पेट्रोल, डीजल, इलेक्ट्रिक, CNG, हाइब्रिड, आपके लिए कौनसी कार बेस्ट है? ये पढ़कर दूर होगा कंफ्यूजन
Types of Car: इस समय कार खरीदने जाओ, तो कई ऑप्शन हमारे सामने होते हैं. जैसे कि पेट्रोल, डीजल, CNG, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड. अब समस्या तब आती है, जब हमें इनमें से एक ऑप्शन चुनना पड़ता है. ऐसे में इन सभी के बीच अंतर जान लेते हैं. ताकि कार खरीदते समय इनके फायदे और नुकसान का हमें पता हो.

पहले कार खरीदना थोड़ा कम थकाऊ होता था. पेट्रोल या डीजल कार में से किसी एक का ही चयन करना होता था. फिर जो गाड़ी पसंद आ जाए उसे खरीद लिया जाता था. लेकिन समय बदला, टेक्नोलॉजी बढ़ी और कार भी एडवांस हो गई. अब कारों में तमाम फीचर्स देखने को मिलते हैं. एक्सटीरियर से लेकर इंटीरियर तक सब जबरदस्त होता है. कारें भी कई तरह के ऑप्शन के साथ मार्केट में उपलब्ध हैं. पेट्रोल या डीजल कार नहीं चाहिए तो CNG, इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड ऑप्शन मौजूद हैं. यानी अब हमारे पास दो नहीं, बल्कि 5 कार चलाने के ऑप्शन हैं.
लेकिन इन ऑप्शन का काम भी पकवान जैसा है. थाली में रखी हैं 70 चीजें पर आप कुछ ही चीजें खा सकते हैं. क्योंकि 70 चीजें खाने की पेट में जगह नहीं. ऐसा ही कुछ हाल कार ऑप्शन्स का भी है. एक बार में एक ही कार खरीद सकते हैं. ऐसे में अगर कंफ्यूज हैं कि कौन सी कार लेनी चाहिए, माइलेज किसमें अच्छा मिलेगा, पावर किसमें ज्यादा मिलेगी, पैसों की बचत किसमें होगी, तो हम सभी के बारे में मोटा-माटी अंतर बता देते हैं. ताकि आपकी थोड़ी कंफ्यूजन दूर हो सके.
पेट्रोलफायदा:
पेट्रोल इंजन जितने CC या लीटर का होता है, वो उतनी पावर और टॉर्क देता है. पावर और बेहतर माइलेज के लिए ये कार बेस्ट है. इसके अलावा, इन कारों की शुरुआती कीमत भी अन्य फ्यूल की तुलना में कम होती है. बाकी, पेट्रोल ईंधन आपको आसानी से किसी भी पेट्रोल पंप पर मिल सकता है.

नुकसान: दावा किया जा रहा है कि एथेनॉल से पेट्रोल कारें कम माइलेज दे रही हैं. वहीं, सरकार भविष्य में एथेनॉल की मात्रा पेट्रोल में और बढ़ा सकती है. मतलब एक समय बाद आपकी कार पावर देगी. लेकिन कम माइलेज के साथ. कहें तो, मर्सिडिज के माइलेज पर आप क्रेटा चला सकते हैं.
डीजलफायदा: डीजल कारें भी माइलेज और पावर के लिए बेहतर ऑप्शन हैं.
नुकसान: डीजल इंजन पर सरकार ज्यादा ही कठोर है. जैसे दिल्ली-एनसीआर में 1 नवंबर से 10 साल पुराने डीजल व्हीकल को फ्यूल न देने का आदेश है. दरअसल, ये कारें पेट्रोल कारों की तुलना में थोड़ा ज्यादा पॉल्यूशन फैलाती हैं.
ऐसे में अगर आप मेट्रो शहरों से दूर रहते हैं, तो डीजल कार का इस्तेमाल करने के बारे में सोच सकते हैं.
CNGफायदा: पेट्रोल-CNG कारों का चलन पिछले कुछ सालों से काफी बढ़ा है. वजहें कई हैं, जैसे इसका सस्ता होना है, ज्यादा माइलेज देना और कम प्रदूषण फैलाना. सीएनजी कार को आप ज्यादा पावर के लिए पेट्रोल पर भी स्विच कर सकते हैं. CNG फिलिंग स्टेशन भी अब कई मौजूद हैं.
नुकसान: CNG आपके बूट स्पेस का अच्छा खासा हिस्सा ले लेगी. क्योंकि सीएनजी सिलेंडर को बूट स्पेस में रखा जाता है और ये साइज में भी बड़े होते हैं.
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बाकी, आप कम ट्रैवल करते हैं. अच्छे माइलेज के लिए कार चाहिए, बूट स्पेस से ज्यादा कुछ लेना-देना नहीं है, तो ये ऑप्शन देख सकते हैं.
इलेक्ट्रिकफायदा: इलेक्ट्रिक कारें बिजली से चलती हैं. ये कारें कम रखरखाव मांगती हैं और पर्यावरण के लिए भी अच्छी हैं. कई इलेक्ट्रिक कारें सिंगल चार्ज में 150 किलोमीटर प्लस की रेंज दे सकती हैं.

नुकसान: इलेक्ट्रिक कारों की सबसे बड़ी मुसीबत चार्जिंग से जुड़ी है. आपको फुल कार चार्ज करने में कम से कम 4 घंटा या उससे ज्यादा का समय लग सकता है. इसके चार्जिंग स्टेशन भी हर जगह मौजूद नहीं है.
आप शहर में ही गाड़ी चलाना चाहते हैं तो इलेक्ट्रिक ऑप्शन पर विचार कर सकते हैं.
हाइब्रिड कारेंफायदा: हाइब्रिड कारों में मोटर और इंजन साथ काम करके फ्यूल एफिशिएंसी का ध्यान रखते हैं. ये कारें पावर के लिए अच्छी हैं और प्रदूषण भी कम फैलाती हैं. इसके अलावा यूपी में हाइब्रिड कार खरीदने पर कोई रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होती.
नुकसान: इन कारों में भी सब कुछ बढ़िया है, मगर इनकी शुरुआती कीमत काफी ज्यादा होती है. ये रखरखाव भी ज्यादा मांगती हैं. बाकी, अगर आपको महंगी कार बेहतर माइलेज के साथ चाहिए, तो इस विकल्प पर विचार कर सकते हैं.
ऑप्शन कई हैं और सब में कुछ न कुछ अच्छा है कुछ कमी भी है. इसलिए आप सभी विकल्प पर विचार कीजिए और अपनी सुविधा के हिसाब से कार खरीद लीजिए.
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