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पिता वाली गलती नहीं दोहराएंगे मुकेश अंबानी, ऐसे करेंगे बच्चों को संपत्ति का बंटवारा ?

समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक बड़े अंबानी यानी मुकेश अंबानी आने वाले कुछ सालों में अपने दोनों बेटों और बेटी ईशा अंबानी को बड़ी जिम्मेदारी देने की योजना बना रहे हैं.

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Ambani family
अंबानी फैमिली (फाइल फोटो)
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प्रदीप यादव
1 जुलाई 2022 (Updated: 1 जुलाई 2022, 09:04 AM IST) कॉमेंट्स
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आज से करीब 13 साल पहले अंबानी परिवार में जायदाद को लेकर कोर्ट कचहरी तक की नौबत आ गई थी. वजह थी कि बिजनेसमैन पिता धीरूभाई अंबानी ने अपने दोनों बेटों यानी मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच अपनी संपत्ति का बंटवारा नहीं किया था. लेकिन पिता की इस गलती से सीख लेकर देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी यह गलती अपने बच्चों के साथ नहीं दोहराना चाहते हैं. इसी के चलते वह अपने कारोबारी साम्राज्य को अपने बच्चों के बीच बांटने की शुरुआत कर चुके हैं . समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक बड़े अंबानी यानी मुकेश अंबानी आने वाले कुछ सालों में अपने दोनों बेटों और बेटी ईशा अंबानी को बड़ी जिम्मेदारी देने की योजना बना रहे हैं.

मुकेश  और अनिल अंबानी के बीच संपत्ति को लेकर हुआ था विवाद

दरअसल, साल 2002 में मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी की मृत्यु हो गई थी. लेकिन मरने से पहले वह अपने दोनों बच्चों के बीच अपनी संपत्ति का बंटवारा नहीं कर पाए थे और न कोई वसीयत वगैरह लिख गए थे. इस वजह से पिता के मरने के बाद दोनों भाईयों यानी मुकेश अंबानी और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच संपत्ति को लेकर झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों को एक दूसरे खिलाफ कोर्ट तक जाना पड़ा था. लेकिन 2005 में हुए फैमिली सेटलमेंट के बाद मुकेश अंबानी को बंगाल की खाड़ी स्थित गैस के भंडार के उत्खनन का जिम्मा मिला लेकिन शर्त यह थी कि 17 साल तक छोटे भाई के प्रस्तावित पावर प्लांट को पहले से निश्चित दाम पर गैस की सप्लाई करनी होगी. साल 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया जिसमें कहा गया कि गैस भारत की सॉवरेन प्रापर्टी है. इसके बाद दोनों भाईयों के बीच जारी कानूनी लड़ाई खत्म हुई. 

मुकेश अंबानी ने बेटे आकाश को बनाया जियो टेलीकाम का चेयरमैन 

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 65 साल पूरे कर चुके बड़े अंबानी (मुकेश अंबानी) पिता की गलती को दोहराना नहीं चाहते हैं. इसी वजह से मुकेश अंबानी ने इस हफ्ते अपने कारोबार के बंटवारे की योजना (सक्सेशन प्लान) पर काम शुरू कर दिया है. इसकी शुरुआत उन्होंने अपने टेलीकॉम कारोबार से की है. मुकेश अंबानी ने जियो टेलीकाम से अपना इस्तीफा देते हुए अपने सबसे बड़े बेटे 30 साल के आकाश अंबानी को देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी का बॉस बना दिया है. ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक आकाश अंबानी से पहले उनके पिता मुकेश अंबानी रिलायंस जियो के चेयरमैन थे. मुकेश अंबानी के चेयरमैन पद से इस्तीफे और आकाश अंबानी की नियुक्ति को नई पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, मुकेश अंबानी अभी जियो प्लेटफॉर्म लिमिटेड के चेयरमैन बने रहेंगे. इसके बाद माना जा रहा है कि मुकेश अंबानी अपनी इकलौती बेटी ईशा अंबानी को रिलायंस रिटेल के बैनर तले काम करने वाली कंपनी जियोमार्ट की कमान सौंप सकते हैं. ऐसा होने पर मुकेश अंबानी अपने सबसे छोटे बेटे यानी 27 साल के अनंत अंबानी को तेल से लेकर केमिकल बिजनेस की बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकते हैं.

पिछले साल दिसंबर में दिए थे उत्तराधिकार में बदलाव के संकेत 

मुकेश अंबानी ने अपने उत्तराधिकार (सक्सेशन प्लान) को लेकर सबसे पहले पिछले साल दिसंबर में की थी जब वह कर्मचारियों से जुड़े एक प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे. इसलिए यह कहना मुश्किल है कि अंतिम व्यवस्था कैसी दिखेगी और ये बदलाव कितनी जल्दी लागू होंगे. शेयर मार्केट को पल में तोला, पल में माशा करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का क्रेडिट एजेंसीज के बीच काफी जलवा है. फिच रेटिंग्स ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) को भारत की सॉवरेन रेटिंग से एक पायदान ऊपर 'बीबीबी' (BBB) रेटिंग दी है. आपको बता दें कि ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, मुकेश अंबानी एशिया के सबसे रईस व्यक्ति बन गए हैं. अंबानी की कुल संपत्ति 99.7 अरब डॉलर है.  ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि इन सब बदलावों का रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों पर क्या असर होगा. 

खर्चा-पानी: मुकेश अंबानी ऐसे करेंगे बच्चों को संपत्ति का बंटवारा?

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