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किसानों के लिए सरकार का बड़ा फैसला, 17 फसलों की MSP बढ़ाई

खरीफ सीजन 2022-23 के लिए धान के MSP में 100 रुपए की बढ़ोतरी की गई है

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anurag thakur announcement for farmers
किसानों के लिए कैबिनेट का बड़ा फैसला (फोटो- आजतक)
8 जून 2022 (Updated: 8 जून 2022, 20:46 IST)
Updated: 8 जून 2022 20:46 IST
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केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है. उसने धान, मक्का समेत करीब डेढ़ दर्जन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP में बढ़ोतरी कर दी है. बुधवार 8 जून को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के इस फैसले की जानकारी दी. इसमें उन्होंने बताया कि किन-किन फसलों के MSP में कितना बदलाव किया गया है.

अनुराग ठाकुर के मुताबिक सरकार ने धान, मक्का और सोयाबीन समेत 17 फसलों के लिए MSP बढ़ाने का फैसला लिया है. इससे मौजूदा वित्त वर्ष (2022-23) में खरीफ की फसलों (जैसे धान, सोयाबीन, मक्का आदि) के दाम बढ़ जाएंगे. किसानों को इनकी ज्यादा कीमत मिलेगी.

कितना बढ़ा MSP? 

सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए धान के MSP में 100 रुपये की बढ़ोतरी की है. पिछले वित्त वर्ष (2021-22) में धान का MSP 1940 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब 2040 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा. मूंग का MSP  480 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है. वहीं सूरजमुखी की MSP पर 385 रुपये बढ़ाए गए हैं. वहीं सबसे ज्यादा बढ़ोतरी तिल की फसल के लिए की गई है. सरकार ने बताया कि उसने तिल के एमएसपी में कुल 523 रुपये बढ़ाए हैं. 

सरकार के इस फैसले पर आगे बोलते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा-

कृषि बजट बढ़कर 1 लाख 26 हजार करोड़ रुपये का हो गया है. हमारी सरकार बाकी कई फसलों को भी एमएसपी के दायरे में लेकर आई है. फसल बीमा से लेकर सिंचाई तक हर कदम पर हम आगे बढ़ रहे हैं. कृषि क्षेत्र में बदलाव के लिए कई कदम उठाए गए हैं.

अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार के आठ सालों के कार्यकाल के दौरान किसानों को ना सिर्फ राहत मिली है, बल्कि उनकी आय भी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार एमएसपी में तो बढ़ोतरी कर ही रही है, साथ ही किसानों से ज्यादा से ज्यादा खरीद भी कर रही है. 

अनुराग ठाकुर ने ये भी कहा कि मोदी सरकार में कृषि बजट कई गुना बढ़ गया है. एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के लिए 1 लाख करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसके अलावा किसानों के लिए सिंचाई से लेकर बीमा तक और मिट्टी की उपजाऊ क्षमता से लेकर किसान पेंशन तक पर काम किया जा रहा है.

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