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ईरान ने भारत से चाय और चावल खरीदना बंद किया, वजह आपको हैरान कर देगी!

ईरान हर साल बड़ी मात्रा में भारत से चाय और बासमती चावल का आयात करता रहा है.

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Basmati
बासमती चावल. (सांकेतिक तस्वीर)
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प्रदीप यादव
5 दिसंबर 2022 (Updated: 5 दिसंबर 2022, 05:35 PM IST)
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ईरान (Iran) ने पिछले हफ्ते से भारत से चाय और बासमती चावल के आयात के लिए नए कांट्रैक्ट्स पर पूरी तरह रोक लगा दी है. अचानक से रोके गए कांट्रैक्ट्स के बारे में ईरान की तरफ से अभी कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है. लेकिन भारतीय निर्यातकों का मानना ​​है कि ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलनों के चलते वहां दुकानें, होटल और बाजार बंद हैं, शायद इसलिए नए कॉन्ट्रैक्ट्स पर रोक लगाई गई है.

कारोबारियों के एक वर्ग का मानना ​​है कि ईरानी आयातक खरीद में देरी कर सकते हैं. निर्यातकों ने कहा है कि इसका असर इन वस्तुओं, विशेष रूप से चाय के निर्यात पर पड़ेगा. ईरान हर साल भारत से लगभग 3 से 3.5 करोड़ किलोग्राम पारंपरिक चाय और लगभग 15 लाख किलोग्राम बासमती चावल का आयात करता है.

एक प्रमुख चाय निर्यातक, भंसाली एंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर अनीश भंसाली ने अंग्रेजी अखबार इकॉनमिक टाइम्स से कहा, 

"पिछले सप्ताह से ईरान के खरीदारों ने नए अनुबंध साइन करना बंद कर दिया है. अचानक ऐसा क्यों हुआ, इसपर अब तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है.

भंसाली ने कहा कि इस बारे में ईरान के खरीदारों से बात की गई है. भंसाली ने आगे कहा कि चाय बोर्ड को सूचित कर दिया है और हम इस बारे में स्पष्टता का इंतजार किया जा रहा है. बासमती निर्यातक भी इसी समस्या का सामना कर रहे हैं. हालांकि, बासमती एक्सपोर्ट पर कम असर होगा क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से बासमती की निर्यात मांग काफी ज्यादा बनी हुई है. युद्ध के चलते बासमती का भाव काफी चढ़ चुका है. 

आपको बता दें कि भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है. चावल के वैश्विक व्यापार में भारत की 40 फीसदी भागीदारी है. बीते वित्त वर्ष में बासमती चावल का निर्यात घटकर 39.4 लाख टन रह गया था. हालांकि, चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 18.2 लाख टन हो गया है.

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