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यूपी चुनाव : किसी भी अनुमान से पहले ये एग्जिट पोल पढ़ लो

ये महज़ एग्जिट पोल हैं, रिजल्ट नहीं. लोड न लेना.

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पंडित असगर
9 मार्च 2017 (Updated: 9 मार्च 2017, 11:35 AM IST)
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रोड शो हो गए. चुनावी भाषणों से भेदभाव भी ख़त्म हो गए. शामियाने उतर गए. बांस बल्ली उखाड़ कर रख दिए गए. जितना वोटर्स को लुभाना था लुभा लिए अब पांच साल बाद फिर मिलेंगे. अरे नहीं पांच साल नहीं ये तो होता रहेगा. कभी लोकसभा चुनाव में, कभी ज़िला पंचायत तो कभी किसी चुनाव में. और हर बार हर पार्टी विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ना शुरू करेगी. फिर जातियों के आंकड़े फिट करेगी और धर्म पर आकर खत्म कर देगी. अगले चुनाव में फिर वही विकास की बात होगी. ये विकास वही होगा जो इस चुनाव में था मगर हुआ नहीं. खैर उस डिटेल में नहीं जाना. क्योंकि एग्जिट पोल एग्जिट पोल की चिल पौ होने वाली है. कोई किसी को बहुमत साबित करेगा. कोई किसी के मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश करेगा. बस ताजपोशी होनी बाकी रह जाएगी. अगर ताजपोशी का भी ऑप्शन होता तो ये एग्जिट पोल ही करा देते. इस बार क्या होगा वो तो काउंटिंग के बाद ही पता चलेगा. लेकिन साल 2012 के चुनाव में क्या हुआ था वो जान लो. 2012 में भी एग्जिट पोल आए और उसके बाद रिजल्ट भी. लेकिन एग्जिट पोल में किसका दावा कितना करीबी रहा ये रिपोर्ट आपके सामने है. स्टार न्यूज़- एसी नेल्सन सर्वे बसपा - 83 सपा- 183 कांग्रेस-आरएलडी- 62 बीजेपी-71 अन्य-4 CNN-IBN-द वीक-सीएसडीएस सर्वेcsdsन्यूज़-24-चाणक्य सर्वे सपा-202 बसपा-85 इंडिया टीवी-सी वोटर सपा- 137-145 बसपा- 130 बीजेपी- 79-89 कांग्रेस-आरएलडी- 39-55 एग्जिट पोल किसी का भी कुछ रहा हो. लेकिन साल 2012 में सपा को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था. सपा को 224, बसपा को 80 और भाजपा को 47 सीटों पर जीत मिली थी. समाजवादी पार्टी ने मुलायम सिंह यादव की लीडरशिप में बहुजन समाज पार्टी की मायावती सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया. जबकि ये पार्टी भी 2007 में पूर्ण बहुमत से आई थी. अब जो एग्जिट पोल आएं चिल मारना. दिल से मत लगा लेना. क्योंकि सरकार रिजल्ट से बनती है. लोगों के वोट से बनती है. एग्जिट पोल से नहीं. और जिसे वोटर्स ने पसंद किया है. सरकार उसी की बनेगी. अब चाहे भाजपा हो, बसपा हो या फिर सपा. या ये कहिये चाहे आरएलडी हो, AIMIM हो या फिर कोई पीस पार्टी. रिजल्ट आने से पहले इन एग्जिट पोल को लेकर कतई खुश या दुखी न हो. सच कहूं तो ये महज़ एक अंदाज़ा होते हैं. और जब ये एग्जिट पोल आते हैं तो मुझे 'दस का दम' शो याद आ जाता है. ये शो सलमान खान होस्ट करते थे. और सवाल इस तरह होते थे 'कितने प्रतिशत भारतीय मानते हैं कि सुबह में नाहने से ठंड लगती है.' या कितने प्रतिशत भारतीय मॉर्निंग वॉक करना चाहते हैं. और लोग अंदाज़े लगाते थे. जिसने सटीक अंदाज़ा लगाया वो जीत जाता था. क्योंकि अंदाज़े भी फिट बैठ जाते हैं. और जिसका अंदाज़ा गलत. वो शो से बाहर. तो सबके एग्जिट पोल देखिए और मौज कीजिए. असली पिक्चर तो इलेक्शन कमीशन ही रिलीज़ करेगा. और वही पिक्चर हिट होगी जो यूपी विधानसभा में चलेगी. बाकी तो जय जनादेश!
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