हाई बीम से लेकर इंडिकेटर तक, ड्राइविंग के दौरान इन 5 गलत आदतों से जा सकती है जान
हम बात करेंगे उन गलतियों की जो कई बार मस्ती-मस्ती में और कई बार फ्रस्टेशन में होती हैं.
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आज हम आपकी और हमारी उन गलतियों की या आदतों की बात करने वाले हैं जो हम अक्सर गाड़ी चलाते हुए करते हैं. ना-ना, हम लेन में गाड़ी नहीं चलाने या ट्रेफिक लाइट कूदने की बात नहीं कर रहे हैं. ओवर स्पीड की चर्चा भी नहीं करेंगे क्योंकि इन नियमों को तोड़ना तो एक किस्म का क्राइम है. हम बात करेंगे उन गलतियों की जो कई बार मस्ती-मस्ती में और कई बार फ्रस्टेशन में होती हैं.
हजार्ड लाइट्स मजा नहीं है?हजार्ड लाइट्स फीचर सभी कारों में होता है.इस फीचर का इस्तेमाल दूसरे ड्राइवर्स को अलर्ट करने के लिए किया जाता है. लेकिन कई लोग थोड़ी सी भी विजिबिलिटी कम होने पर हजार्ड लाइट्स माने कि गाड़ी की चारों लाइट्स ऑन कर देते हैं. कुछ लोग सिर्फ मजे-मजे के लिए इस फीचर का चालू कर देते हैं. सिर्फ एक हजार्ड लाइट की वजह से एक्सीडेंट की सिचुएशन बन सकती है. इसलिए इसका इस्तेमाल जरूरत पर ही करना चाहिए. जैसे गाड़ी खराब होने पर. बाकी, इस फीचर के बारे में और जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक कर लीजिए.
बारिश-कोहरे में कार की हजार्ट लाइट्स जलाते हैं? यानी आपको इसका इस्तेमाल ही नहीं पता
महंगे ORVM बंद करनाORVM यानी आउटसाइड रियर व्यू मिरर. ड्राइविंग के समय लाइन बदलते हुए हमेशा ORVM में देखना चाहिए. ताकि जब हम लेफ्ट साइड जाएं तो मिरर में देखने से पता लग जाए कि दूसरी गाड़ी पीछे से आ रही है और हम उसी हिसाब से अपना नेक्स्ट मूव करें. लेकिन कई लोग अपनी गाड़ी के ORVM को बंद करके रखते हैं. क्योंकि वे महंगे है. टूट गए तो सिर पर एक और खर्चा आ जाएगा. लेकिन ये हैबिट आपकी और दूसरे व्यक्ति की लाइफ को रिस्क पर ला सकती है. मान लीजिए कि आप बिना ORVM में देखें, गाड़ी मोड़ रहे हैं और पीछे से तेज रफ्तार में आती गाड़ी आपकी कार से टकरा जाती है. आगे…

रात के समय हैडलाइट्स ऑन करनी चाहिए. नियम ये ही कहता है. अगर आपने हैडलाइट्स ऑन नहीं कि तो आप पर जुर्माना भी लग सकता है. ठीक बात लेकिन हैडलाइट्स को हाई बीम पर रखने का क्या मतलब है. ऐसा करने से जिससे सामने से आ रहे व्यक्ति की आंखों में सीधा रोशनी पड़ती है. कहे, तो इससे विजिबिलिटी कम होती है. बता दें कि हाई बीम पर लाइट्स रखने पर भी आप पर जुर्माना लग सकता है.
इंडिकेटर का ओवर या नो यूजगाड़ी को दाएं या बाएं मोड़ना है, तो पहले इंडिकेटर देना चाहिए. ठीक बात. कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो सभी लोग इसे फॉलो करते हैं. लेकिन कुछ लोग इंडिकेटर का बिल्कुल एंड टाइम पर यूज करते हैं. माने कि गाड़ी मोड़ते समय इसे ऑन करना. ना कि मुड़ने से पहले दूसरे ड्राइवर्स को अलर्ट करना. वहीं, कुछ लोग एक बार इंडिकेटर ऑन करके, इसे ऑफ करना ही भूल जाते हैं. जिससे अन्य व्यक्ति कंफ्यूज हो सकता है.
इसके अलावा कुछ लोग हाईवे पर लेन बदलते समय भी इंडिकेटर नहीं देते. जो काफी खतरनाक है. क्योंकि हाईवे पर लोग कई किलोमीटर तक की दूरी एक ही स्पीड पर तय कर लेते हैं. इससे ड्राइवर भी थोड़ा शांत दिमाग से गाड़ी चलाता है. ऐसे में बिना इंडिकेटर दिए गाड़ी की लेन बदलने से एक्सीडेंट तक की सिचुएशन बन सकती है.
सीट बेल्ट बस दिखावासीट बेल्ट भी हजार्ड लाइट की तरह एक कॉमन फीचर है, जो सभी गाड़ियों में दिया जाता है. इस फीचर को और एडवांस बनाते हुए अब सीट बेल्ट न लगाने पर वार्निंग अलार्म बजता रहता है. कुछ कारों में रियर सीट के लिए भी ये अलार्म दिया जाने लगा है. लेकिन कई लोग फ्रंट सीट पर तो सीट बेल्ट लगा लेते हैं. लेकिन रियर पर सीट बेल्ट लगाते ही नहीं है. या फिर बेल्ट को क्लिप में सिर्फ टक कर देते हैं और फिर आराम से बैठ जाते हैं. लेकिन इसी हैबिट की वजह से एक्सीडेंट की सिचुएशन में रियर सीट पर बैठे व्यक्ति को काफी चोट आ सकती है.
इसके अलावा कई लोगों की आदत होती है कि वे बिना मतलब के हॉर्न बजाते रहते हैं. मतलब सामने कोई व्यक्ति 1 सेकंड अगर लगा दे गाड़ी मूव करने में तो, पीछे वाला बार-बार हॉर्न बजाता रहेगा. जो वाकई में गलत है.
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