बिहार में वोटिंग से पहले बुरे फंसे प्रशांत किशोर, बंगाल में हुए खुलासे से मचा हड़कंप
Prashant Kishor का नाम बिहार के अलावा, West Bengal की वोटर लिस्ट में भी पाया गया है. कानून कहता है कि एक शख्स का नाम दो जगह वोटर लिस्ट में नहीं हो सकता. लेकिन बंगाल में कहां के वोटर हैं प्रशांत किशोर? और कैसे वहां के वोटर बन गए?

बिहार चुनाव (Bihar Election 2025) में अपनी जनसुराज पार्टी के साथ मैदान में उतरे प्रशांत किशोर नई मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं. चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का नाम बिहार के अलावा, पश्चिम बंगाल की वोटर लिस्ट में भी पाया गया है. कानून कहता है कि एक शख्स का नाम दो जगह वोटर लिस्ट में नहीं हो सकता.
बंगाल में कहां के वोटर हैं प्रशांत किशोर?इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल की वोटर लिस्ट में प्रशांत किशोर का पता 121, कालीघाट रोड दर्ज है. यह वही जगह है, जहां तृणमूल कांग्रेस (TMC) का कार्यालय है. बताते चलें कि 2021 के बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान प्रशांत किशोर ने TMC के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी. TMC पार्षद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भाभी, कजरी बनर्जी ने बताया कि उस दौरान प्रशांत किशोर TMC के ऑफिस में आते और ठहरते थे.
यह इलाका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा क्षेत्र भवानीपुर में आता है. प्रशांत का मतदान केंद्र बी रानीशंकरी लेन स्थित सेंट हेलेन स्कूल में दर्ज है. पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान, CPM ने प्रशांत किशोर के बंगाल के वोटर होने पर आपत्ति जताई थी.
बिहार में प्रशांत का नाम सासाराम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत करगहर विधानसभा क्षेत्र में दर्ज है. उनका मतदान केंद्र रोहतास जिले के कोनार में है. कोनार किशोर का पैतृक गांव भी है.
जनसुराज पार्टी ने क्या कहा?प्रशांत किशोर ने इस मामले पर कोई बयान या सफाई नहीं दी है. लल्लनटॉप से बात करते हुए, उनकी पार्टी के एक नेता ने बताया कि बंगाल चुनाव के बाद प्रशांत बिहार में मतदाता बन गए. उन्होंने बताया कि किशोर ने अपना बंगाल वोटर आईडी कार्ड रद्द करने के लिए आवेदन किया है. हालांकि, आवेदन की हालिया स्थिति के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया. बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने भी इस मामले को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया.
क्या कहता है नियम-कानून?कानून कहता है कि एक शख्स का नाम दो जगह वोटर लिस्ट में नहीं हो सकता. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के मुताबिक,
किसी भी शख्स को एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों की वोटर लिस्ट में रजिस्टर होने का हक नहीं है.
साथ ही, धारा 18 में यह भी जोड़ा गया है कि कोई भी शख्स एक ही निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट में एक से ज्यादा बार रजिस्टर नहीं होगा. अगर ऐसा होता भी है तो फॉर्म 8 भरकर वोटर अपना नामांकन बदल सकता है. यह फॉर्म घर का पता बदलने या गलतियों को सुधारने के लिए चुनाव आयोग का फॉर्म है.
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