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  • 12th Fail Wins National Award: Vidhu Vinod Chopra Reunites with Advani After 50-Year-Old Connection

'12th फेल' के लिए नेशनल अवॉर्ड मिलते ही विधु विनोद चोपड़ा, लालकृष्ण आडवाणी से मिलने क्यों पहुंच गए?

विधु विनोद चोपड़ा और लालकृष्ण आडवाणी का ये कनेक्शन 50 साल पुराना है. जब स्टेज पर ही आडवाणी से लड़ पड़े थे विधु विनोद चोपड़ा.

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विधु को FTII के दौरान पहला नेशनल अवॉर्ड मिला था.
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शुभांजल
24 सितंबर 2025 (Updated: 24 सितंबर 2025, 03:43 PM IST)
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Vidhu Vinod Chopra भारतीय सिनेमा इतिहास के सबसे चर्चित फिल्ममेकर्स में से एक हैं. करीब 50 साल लंबे करियर में उनकी फिल्मों ने 7 National Film Awards जीते हैं. उनकी हालिया फिल्म 12th Fail को Best Actor और Best Feature Film कैटेगरी में ये सम्मान मिला. इस जीत को सेलिब्रेट करने के लिए वो सबसे पहले सीनियर पॉलिटीशियन Lal Krishna Advani के पास गए. उन्होंने ऐसा क्यों किया, इसे जानने के लिए हमें तकरीबन 50 साल पीछे जाना पड़ेगा.

विधु ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से फिल्ममेकिंग की पढ़ाई की. 1976 में डिप्लोमा के दौरान उन्हें अपने फाइनल प्रोजेक्ट के तौर पर एक फिल्म बनाने की जिम्मेदारी मिली. उन्होंने 'मर्डर एट मंकी हिल' नाम की एक शॉर्ट मूवी बनाई. इस ब्लैक एंड वाइट फिल्म में विधु ने ही लीड रोल किया था. 1977 में इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड के लिए चुन लिया गया.

मगर इस बात का आडवाणी से क्या संबंध? संबंध ये है कि आडवाणी उन दिनों देश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री हुआ करते थे. अनुपमा चोपड़ा, जो फिल्म समीक्षक होने के साथ-साथ विधु की पत्नी भी हैं, वो लिखती हैं,

"1977 में जब विधु विनोद चोपड़ा को अपने FTII डिप्लोमा फिल्म 'मर्डर एट मंकी हिल' के लिए पहला नेशनल अवॉर्ड मिला था, तब सूचना और प्रसारण मंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें यह अवॉर्ड दिया था. अब, इतने सालों बाद, जब 12th Fail के लिए उन्हें अपना 6वां और 7वां नेशनल अवॉर्ड मिला, तो वो सबसे पहले आडवाणी जी का आशीर्वाद लेने गए. ये एक बहुत ही इमोशनल मोमेंट था. क्या सफ़र रहा है उनका."

विधु ने दी लल्लनटॉप से हुई बातचीत में इस अवॉर्ड से जुड़ा एक बेहद रोचक किस्सा सुनाया था. उन्होंने बताया कि नेशनल अवॉर्ड लेते वक्त उनकी आडवाणी से लड़ाई हो गई थी. वो भी 4 हजार रुपयों के लिए. हुआ ये कि वो अपना अवॉर्ड कलेक्ट करने दिल्ली तो गए थे. मगर उनका ज्यादा इंट्रेस्ट इसके साथ आने वाले पैसों में था. जब उन्हें स्टेज पर तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने उन्हें अवॉर्ड और कैश वाला लिफ़ाफ़ा दिया, तो विधु को लिफाफा बड़ा पतला लगा.

ये देख विधु ने मंच पर ही लिफ़ाफ़ा खोल दिया. अंदर देखा तो उसमें एक पोस्टल ऑर्डर था, जिस पर लिखा था- ‘सात साल बाद इनकैशेबल’. यानी उसे सात बाद बाद कैश करवाया जा सकता है. उन्होंने तुरंत आडवाणी से इस बाबत सवाल किया. बदले में उन्होंने जवाब दिया- “सात साल बाद आपको इसका दोगुना पैसा मिलेगा”. लेकिन विधु को उनका जवाब पसंद नहीं आया. वो उनसे सवाल-जवाब करने लगे.

मंच पर ये गहमागहमी देख राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने विधु से पूछा कि उन्हें कोई दिक्कत है? इतना सुनना भर था कि विधु ने उन्हें पूरी बात बता दी. जब आडवाणी ने बीच में बात काटी, तो नाराज़ होकर विधु ने कह दिया- “आप ये पोस्टल ऑर्डर अपने पास रखिए और मुझे सीधे पैसे दे दीजिए”. ये सुनकर आडवाणी ने कहा- “कल शास्त्री भवन आ जाना”. मगर विधु इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि अगर आडवाणी अपनी बात से पलटते हैं, तो वो सीधे उनसे बात करेंगे. मगर नीलम संजीव रेड्डी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि आडवाणी अच्छे इंसान हैं. वो ऐसा नहीं करेंगे.

खैर, विधु अगले दिन जब शास्त्री भवन पहुंचे, तो पाया कि आडवाणी उनसे नाराज हैं. उन्होंने विधु से कहा कि वो अपने पिता से उनकी बात कराएं. आडवाणी ने उनसे कहा,

"मैं उनसे (विधु के पिता) पूछना चाहता हूं कि क्या भारत का भविष्य यही है? एक नेशनल अवॉर्ड विनर 4 हजार रुपयों के लिए नेशनल टेलीविजन और राष्ट्रपति के सामने लड़ रहा है. अपने पिता को बुलाओ."

आडवाणी की बात सुनकर विधु ने अपना आपा खो दिया. उन्होंने बताया कि वो नेशनल अवॉर्ड सेरेमनी में आने के लिए अपने दोस्त से पैसे उधार लिए थे. उन्होंने आडवाणी से पूछा,

"क्या आपने नाश्ता किया है? क्योंकि मैंने तो नहीं किया. मैं यहां 1200 रुपये उधार लेकर आया हूं. अवॉर्ड सेरेमनी के लिए एक नई शर्ट खरीदी और AC चेयर कार में सफर किया. अब मैं उस आदमी को क्या जवाब दूं, जिससे मैंने पैसे उधार लिए थे? अपना भाषण बाद में दीजिएगा, पहले मुझे मेरे 4 हजार रुपये दीजिए. वरना मैं सीधे राष्ट्रपति के पास जा रहा हूं."

ये सुनकर आडवाणी ने उन्हें पहले अपने साथ नाश्ता करवाया. फिर एक ऑर्डर साइन किया, जिसके बाद विधु को उनके पैसे मिले. यही नहीं, उन्होंने विधु के US जाने का भी इंतज़ाम किया. वहां उन्हें 1978 में आई उनकी डॉक्यूमेंट्री An Encounter with Faces के लिए ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था. विधु आज भी आडवाणी से हुई अपनी इस रोचक मुलाकात को याद करते हैं. इसलिए '12th फेल' के लिए अपना छठा और सातवां नेशनल अवॉर्ड जीतने के बाद वो सबसे पहले उनके पास ही गए.  

वीडियो: थ्री इडियट्स, PK और मुन्नाभाई जैसी फिल्में बनाने वाले विधु विनोद चोपड़ा की कहानी

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