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नई कार के साथ ये स्कैम भी मुफ्त मिल रहा है, आपके पास कॉल आया क्या?

Roadside Assistance Card scam: नई कार खरीदने के बाद आपको एक कॉल आता है. जिसमें कहा जाता है कि कंपनी की तरफ से आपको एक रोड साइड असिस्टेंस कार्ड दिया जा रहा है. ये कार्ड गाड़ी खराब होने या कोई और दिक्कत होने पर 24x7 पिकअप की सुविधा देता है.

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Roadside Assistance Card scam
नई गाड़ी खरीदने के बाद रोड़ साइड असिस्टेंस कॉर्ड के लिए कॉल आता है.
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रितिका
13 अक्तूबर 2025 (Updated: 13 अक्तूबर 2025, 01:37 PM IST)
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सीन 1: आपने नई कार खरीदी. इसके बाद आपको कई कॉल्स आने शुरू हो गए. जैसे कार कंपनी की तरफ से, इंश्योरेंस वालों से और PPF (पेंट प्रोटेक्शन फिल्म) वालों के. किसी के कॉल आप उठाकर तुरंत काट देते हैं, तो कुछ कॉल अच्छे से सुनते हैं.

सीन 2: इस बीच आपके पास एक कॉल आता है, जिसमें कहा जाता है कि सर आपको एक रोड साइड असिस्टेंस (RSA) कार्ड दिया जा रहा है. ये एक सर्विस कार्ड है, जिसमें आपको गाड़ी टो करने, टायर पंचर ठीक करने आदि जैसी सुविधा मिलेंगी. वो भी लाइफ टाइम के लिए. आपको बस एक बार पेमेंट करके कार्ड एक्टिवेट करना होगा. 

सीन 3: आप लाइफ टाइम सर्विस प्रोवाइड करवाने वाला कार्ड खरीद लेते हैं. लेकिन जब एक्टिवेशन की बात आती है, तो पता लगता है कि ऐसी कोई सर्विस है ही नहीं.  

इसे कहा जाता है रोड साइड असिस्टेंस स्कैम. ऐसा स्कैम, जिसमें नई कार खरीदने वालों को चूना लगाया जाता है. बहुत कम कीमत पर कुछ सालों के लिए या जीवनभर के लिए सर्विस का वादा किया जाता है. अगर आपने या आपके जानने वालों ने अभी कार खरीदी है तो ये खबर पढ़ ही लीजिए. 

क्या है रोड साइड असिस्टेंस?

रोड साइड असिस्टेंस एक सर्विस है, जो कार के बीच रास्ते पर खराब हो जाने या दुर्घटना की स्थिति में दी जाती है. जैसे कि गाड़ी टो करना, टायर चेंज, बैटरी जंप-स्टार्ट (डिस्चार्ज हुई बैटरी को चालू करना), फ्यूल डिलिवरी और चाबी से संबंधित परेशानी. कई कार कंपनियां ये सर्विस देती है और कई बार इंश्योरेंस लेते समय इसे पॉलिसी में एड-ऑन करना पड़ता है. इसके अलावा, कुछ थर्ड पार्टी कंपनियां भी ये सुविधा देती है.

रोड साइड असिस्टेंस सर्विस वाकई में अच्छी है. क्योंकि ये सुनिश्चित करती है कि मुसीबत की घड़ी में आपकी मदद हो सके. लेकिन इसी सर्विस के बहाने अब ठगी हो रही है. दरअसल, गाड़ी खरीदने के बाद RSA कार्ड का कॉल भी आता है. इस कॉल में कहा जाता है,

“आपने फलां-फलां गाड़ी खरीदी है. आपको एक सर्विस कार्ड दिया जाएगा. एक बार इसे एक्टिवेट करने के बाद आपको लाइफ टाइम की सुविधा मिलेगी. इस कार्ड की एक्टिवेशन फीस ये होगी. इसे आपके घर पर कुरियर किया जाएगा. आपको ऑनलाइन पेमेंट भी नहीं करना. जब कार्ड मिल जाए तब पैसे देना”

फीस भी महज 2 हजार रुपये से लेकर 5 हजार रुपये के बीच में होती है. 10-20 लाख की गाड़ी के सामने ये रकम कुछ भी नहीं. आप ये कार्ड खरीद भी लेते हैं लेकिन जब इसे एक्टिव करने का टाइम आता है तो कांड का पता चलता है. कार के नाम पर स्कैम का कारोबार हो जाता है. हमारे ऑफिस में ही कई नई कार खरीदने वालों को ऐसे कॉल आए हैं. इस साल तो कुछ ज्यादा ही कॉल आ रहे क्योंकि क्योंकि जीएसटी 2.0 की वजह से कारों की कीमत काफी कम हुई है. अगर आपके पास या आपके जान पहचान वालों के पास ऐसा कोई कॉल आए तो उनसे कहिए. ये चूना अपने चाचा को लगाओ. 

जानकारी लीक कैसे हो रही?

इन सबके बीच मन में एक सवाल आता है कि लोगों के घरों के एड्रेस या उन्होंने कार ली है, इसका पता स्कैमर्स को कैसे मिल रहा है. क्या RTO की तरफ से ये जानकारी लीक हो रही है या फिर डीलर की तरफ से. क्योंकि किसी के घर के पते की जानकारी काफी निजी होती है. 

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