क्रिप्टो एक्सचेंज FTX के डूबने में आया भारतीय मूल के शख्स का नाम, मालिक से दोस्ती कर 'खेल' कर दिया
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज रहे FTX के फाउंडर ने खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी दी है

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज एफ़टीएक्स (FTX) महज़ हफ्ते भर में अर्श से फर्श पर पहुंच गया. एक्सचेंज का फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्रायड कंगाल हो चुका है. सैम बैंकमैन ने कंपनी के सीईओ के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. बीते 11 नवंबर को एफ़टीएक्स के फाउंडर ने अदालत में खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी भी दे दी है. इसके बाद सैम बैंकमैन अब जांच एजेंसियों की राडार पर हैं. लेकिन एफ़टीएक्स के इस पूरे खेल में एक भारतीय मूल के निषाद सिंह का भी नाम सामने आ रहा है. आइए जानते हैं कि ये निषाद सिंह कौन हैं?
सैम बैंकमैन से दोस्तीनिषाद सिंह एफटीएक्स के मालिक सैम बैंकमैन फ्रायड के काफी क्लोज बताए जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि निषाद सिंह की बैंकमैन से इतनी गहरी दोस्ती थी कि निषाद सिंह और सैम बैंकमेन दोनों एक ही घर में साथ साथ रहते थे. इतना ही नहीं, निषाद सिंह सैम बैंकमैन की दूसरी कंपनी अलमेडा में भी काम कर चुके हैं.
एफ़टीएक्स की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, निषाद सिंह कंपनी के डायरेक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग पद पर हैं. वेबसाइट के अनुसार, निषाद सिंह ने बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया से पढ़ाई की है. एफ़टीएक्स में आने से पहले निषाद सिंह फ़ेसबुक में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करते थे. यहां वो मशीन लर्निंग पर काम कर रहे थे. हालांकि, निषाद ने फ़ेसबुक में महज पांच महीने काम किया. इसके बाद निषाद सिंह ने दिसंबर 2017 में एफ़टीएक्स की दूसरी कंपनी अलमेडा रिसर्च जॉइन की. यहां उन्होंने करीब डेढ़ साल तक बतौर इंजीनियर काम किया और बाद में 2019 में वो एफ़टीएक्स से बतौर इंजीनियरिंग डायरेक्टर जुड़े.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक ख़बर के मुताबिक, एफ़टीएक्स के संस्थापक और पूर्व सीईओ सैम बैंकमैन-फ्रायड ने धोखाधड़ी को अंजाम देते हुए बेहद गोपनीय तरीके से एफ़टीएक्स के ग्राहकों के 10 अरब डॉलर यानी करीब 81 हजार 267 करोड़ रुपये अलमेडा में ट्रांसफ़र कर दिए. द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अलमेडा रिसर्च की सीईओ और एफ़टीएक्स के आला अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी कि अलमेडा की मदद के लिए एफ़टीएक्स के ग्राहकों का पैसा इधर ट्रांसफ़र किया गया.
अलमेडा रिसर्च इसी साल जून से वित्तीय संकट से गुजर रही थी क्योंकि क्रिप्टो करेंसी हेज फंड थ्री एरो कैपिटल के जून में डूबने के बाद अलमेडा को कर्ज देने वालों के सामने मुश्किल होने लगी. कर्ज देने वालों ने अपने पैसे मांगने शुरू कर दिए थे, जिससे वायेजर डिजिटल कंपनी जैसे क्रिप्टो ब्रोकरों को भारी नुकसान हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक, अलमेडा की सीईओ कैरोलीन एलिसन ने कर्मचारियों के साथ बैठक में इस बात का ज़िक्र किया कि एफ़टीएक्स के ग्राहकों का पैसा अलमेडा में ट्रांसफर करने की जानकारी सैम बैंकमैन के अलावा एफटीक्स के दूसरे पदाधिकारियों निषाद सिंह को भी थी.
खबर आई और शुरू हो गया खराब दौरएफटीएक्स की बर्बादी की इबारत तब लिखनी तब शुरू हुई जब क्रिप्टो न्यूज़ वेबसाइट क्वाइनडेस्क ने सैम बैंकमैन फ्रायड की ट्रेडिंग कंपनी अलमेडा रिसर्च और एफ़टीएक्स के कनेक्शन का खुलासा किया. क्वाइनडेस्क ने बताया कि दोनों अलग अलग कंपनियां नहीं हैं बल्कि एक ही फाउंडेशन की हैं.. इसके बाद एक और आरोप लगा कि अलमेडा ने एफ़टीएक्स के ग्राहकों का पैसा बतौर लोन इस्तेमाल किया है. मार्केट में इस खबर आने के बाद कंपनी के बुरे दौर की शुरुआत हो चुकी थी और इन आरोपों के कुछ दिन बाद दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस ने एफ़टीएक्स से जुड़े अपने सारे क्रिप्टो टोकन बेच दिए.
इसके बाद तो एफ़टीएक्स पर भूचाल आ गया. एक-एक कर ग्राहकों ने एफ़टीएक्स से अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया. पैसे की कमी से जूझ रहे सैम बैंकमैन ने कंपनी को बचाने के लिए पैसे जुटाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बन पा रही थी. लेकिन इसी बीच एक समय ऐसा आया, जब बाइनेंस ने घोषणा कर दी कि संकटग्रस्त एफटीएक्स को बाइनेंस खरीदेगी. लेकिन एक्सपर्ट्स ने इसे विरोधी कंपनी का दांव माना. क्योंकि बाइनेंस ने कुछ घंटों बाद कहा कि ग्राहकों के पैसे का गलत इस्तेमाल और अमेरिकी एजेंसियों की जांच को देखते हुए कंपनी ने अपना फैसला बदला है.
इस खबर के आते ही महज एक दिन में एफटीएक्स के फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्रायड की करीब करीब पूरी संपत्ति एक दिन में साफ हो गई और क्रिप्टो का यह कथित किंग कंगाल हो गया. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, इससे पहले आज तक दुनिया के किसी भी अरबपति ने एक दिन में इतनी बड़ा मात्रा अपनी संपत्ति नहीं गंवाई है. सैम बैंकमैन की एफटीएक्स में 53 फीसदी हिस्सेदारी है. फोर्ब्स के अनुसार, 2022 की शुरुआत में, एक्सचेंज की कुल वैल्यूएशन 40 अरब डॉलर (3 लाख 26 हजार 950 करोड़ रुपये) थी.
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