The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Election
  • Uttar Pradesh: Dalit Family borrowed 10 kg flour for feeding Rahul Gandhi

सामने आई राहुल गांधी के दलित घर में खाने की छिपी कहानी

जब किसी नेता का आना गरीब के लिए 'राजा के आगमन' जैसा बोझ बन जाए, तो उसके फायदे हैं या नुकसान?

Advertisement
Img The Lallantop
राहुल, मऊ में स्वामीनाथ के घर में
pic
कुलदीप
15 सितंबर 2016 (Updated: 15 सितंबर 2016, 07:28 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
न्यूज चैनलों के लिए बड़ी अच्छी फुटेज होती है. आप भी बड़े चाव से देखते हैं. जिसमें देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार का वारिस एक गरीब दलित के घर में खाना खाता है. सिंपल सी दाल और रोटी. लेकिन जब मीडिया के कैमरे वहां से हटते हैं तो इन तस्वीरों के पीछे की सच्चाई सामने आती है.
राहुल गांधी ने अपनी यूपी महायात्रा के दौरान मऊ के बड़ागांव की दलित बस्ती में स्वामीनाथ के घर खाना खाया था. वो यहां कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे थे. स्वामीनाथ ने प्रेम से उन्हें खाना खिलाया. तस्वीरें पूरे देश ने देखीं. लेकिन इसके लिए उन्हें 10 किलो आटा बड़े भाई से उधार लेना पड़ा.
स्वामीनाथ के घर राहुल
स्वामीनाथ के घर राहुल

राहुल अब अपने चुनावी कैंपेन पर आगे बढ़ लिए हैं. लेकिन स्वामीनाथ के सिर पर कर्ज है. ये एक भाई का दूसरे भाई से लिया गया रोजमर्रा का उधार नहीं था. स्वामीनाथ और उनकी पत्नी ने बहुत स्पष्ट बताया है कि उनके पास पैसे नहीं थे, इसलिए उन्हें 'कर्ज के तौर पर' 10 किलो आटा लेना पड़ेगा.
स्वामीनाथ
स्वामीनाथ

स्वामीनाथ ने बताया, 'मेरे पास कुछ था नहीं. तो अपने भाई से 10 किलो आटा लिए थे. अब तो देना ही है, चाहे पैसा दें या आटा दें. हम चाहते थे कि कोई कमी न हो उनको. हमारे सामने भगवान के रूप में आए थे. जितनी शक्ति थी, मैंने किया.' क्या कांग्रेस पार्टी या लोगों ने मदद की, पूछने पर जवाब 'ना' में मिला.
अब कर्ज कैसे चुकाएंगे, पूछने पर कहा, 'चुकाएंगे किसी तरह.'
स्वामीनाथ की पत्नी ने कहा कि कमाई-धमाई होगी तो कर्जा चुकाया जाएगा. राहुल ने आपसे क्या कहा, पूछने पर उन्होंने बताया कि बच्चों को पढ़ाओ लिखाओ. राहुल ने जानना चाहा कि स्वामीनाथ के परिवार का गुजारा कैसे होता है, बच्चे क्या करते है, कर्ज कितना है? स्वामीनाथ ने अपने कर्ज के बारे में बताया. साथ ही ये भी बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से बच्चों की पढाई भी छूट गई है.
स्वामीनाथ की पत्नी
स्वामीनाथ की पत्नी

स्वामीनाथ ने राहुल को सब कुछ बताया लेकिन ये नहीं कि उनके भोजन के लिए कैसे दस किलो आटा कर्ज लेकर इंतजाम किया. जब स्वामीनाथ को जब ये पता लगा कि राहुल उनके घर आने वाले हैं तो वो सारी मुश्किलें भुलाकर 'युवराज' के स्वागत में जुट गए.
स्वामीनाथ के परिवार के साथ ही पूरी दलित बस्ती को उम्मीद है कि राहुल यहां के विकास के लिए जरूर कुछ करेंगे. यहां 150 दलित परिवारों के घर हैं जिनमें 800 लोग रहते हैं.
स्वामीनाथ का भोलापन ही कहिए कि इसके बावजूद वो कहते हैं कि राहुल गांधी उनके लिए भगवान की तरह आए. स्वामीनाथ की पत्नी ने कहा, 'वो भगवान की तरह हमारे दुआरे आए थे. हमें उनसे उम्मीद है.'
जब किसी नेता का आना गरीब के लिए 'राजा के आगमन' जैसा बोझ बन जाए, तो उसके फायदे हैं या नुकसान? आपके लिए कालीन बिछाने में वो स्वेच्छा से अपने लिए एक और मुसीबत पैदा कर ले, तो इसके फायदे हैं या नुकसान?
राहुल जी! सुन रहे हैं ना आप!


 
ये भी पढ़ें

कांग्रेस बचाने के लिए ये 6 रैलियां करें राहुल गांधी, होगा शर्तिया लाभ!

क्या गांधी के मरने पर RSS ने मिठाई बंटवाई थी?

जब सरकारी ट्विटर हैंडल ने राहुल गांधी को किया ट्रोल

Advertisement

Advertisement

()