पायलट घट गए, फ्लाइट बढ़ गईं, इंडिगो की लापरवाही या कोई बड़ा गेम?
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन नवंबर में अपनी क्षमता बढ़ाने की दिशा में पूरी शिद्दत से जुटी थी. कंपनी ने प्रतिदिन 200 उड़ानों का विस्तार किया.
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कई दिनों से इंडिगो एयरलाइन को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस एयरलाइन ने रिकॉर्ड संख्या में उड़ानें रद्द कीं तो एयरपोर्ट पर परेशान यात्रियों की भारी भीड़ नजर आई. संकट इतना बढ़ गया कि मामला संसद तक पहुंच चुका है. विपक्ष सवाल पूछ रहा है. वहीं सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि वह कंपनी के मैनेजमेंट को बख्शने के मूड में नहीं है. अब खबर आई है कि भले ही कंपनी पायलटों की कमी होने के बावजूद अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए कथित तौर पर लगातार उड़ानों की संख्या बढ़ा रही थी.
बिजनेस टुडे की पत्रकार रिचा शर्मा की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन नवंबर में अपनी क्षमता बढ़ाने की दिशा में पूरी शिद्दत से जुटी थी. कंपनी ने प्रतिदिन 200 उड़ानों का विस्तार किया. रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने अपने कारोबार का तो विस्तार किया लेकिन टीम उतनी नहीं बढ़ाई जितनी जरूरत थी. नवंबर के महीने में इंडिगो रोजाना 2,300 से भी ज्यादा फ्लाइट्स का संचालन कर रही थी. ये वही समय था जब पायलटों के लिए सरकार ने नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम लागू किए थे.
इस खबर में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी अपने कारोबार का विस्तार कर रही थी. नई जगहों के लिए अपनी फ्लाइट्स शुरू कर रही थी और अलग-अलग डेस्टीनेशंस पर पहले के मुकाबले ज्यादा उड़ानें शेड्यूल की जा रही थीं. लेकिन इस दौरान कंपनी ने कथित तौर पर पायलटों की भर्ती सबसे कम की. एयरलाइन ने वित्त वर्ष 2024-2025 में वित्त वर्ष 2019-20 के बाद से सबसे कम पायलटों की भर्ती की.
कंपनी के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में उसने सिर्फ 418 नए पायलट भर्ती किए जिससे कंपनी के पायलटों की कुल संख्या 5,456 पर पहुंच गई. इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने 631 पायलट भर्ती किए थे. इस दौरान कंपनी के साथ 5,038 पायलट काम कर रहे थे. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी ने 616 पायलट भर्ती किए थे. जबकि कोरोना महामारी के थोड़ा पहले वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी ने सबसे ज्यादा 830 नए पायलट भर्ती किए थे.
बिजनेस टुडे के मुताबिक साल 2025 में इंडिगो ने कई इंटरनेशनल रूट्स शुरू किए. मसलन लंदन, मैनचेस्टर, एम्स्टरडम और एथेंस. साथ ही कई पुराने रूट्स पर क्षमता बढ़ाई. कई नए घरेलू रूट भी शुरू किए गए. DGCA यानी डायरेक्टोरट जनरल ऑफ सिविल एविएशन को भेजे जवाब में एयरलाइन ने माना कि उसके पास जरूरी संख्या में पायलट नहीं हैं. कंपनी की एयरबस फ्लीट के लिए 2,422 पायलट चाहिए थे, लेकिन कंपनी के पास 2357 पायलट थे. बीते नवंबर में इंडिगो ने अपने एयरबस फ्लीट के लिए सीनियर कैप्टन की भर्ती का विज्ञापन भी निकाला था.
इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है और इस कंपनी की बाजार हिस्सेदारी करीब 65 पर्सेंट है. कंपनी में पायलटों की कमी और मौजूदा संकट को देखते हुए डीजीसीए ने एयरलाइन को 10 फरवरी 2026 तक फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों में छूट दी है.
लेकिन जानकारों का कहना है कि इन नियमों को पूरा करने के लिए कंपनी को अगले दो महीनों में कम से कम 1,000 और पायलट भर्ती करने होंगे. इसलिए कंपनी के सामने काफी बड़ी चुनौती है. इतने कम समय में एयरलाइन को इतने पायलट भर्ती करने में परेशानी हो सकती है. इसके अलावा किसी दूसरी एयरलाइन से पायलट पोच करना भी संभव नहीं है. पायलट का नोटिस पीरियड 12 महीने और को-पायलट का 6 महीने का होता है. एक एयरलाइन जब किसी दूसरी कंपनी में काम कर रहे पायलट को ज्यादा पैसे, प्रमोशन और दूसरी सुविधा देकर भर्ती करती है तो इसे पायलट को पोच करना कहते हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि टाटा समूह की एयर इंडिया (Air India) और नई नवेली एयरलाइन अकासा (Akasa) के पास फिलहाल अतिरिक्त पायलट हैं, लेकिन इन कंपनियों के कुछ विमान खड़े हैं और कुछ विमानों का ऑर्डर मिलने वाला है. इसलिए फिलहाल इन कंपनियों के पायलट तुरंत इंडिगो को नहीं मिल पाएंगे.
बता दें कि FDTL के नए नियमों को पूरा करने के लिए इंडिगो ने हर दिन 300–400 उड़ानें कम करने का फैसला किया है. पायलटों के काम के घंटे और आराम का समय बढ़ने से कोई भी एयरलाइन कंपनी पहले की तरह फ्लाइट्स ऑपरेट नहीं कर सकती है. नए नियमों के तहत अब आधी रात से सुबह 6 बजे के बीच (रात की लैंडिंग) 6 से घटाकर सिर्फ 2 कर दी गई हैं. अब तक एयरलाइन्स लगातार क्रू की कमी का हवाला देकर इन नियमों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही थीं.
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