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ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में छोड़ी थी IPS की नौकरी, सिमरनजीत ने संगरूर में AAP को पटखनी दे दी

सिमरनजीत सिंह मान इंदिरा गांधी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में जेल में रहे हैं. जेल से चुनाव भी जीता था.

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बाएं से दाएं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और सिमरनजीत सिंह.(फोटो: इंडिया टुडे)
26 जून 2022 (Updated: 28 जून 2022, 12:10 IST)
Updated: 28 जून 2022 12:10 IST
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पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के रिजल्ट में बड़ा उलटफेर देखने को मिला. सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) के इस्तीफे से खाली हुई संगरूर (Sangrur) सीट पर उपचुनाव में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. पंजाब की इस हाईप्रोफाइल सीट पर शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान (Simranjit Singh Mann) ने आप उम्मीदवार गुरमेल सिंह (Gurmail Singh) को हरा दिया है. दो बार के सांसद और पूर्व आईपीएस अधिकारी रह चुके सिमरनजीत सिंह मान ने आप प्रत्याशी गुरमेल सिंह को सात हजार वोट से अधिक के अंतर से हराया.

चुनाव जीतने के बाद 77 साल के सिमरनजीत सिंह ने फेसबुक पर संगरूर की जनता को धन्यवाद दिया. चुनाव जीतने के बाद सिमरनजीत ने कहा है कि वो किसानों के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा क‍ि उनकी प्राथमिकता संगरूर की खराब आर्थिक स्थिति सहित कर्ज में डूबे किसानों की स्थिति का मुद्दा उठाना होगी. उन्होंने कहा कि वो पंजाब सरकार के साथ काम करेंगे. 

सिमरनजीत सिंह मान की जीत के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के विधायकों तक लोगों की पहुंच बहुत मुश्किल हो गई है, जिसके चलते लोगों में आम आदमी पार्टी को लेकर गुस्सा था. वहीं सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर भी लोग पार्टी से नाराज थे. एक वजह ये भी बताई जा रही है कि आम आदमी पार्टी ने एक कम लोकप्रिय चेहरे को चुनावी मैदान में उतारा.

कौन हैं सिमरनजीत सिंह मान

इंडिया टुडे से जुड़े मंजीत सहगल से मिली जानकारी के मुताबिक नव निर्वाचित सांसद सिमरनजीत सिंह का जन्म 20 मई 1945 को शिमला में हुआ था. उनके पिता, लेफ्टिनेंट कर्नल जोगिंदर सिंह मान, 1967 में पंजाब विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं.

मान 1967 IPS अधिकारी बने और उन्हें "पंजाब कैडर" मिला. 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान हुए सिख विरोधी दंगों और हरमंदिर साहिब पर हुई सैन्य कार्रवाई के समय मान बॉम्बे  में CISF के ग्रुप कमांडेंट थे. 
उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में 18 जून 1984 को भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था. मान पर इंदिरा गांधी की हत्या की साजिश करने का आरोप भी लगा, जिसकी वजह से उन्हें करीब 30 बार गिरफ्तार किया गया या हिरासत में लिया गया था. लेकिन उनपर कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हो सका है. उनकी छवि खालिस्तान समर्थक की भी रही है.

सिमरनजीत सिंह मान ने 1989 में जेल में रहते हुए तरनतारन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने 1999 में एक बार फिर संगरूर से चुनाव लड़ा और सांसद बने. अब तक वो सात बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इससे पहले इस बार के पंजाब विधानसभा चुनाव में वो अमरगढ़ से मैदान में उतरे थे, जिसमें वो आप (AAP) उम्मीदवार प्रोफेसर जसवंत सिंह गज्जनमाजरा से चुनाव हार गए थे.

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