर से बातचीत में आमिर ने कहा-

"मुझे लगा था कि बड़े डायरेक्टर्स भी मुझे काम देंगे. मगर ऐसा हुआ नहीं. सुभाष घई की फिल्म में काम करना चाहता था मैं. लेकिन उन्होंने मुझे कोई ऑफ़र नहीं दिया." 

इस पर चुटकी लेते हुए जावेद अख़्तर ने पूछा- 

"काम न देने के लिए आपने सुभाष घई को थैंक यू बोला या नहीं?"

# ना कहने की हिम्मत ने दिलाई सफलता

आमिर ने बताया कि हर ऑफ़र को हां कहने से उन्हें सफलता नहीं मिली. अच्छा काम मिला ना कहने से. सही वक्त पर सही फैसले लेने से काम मिला. बातचीत में उन्होंने बताया-

"मेरे बहुत बुरे दौर में भी ना कहने की हिम्मत जुटा ली थी मैंने. जो फिल्में मुझे मेरे लिए सहीं नहीं लगी, उन्हें मैंने सिरे से खारिज किया. चाहे कितना ही बड़ा बैनर और नामी डायरेक्टर हो. अगर तब समझौते कर लेता तो मेरा पूरा करियर ही समझौता बनकर रह जाता. ऐसा नहीं है कि मैंने रिस्क नहीं लिए. मगर रिस्क भी कैसी लेनी है, ये मुझे समझ आ गया था."

आमिर खान जल्द ही ‘सितारे ज़मीन पर’ नाम की फिल्म में नज़र आने वाले हैं. इस फिल्म को आर एस प्रसन्ना ने डायरेक्ट किया है. ये स्पैनिश फिल्म ‘कैंपियोनेस’ की रीमेक है. इसके अलावा वो लगातार फिल्में प्रोड्यूस भी कर रहे हैं. उनके प्रोडक्शन में बनी ‘लापता लेडीज़’ भारत की ओर से ऑफिशियली ऑस्कर में भेजी गई. मगर वो आगे नहीं बढ़ सकी. हालांकि हालिया IIFA अवॉर्ड्स में फिल्म ने कई अवॉर्ड्स अपने नाम किए. इसके अलावा आमिर ‘लाहौर 1947’ नाम की फिल्म बना रहे हैं. इस फिल्म में सनी देओल लीड रोल कर रहे हैं. उनके साथ शबाना आज़मी, प्रीति ज़िंटा और अली फज़ल जैसे एक्टर्स भी इस फिल्म का हिस्सा हैं. ‘लाहौर 1947’ को ‘अंदाज़ अपना अपना’ फेम राजकुमार संतोषी डायरेक्ट कर रहे हैं. इसी इवेंट के दौरान ‘लाहौर 1947’ के बारे में बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा कि वो शर्तिया तौर पर कह सकते हैं कि ये फिल्म हिट होगी. इसे मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन्स, दोनों ही जगहों पर पसंद किया जाएगा. इस फिल्म के गाने जावेद अख्तर ने लिखे हैं. 

वीडियो: आमिर खान से महाभारत में रोल करने की बात पर क्या जवाब दिया?

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