टिकट कटने पर कपड़े फाड़कर रोने वाले ने कहा था 25 सीटें आएंगी, तेजस्वी को क्या पता था यही हो जाएगा!
RJD नेता मदन शाह ने बताया कि जब विधानसभा का घेराव हुआ था, तो उसमें उनका सिर फूट गया था और हाथ भी टूट गया था. उन्होंने दावा किया कि उनका टिकट काटकर ऐसे व्यक्ति को दिया गया, जो पार्टी का प्राथमिक सदस्य भी नहीं था.

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता मदन शाह ने अक्टूबर 2025 में पार्टी से टिकट ना मिलने पर RJD को 25 सीटों पर सिमटने का श्राप दिया था. रिजल्ट निकला तो उनका श्राप सच साबित हो गया. RJD सरकार बनाने में नाकामयाब रही और 25 सीटों पर सिमटकर रह गई. अब मदन से उनकी बद्दुआ और RJD के खराब प्रदर्शन पर सवाल किया गया तो उन्होंने दुख ही जताया.
मदन शाह ने बताया कि वे 1990 से पार्टी से जुड़े हुए हैं. मदन ने यह भी कहा कि RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव आज भी गरीबों के मसीहा हैं. अपना टिकट कटने का समय याद कर मदन ANI से बातचीत में बोले,
"मुझे इतना बड़ा दर्द मिला कि मैं पागल हो गया. मैं लालू जी से मिलने सुबह पटना गया कि लालू जी मिलेंगे और कुछ बोलेंगे, लेकिन कोई मुझसे नहीं मिला. मेरा दर्द इतना गहरा था कि मैं कहीं का नहीं रहा. मैं अपने कपड़े फाड़कर लालूजी के आवास पर लौटता रह गया, लेकिन कोई मुझसे मिलने नहीं आया. बाद में मेरे मुंह से निकल गया, 'जाइए हम बद्दुआ दे रहे हैं कि आपकी पार्टी 25 सीटों पर सिमट जाएगी.' और पार्टी 25 सीटों पर सिमट गई."
उन्होंने आगे कहा,
“मुझे आज भी पार्टी के लिए दुख होता है कि इतनी बड़ी पार्टी, बिहार की सबसे बड़ी पार्टी और 25 सीटों पर सिमट जाए. मुझे भी दुख है. मैंने पार्टी में काम किया है, पार्टी के लिए काम किया है. पार्टी हारी है, तो मुझे भी दर्द है, लेकिन भगवान जो करता है, अच्छा करता है. पार्टी के लोग और पार्टी के अंदर जो भी हैं, अब भी सुधर जाए.”
मदन शाह ने किसी का भी नाम लिए बिना कहा कि जिन्हें पार्टी का चाणक्य कहा जाता है, वे पार्टी को बर्बाद करने पर तुले हैं. उन्होंने कहा,
"आज जिसे चाणक्य कहा जाता है, वह चाणक्य नहीं है, वह पार्टी को बर्बाद करने के लिए लगा हुआ है, और पार्टी बर्बाद हो गई है. जब तक उस चाणक्य को पार्टी से नहीं निकाला जाता, इस पार्टी के जयचंद को नहीं निकाला जाता, जो दलाली के भरोसे रहते हैं, उन्हें पार्टी से नहीं निकाला जाता, तब तक पार्टी नहीं सुधरेगी."
उन्होंने पैसों के बदले टिकट बांटने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पैसा डायरेक्ट नहीं मांगा गया था बल्कि मीडिया के जरिए मांगा गया था. मदन शाह ने कहा,
"तो मैं किसे पैसा देता, रोड पर थोड़ी फेंक देता... मैंने संजय यादव से बात नहीं की... बड़े-बड़े नेताओं के द्वारा भी हमको कहा गया था की हां, पैसा मांगिए मदन जी से टिकट दिलवाने के लिए. हम पार्टी में काम करते हैं, हम कार्यकर्ता हैं. पैंतीस साल से हम पार्टी में काम कर रहे हैं, तो हम पैसा कैसे देंगे, कहां से देंगे? अगर हम वहां पैसा देंगे तो इलाके में क्या खर्च करेंगे? मैंने पहले तेजस्वी से बात की थी, जब हम बात करते थे, तेजस्वी जी कहते थे कि एक सर्वे हो रहा है, एक सर्वे हो रहा है."
मदन शाह ने दावा कि इस बार टिकट बंटवारे में लालू प्रसाद यादव से राय नहीं ली गई. उन्होंने यह भी कहा कि मधुबन सीट पर उनका टिकट काटकर ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया, जो पार्टी का प्राथमिक सदस्य भी नहीं था. उन्होंने कहा
"मधुबन विधानसभा सीट से किसी अनजान आदमी को टिकट दे दिया जाता है, जो अभी तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य भी नहीं है और जिसके नाम पर टिकट दिया गया वो डॉक्टर है, सरकारी डॉक्टर है. उसने रिजाइन भी नहीं किया था. उसने दूसरे के नाम पर अपनी पत्नी के नाम पर टिकट लिया. संध्या रानी के नाम पर, जो पार्टी की सदस्य भी नहीं है."
RJD नेता मदन शाह ने बताया कि जब विधानसभा का घेराव हुआ था तो वे भी वहां थे. मदन के मुताबिक, वहां उनका सिर फूट गया और हाथ टूट गया था. उन्होंने पार्टी की लीडरशिप को नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी को अपना आचरण सुधारना चाहिए. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को टिकट दो, उनका सम्मान करो और उनसे सहयोग लो.
उन्होंने तेजस्वी यादव को पार्टी की बागडोर अपने हाथों में लेने की सलाह दी. उन्होंने यह भी कहा कि लक्ष्मी सरीखी बहन रोहिणी आचार्य को अपने साथ रखें और सभी भाई-बहनों के साथ परिवार को बनाकर चलें.
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