नागपुर से चला SSC GD 2018 अभ्यर्थियों का ये मार्च दिल्ली पहुंचकर बवंडर ना मचा दे!
महज 40 अभ्यर्थियों से शुरू हुए इस मार्च में हर दिन प्रदर्शनकारी लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन SSC GD 2018 के अभ्यर्थियों ने ये मार्च शुरू क्यों किया?

नागपुर से दिल्ली की पैदल दूरी है 993 किलोमीटर. इस दूरी को तय करने में 200 घंटे से भी ज्यादा का समय लगता है. SSC GD 2018 के अभ्यर्थियों ने इस दूरी को तय करने का फैसला किया है. SSC GD 2018 के अभ्यर्थियों ने अब ये तय किया है कि वो नागपुर से दिल्ली पैदल मार्च करेंगे. इसके पीछे का मुख्य कारण SSC GD 2018 में खाली सीटों को भरना है. अभ्यर्थी इसके लिए पिछले डेढ़ साल से प्रदर्शन कर रहे हैं. क्या है पूरा मामला और क्यों हो रहा है प्रदर्शन, एक-एक करके समझते हैं.
पैदल मार्च करने की नौबत क्यों आई?स्टाफ सेलेक्शन कमीशन यानी SSC ने कॉन्स्टेबल जनरल ड्यूटी की भर्ती जुलाई 2018 में निकाली थी. आसान भाषा में इसे SSC GD 2018 कहा जाता है. ये भर्ती पैरामिलिट्री फोर्सेज CRPF, ITBP, BSF, CISF, NIA और असम राइफल्स में सिपाहियों के 54 हजार पदों पर भर्ती के लिए निकाली गई थी. बाद में पदों की संख्या बढ़ाकर 60 हजार 210 कर दी गई. भर्ती तीन चरणों में होती है- रिटन एग्जाम, फिजिकल टेस्ट और मेडिकल टेस्ट.
SSC GD 2018 भर्ती के लिए एप्लिकेशन प्रोसेस जुलाई 2018 में शुरू हुआ था. रिटन एग्जाम हुआ फरवरी 2019 में. फिजिकल टेस्ट हुआ अगस्त-सितंबर 2019 में. मेडिकल होते-होते आ गई जनवरी 2020. अब रिटन, फिजिकल और मेडिकल तीनों स्टेज की परीक्षा पास करने वालों की कुल संख्या थी करीब एक लाख 10 हजार. जनवरी 2021 से फाइनली अभ्यर्थियों को जॉइनिंग मिलनी शुरू हुई थी.

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती 60 हजार 210 पदों के लिए आई थी, लेकिन जॉइनिंग दी गई 55 हजार 912 लोगों को. अभ्यर्थियों का दावा है कि बाकी सीटें खाली रह गईं. इन खाली पदों को भरने की मांग को लेकर ये अभ्यर्थी पिछले डेढ़ साल से प्रदर्शन कर रहे हैं. काफी समय तक इन अभ्यर्थियों ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. फिर नागपुर में 72 दिन तक अनशन पर बैठे रहे. लेकिन अब तक इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थी केशव यादव बताते हैं,
हम सभी कैंडिडेट अपने नियुक्ति पत्र के लिए पिछले 1 साल से दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर रहे थे. हम युवाओं को वहां से कोई नहीं न्याय मिला तो हम लोग नागपुर (महाराष्ट्र) संविधान चौक पर 72 दिन लगातार आमरण अनशन पर बैठे रहे. 4 मई को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले साहब ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर के हम युवाओं को अमित शाह से मुलाकात कर न्याय दिलाने की बात कह कर अनशन तुड़वाया. पर फिर भी इस मामले में कोई सुनवाई नही हुई.
केशव आगे बताते हैं,
हम लोग 1 जून 2022 से लगातार पैदल चल रहे है. हमने नागपुर स्थित संविधान चौक से चलना शुरू किया और दिल्ली के जंतर मंतर तक पैदल ही जाएंगे. जब हमने मार्च शुरू किया था तब हम 40 लोग थे. लेकिन लगातार हमारी संख्या बढ़ती जा रही है. दिल्ली पहुंचते-पहुंचते ये संख्या हजारों में तब्दील हो सकती है.
छत्तीसगढ़ की रहने वाली और फिलहाल इस पैदल मार्च में शामिल अमिता बताती हैं,
अर्धसैन्य बलों में खाली हैं पदहम लोगों ने नागपुर में भी अनशन किया था. मुझे दो बार हॉस्पिटल ले जाने की नौबत भी आई थी. इसके बाद हम राज्यमंत्री रामदास अठावले से भी मिले. पर कोई भी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. हम पिछले 8 दिनों से पैदल मार्च पर हैं और लगभग 250 किलोमीटर पैदल चल चुके हैं. इस मांग के लिए हम लड़ते रहेंगे.
16 मार्च 2022 को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में कुल 73 हजार 219 पद खाली हैं. इसमें सिपाहियों के साथ-साथ अधिकारियों के पद भी शामिल हैं. इससे पहले 21 सितंबर 2020 को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए नित्यानंद राय ने बताया था कि अर्धसैनिक बलों में कुल 1 लाख 11 हजार 93 पद खाली हैं.
भर्तियों में लेट-लतीफी की वजह से काफी कैंडिडेट्स ओवरएज हो गए हैं. यानी कि ये अगली भर्ती में शामिल नहीं हो पाएंगे. ऐसे में इन अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने लिखित, शारीरिक और मेडिकल तीनों स्तर की परीक्षा पास की है. अपनी योग्यता साबित की है. जब पद खाली हैं तो फिर उन्हें भरा क्यों नहीं जा रहा? कम से कम उतने पद तो भरे जाएं जितनी पर वैकेंसी आई थी. इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय का पक्ष जानने के लिए हमने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. उनका जवाब आते ही स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.
वीडियो- रंगरूट: SSC GD 2018 में पैरामिलिट्री के लिए निकली भर्ती की नियुक्तियां अभी तक क्यों नहीं हो पाई?