The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Business
  • Have you invested money in the stock market? Company promoters have sold shares worth over ₹1.5 lakh crore, never happened before

क्या आपका शेयर बाजार में पैसा लगा है? इन कंपनियों के 'मालिकों' ने 1.5 लाख करोड़ के शेयर बेच दिए

देश के कुछ सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप के प्रमोटर हिस्सेदारी बेचने में सबसे आगे रहे. प्रमोटर हिस्सेदारी बेचने में टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल सबसे आगे रही है.

Advertisement
Share Market
प्रमोटर अपना पैसा खूब निकाल रहे हैं (फोटो क्रेडिट: Business Today)
pic
प्रदीप यादव
19 दिसंबर 2025 (Published: 02:42 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कंपनियों के प्रमोटरों की हिस्सेदारी की बिक्री ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटरों ने इस साल 1.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत के अपने शेयर बेच डाले हैं. इससे पहले कभी भी प्रमोटरों ने इतने मूल्य के खुद के शेयर नहीं बेचे थे. पिछले साल (2024) प्रमोटर्स ने 1.43 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, इस बार ये आंकड़ा पार हो गया. इकोनॉमिक टाइम्स के पत्रकार निखिल अग्रवाल की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

प्रमोटर वह होता है जिसने कंपनी बनाई हो या जिसका उस कंपनी में नियंत्रण हो यानी प्रमोटर सिर्फ सबसे बड़ा शेयरधारक होता है. प्रमोटर एक या इससे ज्यादा हो सकते हैं. तकनीक तौर पर शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी का कोई एक मालिक नहीं रह जाता है, इसलिए इनको आप ‘मुख्य मालिक’ समझ सकते हैं.

प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक, यह लगातार तीसरा साल है जब प्रमोटर बिक्री 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रही है. जून 2025 तक भारतीय पूंजी बाजार में निजी प्रमोटरों की हिस्सेदारी घटकर 40.58% रह गई है. यह पिछले आठ साल में सबसे कम है. देश के कुछ सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप प्रमोटर हिस्सेदारी बेचने में सबसे आगे रहे. प्रमोटर हिस्सेदारी बेचने में टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल सबसे आगे रही है. इस कंपनी के प्रमोटरों ने साल 2025 में 44,682 करोड़ रुपये कीमत के शेयर बेचे हैं. प्रमोटर हिस्सेदारी बेचने के मामले में इंडिगो (14,497 करोड़ रुपये) के साथ दूसरे नंबर रही है.

इसके अलावा विशाल मेगामार्ट (10,220 करोड़ रुपये), AWL एग्री कमोडिटीज (11,064 करोड़ रुपये) और एमफैसिस (4,726 करोड़ रुपये) कीमत की प्रमोटर हिस्सेदारी बेची है. इसके अलावा सैजिलिटी, बजाज फिनसर्व, कोहैंस लाइफसाइंसेज, हिंदुस्तान जिंक, डिक्सन, एप्टस, केफिन टेक और बजाज हाउसिंग फाइनेंस में भी 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रमोटर बिक्री हुई. इन सबके अलावा व्हर्लपूल ऑफ इंडिया, सुजलॉन एनर्जी, पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट, कायन्स टेक और ओला के प्रमोटर भाविश अग्रवाल ने भी अपनी हिस्सेदारी घटाई है.

प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी क्यों बेच रहे हैं?

प्रमोटरों की तरफ से अपने शेयर बेचने के बाद निवेशकों में कई तरह की अटकलें तेज हो गई हैं. जेएम फाइनेंशियल के वेंकटेश बालासुब्रमणियम के अनुसार, “यह तथ्य कि हिस्सेदारी बढ़ाने वालों की तुलना में कहीं ज्यादा प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं, इस बात का संकेत है कि बाजार महंगा है और प्रमोटर सालों की मेहनत का मुनाफा वसूल रहे हैं.” कई लोग इसे ऊंचे वैल्यूएशन के रूप में देखते हैं. प्राइम डेटाबेस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव हल्दिया का कहना है कि प्रमोटर हिस्सेदारी बिक्री के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि शेयर बाजार में तेजी जारी रही है इसलिए वे इस तेजी वाले बाजार का फायदा उठाना चाहते हैं. कुछ प्रमोटर कर्ज घटाने के लिए शेयर बेच रहे हैं.
 

वीडियो: पाकिस्तान में कंडोम भी महंगा है? IMF ने पाकिस्तान सरकार की कौन सी मांग ठुकरा दी?

Advertisement

Advertisement

()