टायर पर लिखी A,B,C,D जान लीजिए, सेफ्टी के लिए जरूरी है
Tyre Speed Rating: गाड़ी को आप कितनी स्पीड पर दौड़ा सकते है? इसकी जानकारी देते हैं टायर की साइडवॉल पर लिखे अक्षर. L मतलब 120 km/h और M मतलब 130 km/h. आपकी गाड़ी का अक्षर क्या कहता है, ये जानने के लिए पूरी खबर पढ़ लीजिए.

आपने ABCD पढ़ी होगी. ठीक बात मगर किताबों वाली. लेकिन क्या आपने टायर वाली ABCD पढ़ी है. टायर वाली ABCD, ये क्या होता है. टायर तो टायर होता है. वही गोल-गोल चक्का. उसमें तो कोई शेप भी नहीं होता. एबीसीडी कहां से होगी. होती है दोस्त. अगर नहीं होती तो यह स्टोरी भी नहीं होती. टायर की इस एबीसीडी का सीधा संबंध उसकी स्पीड से होता है. और यह बताने की जरूरत नहीं कि आगर स्पीड पर कंट्रोल नहीं रहा तो क्या होगा. इसलिए स्पीड में टायर की एबीसीडी जान लीजिए.
एक बात जान लीजिए. हर गाड़ी के टायर की एक स्पीड लिमिट होती है. इसके ऊपर अगर मीटर गया तो नुकसान तय है. इस मैक्सिमम स्पीड को टायर की साइडवॉल पर लेटर में लिखा जाता है. जैसे ‘T’ या ‘H.’ आपकी और दूसरों की सेफ्टी और परफॉर्मेंस के लिहाज से टायर रेटिंग को फॉलो करना जरूरी है.
उदाहरण के लिए अगर टायर की साइडवॉल पर 205/55R16 91Y नंबर लिखा है, तो आपकी गाड़ी 300 km/h की रफ्तार में भी झटके नहीं खाएगी. 175/65R15 84T लिखा है, तो कार 190 km/h की स्पीड तक जा सकती है. टायर की स्पीड रेटिंग टफ टेस्टिंग के बाद निर्धारित की जाती है. ये बताती है कि टायर ज्यादा स्पीड पर निकलने वाली गर्मी और तनाव को कितना सहन कर सकता है. जो व्हीकल की सेफ्टी और परफॉर्मेंस के लिए जरूरी है. अगर आप लेटर के मुताबिक, गाड़ी की गति रखेंगे, तो इसके कई फायदे मिलेंगे. जैसे,
प्रेशर सहन करना- सही स्पीड पर गाड़ी चलाने से टायर पर ज्यादा तनाव नहीं पड़ता. वह उस स्पीड को सहन कर सकता है. कंट्रोल और स्टेबिलिटी को बनाए रखने के लिए जरूरी है. खासकर ज्यादा स्पीड पर.
टायर फटने की गुंजाइश कम- ज्यादा रेटिंग वाले टायर अधिक गर्मी सह सकती है. इन्हें टफ बनाया जाता है. जिससे टायर फटने और अन्य टायर संबंधी खराबी का खतरा कम हो जाता है.
सेफ्टी-परफॉर्मेंस- सही रेटिंग वाले टायर से ओवरऑल परफॉर्मेंस और सेफ्टी भी बेहतर होती है.
टायर के हर नंबर और उसकी अधिकतम स्पीड की लिस्ट यह रही. लिस्ट देख लीजिए मगर इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि जितनी स्पीड लिखी है, उतना ही मीटर दौड़ा दें. गाड़ी हमेशा ध्यान से और स्पीड लिमिट में ही चलाना है. सेफ्टी और परफॉर्मेंस के लिहाज से इस लिमिट को फॉलो करना जरूरी है. अगर इसे क्रॉस करने की कोशिश करेंगे, तो टायर जल्दी घिस सकते हैं. कंट्रोल खो सकते हैं और खराब भी हो सकते हैं.
| Tyre Speed Ratings | Authorized Top Speed | Vehicle Type |
| L | 120 km/h (75 mph) | Light trucks, off-road vehicles |
| M | 130 km/h (81 mph) | Spare tyres |
| N | 140 km/h (87 mph) | Temporary spare tyres |
| P | 150 km/h (93 mph) | Passenger vehicles |
| Q | 160 km/h (99 mph) | Winter tyres |
| R | 170 km/h (106 mph) | Heavy-duty light trucks |
| S | 180 km/h (112 mph) | Family sedans, vans |
| T | 190 km/h (118 mph) | Family sedans, vans |
| U | 200 km/h (124 mph) | Sports sedans |
| H | 210 km/h (130 mph) | Sports sedans, Coupes |
| V | 240 km/h (149 mph) | Sports Cars |
| W | 270 km/h (168 mph) | Exotic Sports Cars |
| Y | 300 km/h (186 mph) | High-Performance Sports Cars |
| Z | Above 240 KM/h (149 mph) | High-Performance Vehicle |
बाकी, टायर पर लिखे नंबर और भी बहुत कुछ बताते हैं. क्या-क्या? ये जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक कर लीजिए.
टायर पर लिखे नंबरों का मतलब जान लीजिए, पैसे बचेंगे और सेफ्टी भी रहेगी

गाड़ी का टायर फट गया. अब दूसरे टायर के लिए शॉप पर जा रहे हैं, तो साइडवॉल पर लिखे लेटर को ध्यान में रखना है. क्योंकि अगर तीनों टायर W वाले हैं, तो आप एक टायर V वाला नहीं लगा सकते. इससे कार की परफॉर्मेंस पर असर पड़ेगा और स्टेबिलिटी पर भी. गाड़ी के मैनुअल ऑनर में भी टायर की मैक्सिमम स्पीड लिखी होती है.
माने गाड़ी के दो टायर हाई स्पीड (H) के हैं. आप दो टायर कम स्पीड वाले (T) वाले लगवाते हैं. तो इससे टॉप स्पीड पर व्हीकल हैंडलिंग में दिक्कत आ सकती है. अगर आप कम स्पीड रेकमेंड वाले टायर्स के बीच में दो या तीन टायर ज्यादा रेटिंग वाले लगाते हैं. तो केबिन के अंदर कंफर्टे में प्रॉब्लम आ सकती है. इसलिए जरूरी है कि गाड़ी की स्पीड बढ़ाते समय सिर्फ स्पीडोमीटर या टेकोमीटर ही नहीं देखना. बल्कि एक बार टायर के नंबर पर भी नजर डालनी है.
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