The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Election
  • bihar assembly election left parties demand 75 seat from tejashwi yadav

महागठबंधन में सीट बंटवारे में फंसा पेच, लेफ्ट की 9 सीटों पर राजद-कांग्रेस की नजर

महागठबंधन में लेफ्ट की तीन पार्टियां CPI(ML)L, CPI(M) और CPI है. तीनों पार्टियों में CPI(ML)La के पास सबसे ज्यादा 12 विधायक हैं. वहीं CPI(M) और CPI के पास 2-2 विधायक हैं. पिछली बार माले 19 सीटों पर लड़ी थी.

Advertisement
dipankar bhattacharya tejashwi yadav rahul gandhi
लेफ्ट पार्टियों ने तेजस्वी यादव को 75 सीटों की लिस्ट सौंपी हैं. (इंडिया टुडे)
pic
आनंद कुमार
23 सितंबर 2025 (Updated: 23 सितंबर 2025, 01:20 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

बिहार चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. लेकिन अभी तक सत्ताधारी एनडीए और विपक्ष पार्टियों के महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर समझौता नहीं हुआ है. दोनों गठबंधन में सहयोगी पार्टियों को सीट देने का हिसाब किताब उलझता नजर आ रहा है. इस बीच लेफ्ट पार्टियों ने महागठबंधन में 75 सीटों की डिमांड रखी है. जबकि राजद और कांग्रेस ने लेफ्ट पार्टियों की 9 सीटों पर दावा ठोंक दिया है.

महागठबंधन में लेफ्ट की तीन पार्टियां CPI(ML)L, CPI(M) और CPI है. तीनों पार्टियों में CPI(ML)L (माले) के पास सबसे ज्यादा 12 विधायक हैं. वहीं CPI(M) और CPI के पास 2-2 विधायक हैं. पिछली बार माले 19 सीटों पर लड़ी थी. जबकि CPI 6 सीट और CPI(M) चार सीटों पर चुनाव लड़ी थी.

इस बार तीनों पार्टियां मिलकर 75 सीटें मांग रही हैं. इनमें माले 40, CPI 24 और CPI(M) 11 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक तीनों पार्टियों ने अपनी मनपसंद सीटों की लिस्ट कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव को सौंप दी है.

लेफ्ट की 9 सीटों पर फंसा पेच

तीनों लेफ्ट पार्टियां मिलाकर पिछली बार 29 सीटों पर चुनाव लड़ी थीं. इसमें से 9 सीटों पर इस बार कांग्रेस और राजद ने दावेदारी ठोक दी है. इनमें माले के हिस्से की मुजफ्फरपुर की औराई और पटना की दीघा विधानसभा सीट शामिल है. जबकि CPI की फंस रही सीटों में बेगूसराय जिले की बछवाड़ा, बखरी, मधुबनी जिले की हरलाखी, झंझारपुर और पूर्णिया जिले की रुपौली सीट है. इसके अलावा CPI(M) के हिस्से वाली सीतामढ़ी जिले की विभूतिपुर और बेगूसराय जिले की मटिहानी सीट पर भी राजद और कांग्रेस दावेदारी कर रही है.

ये भी पढ़ें - बिहार चुनाव: जब एक विधायकी सीट के लिए इंदिरा गांधी और मोरारजी देसाई में टक्कर हुई

एक वक्त बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी थी CPI

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) साल 1972 से 1977 तक बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी थी. साल 1972 के चुनाव में CPI को 35 सीट मिली थी. राज्य में पार्टी के संस्थापक नेताओं में से एक सुनील मुखर्जी उस वक्त नेता प्रतिपक्ष बने थे. लेकिन इसके बाद से पार्टी की पकड़ कमजोरी होती गई. हालांकि साल 1995 में भी पार्टी के 26 विधायक जीते थे. लेकिन साल 2000 में ये घटकर 5 रह गए. फिर 2005 में 3, 2010 में एक और 2015 में विधायकों की संख्या शून्य हो गई. इसके बाद साल 2020 में फिर से पार्टी का खाता खुला. और इसके दो विधायक जीते.

वीडियो: राजधानी: बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान और प्रशांत किशोर की नजदीकियां?

Advertisement

Advertisement

Advertisement

()