बिहार में सत्ता का नया गणित: नीतीश का इस्तीफा आज, गांधी मैदान तैयार शपथ के लिए
Bihar New Government: सीएम नीतीश कुमार ने आज यानी 17 नवंबर को मौजूदा मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है. बैठक में इसे भंग करने के फैसले पर मुहर लगेगी. इसके बाद नीतीश राजभवन जाकर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात करेंगे और अपना इस्तीफा सौंपेंगे.

बिहार विधानसभा के नतीजों की घोषणा हो चुकी है. अब राज्य में नई सरकार का गठन होगा. सत्तारूढ़ एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला है, इसलिए बिहार के राज्यपाल उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे. इससे पहले रविवार, 16 नवंबर को चुनाव आयोग के अधिकारी बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मिलने पहुंचे और जीते हुए विधायकों की लिस्ट सौंपी. इसी के साथ रविवार को शाम पांच बजे से राज्य में लागू आचार सहिंता भी समाप्त हो गई है.
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज यानी 17 नवंबर, सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है. बैठक में मौजूदा मंत्रिमंडल को भंग करने का फैसला लिया जाएगा. इसके बाद सीएम नीतीश राजभवन जाएंगे और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेगें. इसके बाद औपचारिक रूप से नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पटना के गांधी मैदान में होगा. समारोह में पीएम मोदी भी शामिल होंगे.
गांधी मैदान में होगा शपथ ग्रहणरिपोर्ट के मुताबिक पटना जिला प्रशासन ने 17 से 20 नवंबर तक गांधी मैदान को आम लोगों के लिए बंद कर दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि इसी के बीच किसी दिन शपथ ग्रहण हो सकता है. इससे पहले रविवार को पटना में दिनभर मुलाकातों का दौर चलता रहा. बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीएम हाउस में मुलाकात की. इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने सीएम के साथ 3 घंटे लंबी बैठक की.
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मंत्रिमंडल के गठन पर चर्चाफिलहाल नई सरकार में मंत्रिमंडल और विभागों के बंटवारे पर मंथन चल रहा है कि किस दल से कितने मंत्री होंगे और किसे कौन सा विभाग दिया जाएगा. आजतक के मुताबिक एनडीए के सहयोगी दल दिल्ली में भाजपा आलाकमान के भी लगातार संपर्क में हैं. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भाजपा और जदयू के बीच 50-50 का फॉर्मूला बन सकता है. या फिर पिछले समीकरणों पर सहमति बन सकती है. बताया जा रहा है कि एलजेपी, हम और आरएलडी जैसे अन्य सहयोगी दलों ने भी मंत्रिमंडल में उचित हिस्सेदारी मांगी है. ऐसे में देखना होगा कि नया मंत्रिमंडल में किसे कितनी जगह दी जाती है.
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