28 जून 2016 (Updated: 28 जून 2016, 11:38 AM IST) कॉमेंट्स
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हम 19-20 की उम्र वालों को कई बार पुराने लोगों पर बहुत तरस आता है न. जब उनको फेसबुक पर टैग किए जाने का मतलब नहीं समझ आता या जब पैसे ट्रांसफर करने के लिए वो आज भी बैंक तक जा कर फॉर्म भर के पैसे जमा करते हैं.
कुछ थोड़े कम पुराने लोग भी होते हैं. इन्हें ये सब कुछ आता तो है लेकिन वो इनका इस्तेमाल कुछ ऐसे करते हैं, कि न चाहते हुए भी हम लोगों को उनके ऊपर हंसी आ ही जाए.
गौर से देखने पर मालूम होता है कि ये जनरेशन ऐसा क्या-क्या करती है, जिस पर हम लोगों को हंसी आ जाती है. वैसे हर बार हंसी नहीं आती. कई बार रोना भी आ जाता है. देखते हैं कैसे.
1. चेक इन
माना कि फेसबुक ने ये छूट दे दी है कि आप जहां भी जाएं पूरी दुनिया को बता दें. लेकिन उसका मतलब ये तो नहीं आप स्टारबक्स से लेकर अजय कुमार विजय कुमार वस्त्रालय, अपने हर जगह आने जाने की खबर लोगों को देते रहें.
2. WhatsApp पर जोक
पहला गुनाह तो WhatsApp पर 4 किलोमीटर लंबे जोक भेजना ही है. उसके बाद अगर आपने हंसते-हंसते 4 बाल्टी आंसू फेकने वाली स्माइली नहीं भेजी, तो फ़ोन पर बोलेंगे हमारा जोक पढ़ लो. फिर थक हार कर आपने स्माइली भेज दी तो उधर से काला चश्मा लगाए हुई स्माइली भेजी जाएगी. जैसे जोक इन्होंने खुद लिखा था. ठीक ऐसा ही हमाए पापा भी करते हैं.
3. ट्रेन टाइम से 7 घंटे पहले आ गई तो
आप घर या फिर कहीं घूमने जा रहे हैं. सारा सामान बांध लिया है. और अब इत्मीनान से बैठे हैं कि ट्रेन के टाइम में अभी 5 घंटे हैं. तब तक घर से फ़ोन आ जाएगा कि स्टेशन चले जाओ. आप मिमिआएंगे कि अभी तो पांच घंटे हैं ट्रेन के आने में. तो उधर से बोला जाएगा कि किसी चीज़ का कोई भरोसा नहीं है, कभी भी कुछ भी हो सकता है. ये भी याद दिलाया जाएगा कि कैसे तुम हर बार बैठे रहते हो और ऐन मौके पर बिना खाना खाए स्टेशन भागते हो.
मतलब साला जब हमें स्टेशन जाना होगा, तभी पूरी दुनिया की गाड़ियां सड़क पर उतर आएंगी और ट्रैफिक जाम लग जाएगा. जिस दिन हमें ट्रेन पकड़नी होगी, उसी दिन ट्रेन समय से 6 घंटे पहले आ जाएगी. मतलब सारी क़यामत उसी दिन आनी होगी.
4. ट्रेन का टिकट कीमती है, प्रिंट आउट करा लो
ट्रेन पकड़ने से पहले टिकट बुक करना होता है. और ऑनलाइन बुकिंग के बाद फ़ोन पर मैसेज आ चुका होता है कि फलाना ट्रेन में फलाना नंबर सीट आपकी है. I-कार्ड के साथ फ़ोन का मैसेज काफी है लेकिन इनको कौन समझाए? ये पीछे पड़ जाएंगे- 'प्रिंट आउट करा लो'. मतलब साला हमें इतनी ही मेहनत करनी होती तो ऑनलाइन काहे टिकट कराते?
फिर जो आपने प्रिंट करा ही लिया तो उसे न्यूक्लियर समझौते के दस्तावेज की तरह संभाल कर रखवाया जाता है. जैसे आगे की पूरी ज़िन्दगी की यात्रा उसी टिकट पर हो जाएगी.
5. 'आजकल के बच्चे'
ये इनका फेवरेट जुमला होता है. हर चौथी बात इनकी इसी लाइन से शुरू होती है. कुछ ख़ास मौके हैं जिनपर इस जुमले का इस्तेमाल हथियार की तरह किया जाता है. जैसे आप कुछ भी ऐसा खाने बैठिए, जिसे "बाहर का खाना" की केटेगरी में रख दिया गया हो. या भूल के भी इनके सामने लव मैरिज की तरफदारी वाला एक बयान दे दीजिए. तुरंत 'तुमलोग तो बोलोगे ही', 'आजकल के बच्चे क्या जाने', जैसे तीर छोड़े जाएंगे. और आपका बच निकलना मुश्किल हो जाएगा.