The Lallantop
Advertisement

"बिहार के मंत्रियों को झुनझुना.." तेजस्वी यादव के दावे में कितना दम? क्या नीतीश सच में किंगमेकर हैं?

Nitish Kumar के Kingmaker होने के दावों में कितना दम है? Bihar के मंत्रियों को मिले विभाग कितने अहम हैं? क्या इस पोर्टफोलियो के साथ नीतीश NDA में टिकेंगे? RJD के आरोप पर JDU की सफाई भी आ गई है.

Advertisement
Nitish Kumar, Tejaswi Yadav
तेजस्वी यादव ने मंत्रालयों के बंटवारे पर सवाल उठाया है. (तस्वीर साभार: PTI)
font-size
Small
Medium
Large
11 जून 2024 (Updated: 11 जून 2024, 16:55 IST)
Updated: 11 जून 2024 16:55 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत हो गई है. मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग का कार्यभार संभालना शुरू कर दिया है. नई सरकार में 30 कैबिनेट मंत्री, 36 राज्य मंत्री और 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री शामिल हैं. भाजपा के अलावा NDA के अन्य घटक दलों में तेलुगू देशम पार्टी (TDP), जनता दल युनाइटेड (JDU), शिवसेना (शिंदे गुट), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जनता दल सेक्यूलर, राष्ट्रीय लोक दल, हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM), द रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को मिलाकर कुल 11 मंत्री पद दिए गए हैं.

गठबंधन सरकार में मंत्री पदों का बंटवारा तो हो गया लेकिन अब इस बंटवारे पर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गठबंधन के अपने साथियों के साथ न्याय नहीं किया है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी इस पर सवाल उठाए हैं. नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को नई सरकार में ‘किंगमेकर’ कहा जा रहा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि नीतीश किसी अहम विभाग की मांग कर सकते हैं. लेकिन पोर्टफोलियो के बंटवारे के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के मंत्रियों को ‘झुनझुना’ थमा दिया गया है. इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करेंगे कि बिहार के सांसदों को मिले पोर्टफोलियो कितने अहम हैं? ये भी जानेंगे कि नीतीश के ‘किंगमेकर’ होने का दावा कितना मजबूत है?

किसको क्या मिला?

सबसे पहले ये जान लेते हैं कि बिहार के किन मंत्रियों को कौन-सा विभाग मिला है. और वो किस पार्टी के हैं? बिहार के कुल 8 सांसदों को मंत्री पद दिया गया है. 

पार्टीसांसदविभाग
JDUराजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह पंचायती राज मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री (कैबिनेट मंत्री)
JDU राम नाथ ठाकुरकृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
BJPगिरिराज सिंहकपड़ा मंत्री (कैबिनेट मंत्री)
BJPनित्यानंद रायगृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
BJPराज भूषण चौधरीजल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री
BJPसतीश चंद्र दुबेकोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री; खान मंत्रालय में राज्य मंत्री
LJP (R)चिराग पासवानखाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री (कैबिनेट मंत्री)
HAMजीतन राम मांझीसूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री (कैबिनेच मंत्री)

नई सरकार में नीतीश की भूमिका पर बात करते हुए राजद प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु एक वायरल वीडियो पर जोर देते हैं. इस वीडियो में नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैरों को छूने का प्रयास कर रहे हैं. जयंत कहते हैं,

“ये निराशाजनक है. ये ‘दास भाव’ को दिखाता है. इससे पता चलता है कि नीतीश अपनी कितनी मांगों को मनवा सकते हैं. उनको बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस, स्पेशल पैकेज और जातिगत जनगणना जैसी मांग करनी चाहिए थी. लेकिन पता नहीं उनकी क्या मजबूरी है. जो मंत्रालय मिला है वो भी पब्लिक सेंटिमेंट के हिसाब से बहुत ज्यादा रिच नहीं रखता.”

Nitish Kumar,Narendra Modi,Chandrababu Naidu,JP Nadda
नीतीश कुमार की वायरल तस्वीर. (साभार: PTI)

ये भी पढ़ें: बिहार को क्यों नहीं मिल सकता विशेष राज्य का दर्जा, ये नियम उम्मीदों पर पानी फेर सकते हैं

नीतीश ने क्या-क्या मांगा था?

लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने के बाद नंबर्स के मामले में नीतीश और नायडू की भूमिका अहम मानी गई. मीडिया रिपोर्ट्स में दावे किए गए कि नीतीश ने 4 सांसद पर एक मंत्री पद का फॉर्मूला अपनाया है और 3 मंत्री पदों की मांग की है. क्योंकि उनकी पार्टी ने 12 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है. लेकिन JDU को मिला 2 मंत्री पद. ललन सिंह को कैबिनेट मंत्री और राम नाथ ठाकुर को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद दिया गया है. ललन सिंह को पंचायती राज मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी का विभाग दिया गया है. इसके पहले ये विभाग भाजपा सांसद गिरिराज सिंह के पास थे. एएन सिन्हा समाजिक शोध संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर डीएम दिवाकर इस पर कहते हैं,

"ललन सिंह को जो विभाग मिला है वो महत्वपूर्ण है. इसको पैसे की दृष्टि से नहीं देखा जाए बल्कि नेटवर्क की दृष्टि से देखा जाए. बाकी अगर आप उस तरह देखेंगे तो बिहार के सभी मंत्रियों को झुनझुना ही मिला है. यहां तक कि भाजपा के मंत्रियों को भी झुनझुना ही मिला है."

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि नीतीश को INDIA गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री का पद ऑफर किया गया था. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर नीतीश और किन शर्तों या मांगों के साथ NDA में बने रहेंगे. या बने रहेंगे भी या नहीं? 

"नीतीश भाजपा के साथ कितने दिन रहेंगे ये तो खुद उनको भी नहीं पता. नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि उनका दायां हाथ क्या करता है ये उनके बाएं हाथ को भी पता नहीं होता. लेकिन एक बात तो तय है कि कोई नीतीश कुमार का इस्तेमाल नहीं कर सकता. उनके पास तो दोनों तरफ के विकल्प खुले हैं."

ये भी पढ़ें: जीतनराम मांझी- मुसहर समुदाय के पहले केंद्रीय मंत्री, कभी नीतीश कुमार की JDU में खलबली मचा दी थी

क्या नीतीश के CM बने रहने पर बनी बात?

4 जून को वोटों की गिनती हुई. भाजपा को बहुमत नहीं मिला लेकिन NDA गठबंधन को बहुमत मिल गया. इसके बाद से भाजपा की चिंता बढ़ाने वाली कई खबरे आईं. जैसे- कांग्रेस की ओर से नीतीश कुमार के लिए बातचीत का चैनल खोलना, INDIA गठबंधन की ओर से उन्हें ऑफर मिलना, बिहार BJP के अध्यक्ष सम्राट चौधरी का मुख्यमंत्री आवास जाना और नीतीश कुमार का उनको इंतजार करवाना. इसके बाद 6 जून को भाजपा ने नीतीश कुमार को लेकर एक बड़ा एलान किया. BJP ने कहा कि NDA बिहार में अगला विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगी. 

इसके बाद जब जदयू को दो मंत्री पद मिले हैं तो अब विधानसभा चुनाव में नीतीश की भूमिका पर भी बातें होने लगी हैं. डीएम दिवाकर इस पर कहते हैं,

"विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को साथ रखना तो भाजपा की मजबूरी है. 2015 में नीतीश जब भाजपा से अलग हो गए थे तो भाजपा विधानसभा चुनाव हार गई थी. और अभी भी ऐसा तो है नहीं कि राजद ने उनके लिए दरवाजा बंद कर दिया है."

Nitish Kumar,Chandrababu Naidu,Pawan Kalyan
शपथ ग्रहण समारोह में चंद्रबाबू नायडू के साथ नीतीश कुमार. (तस्वीर साभार: PTI)
JDU ने क्या कहा?

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार इस मंत्रालयों की अहमियत पर कहते हैं कि बिहार में पशुपालन और मत्सय पालन में काफी काम हुआ है. उन्होंने आगे कहा,

"डेयरी और कृषि से संबंधित मामलों में भी असीम संभावना है. तेजस्वी और उनकी पार्टी का बयान राजनीतिक हताशा की पहचान है. उनको मात्र 4 सीटें मिली हैं."

ये भी पढ़ें: चुनाव रिजल्ट के बाद नीतीश कुमार और शेयर मार्केट पर मीम क्यों बन रहे हैं?

उन्होंने तेजस्वी पर आरोप लगाया,

"2004 में लालू यादव के 22 सांसद थे. लालू यादव तब रेल मंत्री बने थे. रेलवे में क्या काम हुआ? रघुवंश बाबू ग्रामीण विकास मंत्री थे. नीतीश कुमार के आने से पहले बिहार में कितनी सड़कें बनी थीं. तो क्या उस समय उनके मंत्री झुनझुना नहीं बजा रहे थे. जहां तक बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की बात है तो वो हमारी चिंता है. उसको हम देखेंगे."

लोकसभा स्पीकर की भी मांग

इससे पहले खबर आई थी कि JDU और TDP की ओर से लोकसभा स्पीकर के पद की मांग की गई है. कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में नीतीश ने इस बात से अपनी आपत्ति हटा ली कि स्पीकर का पद भाजपा के पास ही रहे. खबर लिखे जाने तक इस बात की घोषणा नहीं हुई है कि ये पद किसको मिलेगा? विभागों के बंटवारे के बाद लोकसभा अध्यक्ष के पद को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि ये पद किस दल के पास जाता है और नीतीश अपने राज्य के लिए और क्या-क्या मांगते हैं. और NDA में कब तक टिकते हैं.

वीडियो: पप्पू यादव ने नीतीश कुमार को ये सुझाव दे डाले

thumbnail

Advertisement

Advertisement