इजरायल ने गाजा के IVF क्लीनिक पर किया था हमला, एक बम से छीन लीं 5 हजार जिंदगियां
कम से कम आधे माता-पिता, जिनके पास अब बच्चे पैदा करने की क्षमता नहीं बची है, उन्हें अब बच्चे पैदा करने का दूसरा मौका नहीं मिलेगा. क्लीनिक स्थापित करने वाले गलयानी ने कहा कि उनका दिल पूरी तरह से टूट चुका है.
इजरायल और हमास के बीच युद्ध (Israel Hamas War) पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुआ था. दिसंबर में खबर आई थी कि इजरायल ने गाजा के बहुत बड़े फर्टिलिटी क्लीनिक अल-बास्मा (Gaza Fertility Clinic Attacked) पर हमला किया था. अब पता चला है कि इस हमले के चलते क्लीनिक में मौजूद 5 लिक्विड नाइट्रोजन टैंक की लिड्स नष्ट हो गई थीं. लिक्विड नाइट्रोजन के बाहर निकलने के चलते टैंक्स के अंदर का तापमान बढ़ गया था. इसके चलते 4 हजार से ज्यादा भ्रूण और एक हजार से ज्यादा स्पर्म स्पेसिमेन नष्ट हो गए थे.
अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये भ्रूण उन सैकड़ों फिलिस्तीनी जोड़ों के लिए आखिरी उम्मीद थे जो बच्चे पैदा ना कर पाने की अक्षमता से जूझ रहे हैं.
इस क्लीनिक को बहेलिद्दीन गलयानी ने 1997 में स्थापित किया था. उन्होंने रॉयटर्स को बताया,
"हम जानते हैं कि इन 5 हजार जिंदगियों का उन माता-पिताओं के लिए क्या मतलब रहा होगा."
गलयानी ने कहा कि कम से कम आधे माता-पिता, जिनके पास अब बच्चे पैदा करने की क्षमता नहीं बची है, उन्हें अब बच्चे पैदा करने का दूसरा मौका नहीं मिलेगा. गलयानी ने कहा कि उनके दिल पूरी तरह से टूट चुका है. उन्होंने आगे बताया कि गाजा में गरीबी होने के बावजूद जोड़े IVF प्रोसेस के लिए आगे आते हैं. वो अपने घर का सामान तक बेच देते हैं. गाजा में कम से कम 9 क्लीनिक IVF की प्रक्रिया को अंजाम देते हैं.
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पिछले साल अक्टूबर में हमास के हमले के बाद इजरायल ने कहा था कि वो हमास को पूरी तरह से तबाह कर देगा. इसके बाद इजरायल ने गाजा पट्टी में हमले शुरू किए थे. गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इजरायल के हमलों में अब तक 33 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं.
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