नॉन-फाइनेंस डिग्री वाले भी बनेंगे इनवेस्टमेंट एडवाइजर, SEBI का बड़ा फैसला
अब तक सिर्फ फाइनेंस बैकग्राउंड से जुड़े लोग ही निवेश सलाहकार या रिसर्च एनालिस्ट बनने लिए आवेदन कर सकते थे. इसके लिए बिजनेस मैनेजमेंट, अर्थशास्त्र या कैपिटल मार्केट में डिग्री जरूरी थी. अब SEBI ने योग्यता वाली इस शर्त में ढील दी है.
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अगर आप निवेश सलाहकार बनना चाहते हैं या शेयर बाजार में करियर बनाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की नई घोषणा आपकी ये राह आसान कर सकती है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब किसी भी विषय में ग्रेजुएट व्यक्ति इन्वेस्ट एडवाइजर (IA) या रिसर्च एनालिस्ट (RA) बन सकता है.
अब तक क्या नियम था ?
अब तक सिर्फ फाइनेंस बैकग्राउंड से जुड़े लोग ही निवेश सलाहकार या रिसर्च एनालिस्ट बनने लिए आवेदन कर सकते थे. इसके लिए बिजनेस मैनेजमेंट, अर्थशास्त्र या कैपिटल मार्केट में डिग्री जरूरी थी. अब SEBI ने योग्यता वाली इस शर्त में ढील दी है. हालांकि SEBI का कहना है कि पात्रता में ढील का मतलब प्रोफेशनल योग्यता में किसी तरह की छूट नहीं है. मतलब इसकी परीक्षा पास करने के लिए अच्छे से पढ़ाई लिखाई पहले की तरह ही करनी पड़ेगी.
रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी उम्मीदवारों को National Institute of Securities Markets (NISM) की तरफ से आयोजित सभी जरूरी सर्टिफिकेशन परीक्षाओं को पास करना होगा.
निवेश सलाह और रिसर्च एनालिस्ट करते क्या हैं?
निवेश सलाहकार का मुख्य काम है शेयर बाजार, म्युचुअल फंड या बाजार के किसी दूसरे साधनों में निवेश करना चाह रहे लोगों को सलाह देना. ये लोग निवेशकों का पोर्टफोलियो मैनेज भी करते हैं. निवेश सलाहकार उन लोगों के लिए बेहद काम के हैं जिन्होंने बाजार में नया-नया निवेश करना शुरू किया है. वहीं, रिसर्च एनालिस्ट बाजार, कंपनियों और सेक्टरों का अध्ययन करके इन कंपनियों के शेयरों में निवेश की सलाह देते हैं. कई लोग इनकी रिपोर्ट और एनालिसिस के आधार पर बाजार में पैसा लगाते हैं.
माना जा रहा है कि पहले के मुकाबले निवेश करना अब काफी आसान हो गया है. छोटे -छोटे निवेशक शेयर बाजार, म्युचुअल फंड वगैरE में खूब पैसा लगा रहे हैं. इस तरह से रिटेल इन्वेस्टर्स की भागीदारी बढ़ी है. ब्रोकरेज फर्म एंजेल वन के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर रिटेल इन्वेस्टर्स की भागीदारी करीब 19 परसेंट थी. यह 22 साल में सबसे ज्यादा है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अनुसार, अक्टूबर 2025 तक एनएसई पर 12.2 करोड़ निवेशक रजिस्टर्ड थे.
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