The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Business
  • Govt to sell up to 6% stake in Bank of Maharashtra

इस सरकारी बैंक की कुछ हिस्सेदारी बेचने जा रही सरकार? वजह भी जान लें

बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शेयरों की मौजूदा बाजार कीमत के आधार पर 6 पर्सेंट हिस्सेदारी बेचकर सरकार को लगभग 2,600 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.

Advertisement
bank of Maharastra
बैंक ऑफ महाराष्ट्र (फोटो क्रेडिट: Business Today)
pic
प्रदीप यादव
1 दिसंबर 2025 (Updated: 1 दिसंबर 2025, 10:32 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र में अपनी 6% तक की हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है. बैंक की हिस्सेदारी बिक्री 2 दिसंबर से ‘ऑफर फॉर सेल’ (OFS) के जरिये होगी. ऑफर फॉर सेल के जरिये कंपनी के प्रमोटर या सरकार अपनी हिस्सेदारी सीधे शेयर बाजार में बेचते हैं.

बैंक ऑफ महाराष्ट्र की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शेयरों की मौजूदा बाजार कीमत के आधार पर 6 पर्सेंट हिस्सेदारी बेचकर सरकार को लगभग 2,600 करोड़ रुपये मिल सकते हैं. X पर डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव अरुणीश चावला ने लिखा, "बैंक ऑफ महाराष्ट्र का ऑफर फॉर सेल 2 दिसंबर को गैर-खुदरा (रिटेल) निवेशकों के लिए खुलेगा. जबकि रिटेल निवेशक बुधवार को बोली लगा सकते हैं. सरकार बैंक में 5% हिस्सेदारी बेच रही है, साथ ही 1% का ग्रीन-शू विकल्प भी है."

सरकार बैंक में अपनी 5% हिस्सेदारी बेच रही है और जरूरत पड़ने पर 1% अतिरिक्त हिस्सेदारी भी बेच सकती है. अगर शेयरों की मांग ज्यादा हो जाए, मतलब खरीदने वाले ज्यादा आ जाएं तो सरकार या कंपनी प्रमोटर तय हिस्सेदारी से थोड़ी और हिस्सेदारी बेच सकते हैं ताकि मांग पूरी हो सके. इसी अतिरिक्त विकल्प को ग्रीन शू ऑप्शन कहते हैं.

इस नियम का पालन करने के लिए हिस्सेदारी बेच रही सरकार

मौजूदा समय में सरकार की बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 79.6% हिस्सेदारी है. लेकिन मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के Minimum Public Shareholding नियमों के मुताबिक किसी भी लिस्टेड कंपनी की कम-से-कम 25% हिस्सेदारी आम जनता के पास होनी चाहिए. सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों पर भी ये नियम लागू है. 

सरकारी क्षेत्र की संस्थाओं को यह लिमिट पूरी करने के लिए अगस्त 2026 तक का समय दिया गया है. यह नियम सेबी ने इसलिए बनाया है ताकि बाजार में पारदर्शिता बनी रहे. इस हिसाब से  5% या 6% हिस्सेदारी कम होने के बाद सरकार की इस बैंक में होल्डिंग 75% से नीचे आ जाएगी. इससे बैंक Minimum Public Shareholding वाला नियम पूरा कर लेगा.

वर्तमान में जिन चार सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी इस न्यूनतम सीमा से ज्यादा है उन बैंकों के बैंकों के नाम इंडियन ओवरसीज बैंक (94.6%), पंजाब एंड सिंध बैंक (93.9%), यूको बैंक (91%) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (89.3%) के नाम शामिल हैं. 

चलते-चलते बता दें कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शेयर का भाव सोमवार को करीब 1.5 % गिरकर 57.70 रुपये पर बंद हुआ. हालांकि इस साल जनवरी से लेकर अब तक बैंक के शेयर 10.5% चढ़ चुके हैं.

वीडियो: खर्चा-पानी: भारत रूसी तेल से किनारा क्यों नहीं कर सकता?

Advertisement

Advertisement

()