शेयर मार्केट में मची उथल-पुथल थम ही नहीं रही, वजह सिर्फ ईरान-इजरायल तनाव नहीं
Sensex Nifty Dashboard: पिछले 5 कारोबारी सत्रों में शेयर मार्केट में 'कत्लेआम' देखा गया है. निवेशकों ने 16 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए हैं. इस गिरावट की वजह केवल Iran-Israel Conflict नहीं है.
शेयर बाजार में 7 अक्टूबर को उतार-चढ़ाव (Share Market Updates) देखा जा रहा है. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स (Sensex Today) बढ़त के साथ खुला. पिछले कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 81,688 पॉइंट पर बंद हुआ था. वहीं 7 अक्टूबर को इसकी शुरुआत 81,926 अंकों के साथ हुई. कारोबार की शुरुआत के साथ ही सेंसेक्स 450 पॉइंट ऊपर चढ़ा. हालांकि, जल्द ही इसमें गिरावट देखी गई और यह 81,139 पॉइंट पर आ गया. खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 118 पॉइंट नीचे कारोबार कर रहा है.
कुछ ऐसी ही हाल निफ्टी का भी देखा जा रहा है. पिछले कारोबारी सत्र में निफ्टी 25,014 पॉइंट पर बंद हुआ था. 7 अक्टूबर को इसकी शुरुआत 25,084 पॉइंट के साथ हुई. शुरुआती कारोबार में यह 25,143 पॉइंट तक पहुंचा. फिर इसमें गिरावट आई और यह 24,798 पॉइंट तक जा पहुंचा. खबर लिखे जाने तक निफ्टी 111 पॉइंट नीचे ट्रेड कर रहा है.
BSE के टॉप गेनर्स की बात करें तो बजाज फाइनेंस, ITC, ICICI बैंक, भारती एयरटेल और कोटक महिंद्रा बैंक्स के शेयर्स में अच्छी खासी बढ़त देखी गई. वहीं NTPC, पावर ग्रिड कॉपरेशन ऑफ इंडिया, टाइटन कंपनी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और टाटा स्टील के शेयर्स में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई.
इधर, NSE पर ITC, भारती एयरटेल, सिप्ला, HDFC लाइफ इन्श्योरेंस और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर्स में इजाफा देखा गया. वहीं अडानी पोर्ट्स, ONGC, कोल इंडिया, NTPC और अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर्स में गिरावट आई. अडानी पोर्ट्स के शेयर लगभग 4 परसेंट गिर गए, वहीं कोल इंडिया और NTPC के शेयर्स में भी तीन प्रतिशत के करीब गिरावट देखी गई.
Share Market का बुरा हालइधर, पिछले 5 कारोबारी सत्रों में शेयर बाजार में 'कत्लेआम' देखा गया. इन 5 सत्रों में जहां सेंसेक्स 4,100 पॉइंट टूटा, वहीं निवेशकों ने 16 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए. इस कत्लेआम के पीछे कई वजहें बताई गईं. हालांकि, मध्य पूर्व में तनाव और चीन के स्टिमुलस पैकेज को इस गिरावट की बड़ी वजहों के तौर पर देखा गया.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने इंडिया टुडे को बताया,
"मिडिल ईस्ट तनाव और सस्ते एशियाई बाजारों में विदेशी फंड की आमद ने निवेशकों पर असर डाला है. ऑटो, बैंकिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी जैसे सेक्टर्स ने अंडरपरफॉर्म किया है. हालांकि, IT सेक्टर पर उतना असर नहीं पड़ा क्योंकि अमेरिका में फेडरल पॉलिसी में बदलाव के बाद इस ओर खर्च को लेकर भावनाएं बेहतर हुई हैं."
मध्य पूर्व में तनाव और चीन के स्टिमुलस पैकेज का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा है. इन गतिविधियों के चलते विदेशी निवेशक कहीं अधिक सावधानी बरत रहे हैं. हाल-फिलहाल में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 32 हजार करोड़ रुपये निकाल लिए. इससे बाजार को तगड़ा झटका लगा.
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दरअसल, चीन की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए एक स्टिमुलस यानी प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है. इस पैकेज के चलते कई निवेशकों ने अपना रुख चीन के बाजार की तरफ कर लिया है. वहीं ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव के चलते मध्य पूर्व में एक बड़े युद्ध की आशंका पैदा हो गई है. इसके चलते, विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते हुए बाजार में पैसे लगाने से फिलहाल के लिए कतरा रहे हैं. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल्स ने भी बाजार पर असर डाला है.
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