बिहार में SIR के बाद नया बदलाव! अब हर वोटर को मिलेगा हाई-टेक वोटर आईडी कार्ड
Bihar में में October के अंत में या Mid November तक विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है. वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. नई विधानसभा का गठन उससे पहले होना अनिवार्य है.

बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव आयोग (Election Commission) राज्य के सभी वोटर्स को आधुनिक तकनीक से लैस नया वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card) जारी करने की तैयारी में है. हालांकि अभी आयोग की तरफ से इसके लिए कोई तारीख नहीं बताई गई है. चुनाव आयोग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि यह प्रक्रिया कब और कैसे पूरी की जाएगी, इस पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है.
चुनाव आयोग से जुड़े सीनियर अधिकारियों के मुताबिक SIR प्रक्रिया के तहत फॉर्म भरते समय वोटर्स से अपनी लेटेस्ट तस्वीरें भी जमा करने को कहा गया था. ये तस्वीरें नए वोटर आईडी कार्ड में होंगी. बिहार में एक अगस्त को वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित हुआ था.
ड्राफ्ट लिस्ट के मुताबिक राज्य में 7.24 करोड़ वोटर्स हैं. फाइनल वोटर लिस्ट 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी. राज्य में अक्तूबर के अंत में या मिड नवंबर तक विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है. वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. नई विधानसभा का गठन उससे पहले होना अनिवार्य है.
चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि SIR फॉर्म भरने वाले 99 फीसदी लोगों ने अपने दस्तावेज जमा कर दिए हैं. ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल किसी नाम को हटाने या शामिल कराने के लिए एक महीने का समय दिया गया था. इस दौरान मुख्य विपक्षी दल राजद की ओर से दस नाम शामिल करने का आवेदन दिया गया है. जबकि CPI(ML) की तरफ से 15 नाम जोड़ने और 103 नाम हटाने के आवेदन भेजे गए हैं. बाकी दस और रजिस्टर्ड दलों ने एक भी आवेदन नहीं भेजा है.
वहीं पूरे बिहार से 33 हजार 326 लोगों ने वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के लिए आवेदन दिया है. इनके नाम ड्राफ्ट लिस्ट से गायब थे. जबकि वोटर लिस्ट में शामिल नाम हटवाने के लिए 2 लाख 7 हजार 565 लोगों ने आवेदन दिया है.
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इसके अलावा बिहार पहला राज्य बन गया है जहां वोटिंग के दिन पोलिंग बूथों पर भीड़ कम रखने के लिए युक्तिकरण(Rationalisation) प्रक्रिया के तहत प्रति पोलिंग बूथ वोटर्स की संख्या 1500 से घटाकर अधिकतम 1200 कर दी गई है. इस बदलाव की वजह से बिहार में कुल पोलिंग बूथों की संख्या 77 हजार से बढ़कर 90 हजार हो गई है.
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