Maruti Suzuki Jimny: भारत में कोई पूछ नहीं रहा, विदेश में कोई छोड़ नहीं रहा!
हम बात कर रहे हैं कभी पहाड़ों की रानी कही जाने वाली मारुति जिप्सी की. कभी पुलिस और आर्मी की पसंदीदा रही जिप्सी की. ताकत का दूसरा नाम कही जाने वाली जिप्सी के नए मॉडल को इंडिया में किसी ने नहीं पूछा, लेकिन जापान में इसने झंडे गाड़ दिए हैं.

अगर आपकी कार नॉर्मल कंडीशन में भी दो-चार दिन खड़ी रहे तो उसे स्टार्ट करने में बैटरी को दम लगता है. अगर कार किसी ठंड वाले इलाके में खड़ी हो तो मुमकिन है कि गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होगी. लेकिन एक गाड़ी है जो 15 दिन बर्फ में खड़े रहने के बाद भी चाबी लगाते ही स्टार्ट हो जाती है. यह इस गाड़ी की सिर्फ एक क्वालिटी है. अगर इसकी बाकी खूबियों पर बात करने चले गए तो ‘सफर’ खत्म ही नहीं होगा. मगर इस गाड़ी को ‘अपनों से धोखा’ मिला है. इंडिया में इसका कोई लिवाल नहीं, मगर जापान में धूम मचा रही है.
इशारा आप समझ ही गए होंगे. हम बात कर रहे हैं कभी पहाड़ों की रानी कही जाने वाली मारुति जिप्सी की. कभी पुलिस और आर्मी की पसंदीदा रही जिप्सी की. ताकत का दूसरा नाम कही जाने वाली जिप्सी के नए मॉडल को इंडिया में किसी ने नहीं पूछा, लेकिन जापान में इसने झंडे गाड़ दिए हैं.
मेड इन इंडिया का जलवा-ए-जापानसाल 2023 में Maruti Suzuki Jimny नाम से नए अवतार में लॉन्च होने के बाद से इस गाड़ी की 1 लाख यूनिट अभी तक एक्सपोर्ट हो चुकी हैं. मारुति के गुरुग्राम प्लांट में बन रही इस 5 दरवाजों वाली गाड़ी का जापान में भौकाल है. साल 2025 में इसे जापान में लॉन्च किया गया था. वहां इसे SUZUKI NOMAD के नाम से बेचा जाता है. लॉन्च के बाद से इसकी 50 हजार यूनिट वहां बिक चुकी हैं. साल 2025 में इंडिया से एक्सपोर्ट होने वाली कारों में भी इसका नंबर तीसरा है.
साफ है इसकी छोटी 4*4 एसयूवी की दुनिया दीवानी हो रखी है. ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको जैसे देशों में भी इसकी पूछ परख है. लेकिन भारत में इसका कोई लिवाल ही नहीं. अक्टूबर के महीने में भारत में इसकी 500 से कुछ ज्यादा ही यूनिट बिकी हैं. शायद इसके पीछे भारतीय ग्राहकों का 'थार सिंड्रोम' भी है. माने भौकाल टाइट रखना है तो थार ले लो. वैसे थार भी अपने आप में कोई कम नहीं है. पावर से लेकर परफ़ोर्मेंस तक में बेजोड़ है, मगर जिप्सी का भी अपना लेवल है. जैसे हमने कहा कि हाड़ कंपाने वाली ठंड में जब हर गाड़ी ठंडी पड़ जाती है तब भी जिप्सी ‘बालम थानेदार चलावे जिप्सी’ ही रहती है.

लेकिन लगता है जैसे इंडियन यूजर को इससे कोई खास मतलब नहीं. शायद दिखने में छोटी Jimny उन्हें प्रभावित नहीं कर पाई. लेकिन परफॉर्मेंस भी तो कोई चीज है. 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन वाली इस गाड़ी में दम बहुत है. बर्फ से लेकर रेत में जहां बड़ी-बड़ी गाड़ियों की हवा निकल जाती है, वहीं Jimny आराम से चलती नजर आती है. मॉडर्न Jimny के पास ताकत के साथ सालों की लिगेसी भी है.
साल 1970 में इसे जापान में पहली बार लॉन्च किया गया था. 1985 में इसके सेकंड जनरेशन मॉडल को Maruti Gypsy नाम से इंडिया में भी लाया गया. लॉन्च होने के बाद अगले 35 सालों तक इसने इंडिया की सड़कों पर राज किया था. Olive green का मतलब था कि पुलिस और आर्मी की गाड़ी है. ऑफ रोड वालों के लिए इससे तगड़ा कुछ नहीं था. 2018 में इसको बंद कर दिया गया और फिर 2023 में नए अवतार में उतारा गया.
मगर इसे बहुत ठंडा रिस्पॉन्स मिला. इसमें थोड़ी गलती मारुति की भी है. कंपनी भी थार सिंड्रोम से पीड़ित थी शायद. थार के दाम में Jimny को उतार दिया. जबकि ग्राहक इसके कम दाम में आने की उम्मीद लगाए बैठे थे. 2018 में बंद होने के समय इसकी कीमत 6.22 lakh (ex-showroom, Delhi) थी. लेकिन नया मॉडल स्टार्ट ही 12 लाख से होता था. यहां तक तो ठीक था, मगर कंपनी ने मांग में कमी के चलते कुछ ही महीनों में इसके दाम लाखों में कम कर दिए. पब्लिक को लगा 'कुछ तो गड़बड़ है दया!'
नई Jimny इंडिया में अपना रास्ता नहीं बना पाई, लेकिन जापान समेत दुनिया भर में जलवा बिखेर रही है.
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