बहुत मनमानी कर ली, सरकार ने अब जो ऐक्शन लिया है, IndiGo का रोना निकल जाएगा!
IndiGo पर लिए गए ऐक्शन से दूसरी एयरलाइन्स की चांदी हो गई है.
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केन्द्र सरकार ने IndiGo पर तगड़ा एक्शन लिया है. सरकार ने IndiGo एयरलाइंस को अपने फ्लाइट शेड्यूल में 10% की कटौती करने का आदेश दिया है. यानी IndiGo की 200 से ज्यादा रोजाना फ्लाइट्स अब दूसरी एयरलाइंस कंपनियों को री-असाइन की जा सकती हैं. सरकार IndiGo के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. इसी क्रम में IndiGo के खिलाफ DGCA ने ये कदम उठाया है.
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और सचिव समीर सिन्हा की IndiGo के CEO पीटर एल्बर्स के साथ बैठक के बाद यह आदेश जारी किया गया. IndiGo ने कहा है कि वह अपने सभी गंतव्यों की उड़ानें जारी रखेगा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) द्वारा दिए गए 10% ऑपरेशन घटाने के आदेश का पालन करेगी.
2 दिसंबर एयरलाइंस ने अपनी कई उड़ानें कैंसिल की थी . इस वजह से देशभर में बड़ी तादाद में लोगों को दिक्कत उठानी पड़ी थी. यह IndiGo संकट इतना बड़ा गया था बात संसद तक पहुंच गई. विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा तो सरकार ने कहा कि सरकार एयरलाइंस के खिलाफ कड़ा एक्शन लेगी.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर एयरलाइंस इस तरह की गड़बड़ियां आगे भी करेगी, तो सरकार ने संकेत दिया है कि आगे भी कंपनी की उड़ानों की संख्या में कटौती की जा सकती है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया, “IndiGo आज शाम (9 दिसंबर) तक अपने कुल उड़ानों में से 5% उड़ानें हटाकर रिवाइज्ड फ्लाइट्स शेड्यूल जमा कर देगी.”
हालांकि, 9 दिसंबर को शाम होते-होते खबर आई कि सरकार IndiGo के शेड्यूल में 10 प्रतिशत फ्लाइट्स की कटौती का आदेश दिया है.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार IndiGo की क्रू की उपलब्धता के हिसाब से उड़ानों में कटौती करने पर विचार कर रही है. इसके अलावा कंपनी के बड़े अधिकारियों पर जुर्माने या दूसरी कार्रवाई की संभावना भी बनी हुई है. सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने संसद में कहा है कि
हम इस स्थिति को हल्के में नहीं ले रहे हैं. जांच जारी है, और बहुत सख्त कार्रवाई की जाएगी. हम ऐसी कार्रवाई करेंगे जो सभी एयरलाइनों के लिए उदाहरण बने.
IndiGo की फ्लाइट्स को लेकर देश भर में चल रहे संकट पर 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रतिक्रिया आई है. पीएम मोदी ने NDA की संसदीय दल की बैठक के दौरान कहा कि नियम सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए होना चाहिए, न कि आम जनता को दिक्कत पैदा करने के लिए. संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने बैठक के बाद इसकी जानकारी दी.
इस बीच, IndiGo की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के शेयर 8 दिसंबर को करीब 9 परसेंट तक लुढ़क गए थे. कंपनी के शेयरों में आई यह गिरावट फरवरी 2022 के बाद सबसे बड़ी है. वैसे तो कंपनी के शेयर लगातार सात दिनों से ही टूट रहे हैं. शेयरों में आई इस गिरावट के चलते कंपनी का मार्केट कैप यानी शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी के शेयरों की कुल कीमत करीब 4.5 अरब डॉलर भारतीय रुपये में करीब 40 हजार 400 करोड़ रुपये घट चुका है. सरकार की तरफ से कड़ा एक्शन लेने के संकेत देने के बाद कंपनी के शेयर जबरदस्त टूटे हैं. इससे पहले DGCA ने कंपनी के सीईओ पीटर एल्बर्स से IndiGo संकट को लेकर जबाव मांगा था.
उधर, सरकार ने एयर इंडिया सहित दूसरी एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि वे अपनी फ्लाइट्स बढ़ाएं ताकि IndiGo की फ्लाइट्स घटने पर लोगों को दिक्कत न उठानी पड़े. एक सरकारी अधिकारी ने इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा है,
“एयर इंडिया, स्पाइसजेट और अकासा एयर जैसी अन्य एयरलाइंस को अपनी उड़ानों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही एयर इंडिया घरेलू जगहों की उड़ानों में चौड़ी बॉडी वाले विमान भी लगा रही है ताकि कमी पूरी की जा सके.”
बिजनेस टुडे की पत्रकार रिचा शर्मा की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन नवंबर में अपनी क्षमता बढ़ाने की दिशा में पूरी शिद्दत से जुटी थी. कंपनी ने प्रतिदिन 200 उड़ानों का विस्तार किया. रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने अपने कारोबार का तो विस्तार किया लेकिन टीम उतनी नहीं बढ़ाई जितनी जरूरत थी. नवंबर के महीने में IndiGo रोजाना 2,300 से भी ज्यादा फ्लाइट्स का संचालन कर रही थी. ये वही समय था जब पायलटों के लिए सरकार ने नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम लागू किए थे.
कंपनी के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में उसने सिर्फ 418 नए पायलट भर्ती किए जिससे कंपनी के पायलटों की कुल संख्या 5,456 पर पहुंच गई. इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने 631 पायलट भर्ती किए थे. बता दें कि IndiGo ने 8 दिसंबर को 500 से अधिक उड़ानें रद्द कीं. IndiGo भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है और इस कंपनी की बाजार हिस्सेदारी करीब 65 पर्सेंट है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चेतावनी दी है कि मौजूदा संकट के चलते कंपनी पर वित्तीय दबाव देखने को मिल सकता है.
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