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चप्पलों की माला पहनकर जनता से मिल रहा ये उम्मीदवार, वजह जान कहेंगे- ठीक तो है

Pandit Keshav Dev ने साल 2017 में पहली बार चुनाव लड़ा था. 2017 और 2022 के Uttar Pradesh Assembly Election चुनाव में वो निर्दलीय प्रत्याशी रहे थे.

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अलीगढ़ी में चप्पल चुनाव चिन्ह से चुनाव प्रत्याशी का अनोखा प्रचार. (फोटो: आजतक)
9 अप्रैल 2024 (Updated: 9 अप्रैल 2024, 19:39 IST)
Updated: 9 अप्रैल 2024 19:39 IST
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चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं को जबरन जूते-चप्पलों की माला पहनाने की कोशिशें देखने मिलती रही हैं. लेकिन यूपी के अलीगढ़ में एक चुनाव उम्मीदवार ने ये काम खुद ही कर लिया है. उन्होंने चप्पलों की माला बनाई और उसे खुद पहन कर लोगों से मिलने निकल पड़े. ये सियासत पर उनका तंज नहीं बल्कि चुनाव प्रचार का क्रिएटिव तरीका है जिसने सबका ध्यान खींचा.

इस क्रिएटिविटी को जन्म देने वाले प्रत्याशी का नाम है पंडित केशव देव. आप यूपी के अलीगढ़ से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग ने पंडित केशव देव को ‘चप्पल’ अलॉट की है, बतौर चुनाव चिह्न. काफी चांस था कि उनको मिले निशान पर लोग उनका मजाक उड़ाते. लेकिन केशव ने उन्हें ये मौका ही नहीं दिया. उन्होंने खुद ही चप्पलों की माला बनाकर ‘जगहंसाई’ को गले लगा लिया. अब वो आम लोगों के साथ मीडिया का भी ध्यान खींच रहे हैं.

केशव देव ने कुल 7 चप्पलों से ये माला बनाई है. प्रचार में उनके साथ उनके समर्थक भी हैं. वो पंडित केशव के पीछे एक बैनर लेकर प्रचार कर रहे हैं. बैनर पर उनका नाम और लोकसभा क्षेत्र का नाम लिखा है. साथ ही लिखा है- 'समर्थित भ्रष्टाचार विरोधी सेना'. और चुनाव चिह्न ‘चप्पल’ बनी हुई है.

क्यों जीतना है चुनाव? 

आजतक से जुड़े अकरम ने पंडित केशव देव से बात की. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया,

' मैं किसी पार्टी से राजनीति नहीं करता हूं. पिछले 15 सालों से सामाजिक कार्यों से जुड़ा हूं. साल 2017 में पहला चुनाव लड़ा था. इससे पहले मैंने साल 2017 और 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और नगर पार्षद का भी चुनाव लड़ा है. और अब प्रधानमंत्री बनने के लिए लोकसभा चुनाव लड़ रहा हूं.'

अपनी आगे की योजनाओं पर बात करते हुए उन्होंने बताया,

' अगर इस बार जनता ने चार लाख वोटों से चप्पल चुनाव चिह्न पर मुझे लोकसभा चुनाव जिता दिया, तो जिस पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए एक सांसद कम पड़ेगा उसे मैं समर्थन नहीं दूंगा. मैं उससे कहूंगा कि अपनी पार्टी का मेरे साथ विलय करो और मैं प्रधानमंत्री बनूंगा. और उन्हें बताऊंगा कि उन्हें देश चलाना नहीं आता है. जब मैं देश चलाऊंगा तो लोगों को पता चलेगा कि उन्होंने सही प्रत्याशी को वोट दिया है. राजनीतिक पार्टियों में भ्रष्टाचारी, बलात्कारी, अत्याचारी लोग भरे हैं. जनता उन्हें वोट देने के बाद रोती है. इस बार जनता इन पर चप्पल से चोट करेगी.'

उन्होंने अपना नारा भी दिया है. नारा कुछ इस तरह है,

'जो करेगा अत्याचार, भ्रष्टाचार… जनता उन्हें मारेगी चुनाव चिह्न के रूप में चप्पल चार.'

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केशव देव बताते हैं कि सरकार की गाइडलाइन के तहत प्रत्याशी को सरकारी सुरक्षा, गाड़ी का पास और परिचय पत्र मिलता है. उन्होंने सरकारी सुरक्षा न मिलने पर धरना देने की बात कही है.

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