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'स्कूल में चलने वाली AC का खर्च मां-बाप ही उठाएं... ' हाई कोर्ट ने फैसले में बताया ऐसा करना क्यों सही

दिल्ली के प्राइवेट स्कूल में AC चार्ज वसूले जाने पर HC ने सुनवाई की है. कोर्ट का कहना है कि पेरेंट्स को स्कूल चुनते समय वहां की सुविधाओं और कीमत का ध्यान रखना चाहिए. कोर्ट ने पेरेंट्स से एसी का खर्च लेने का कारण भी बताया है.

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cost of air conditioning services  in schools
स्कूलों में एयर कंडीशनिंग (AC) चार्ज पर HC का फैसला. (प्रतीकात्मक फोटो- PTI)
5 मई 2024
Updated: 5 मई 2024 19:00 IST
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स्कूलों में एयर कंडीशनिंग (AC) के खर्च को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि स्कूलों में AC का खर्च वहां पढ़ने वाले बच्चों के पेरेंट्स को ही उठाना होगा. महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले क्लास 9 के स्टूडेंट की तरफ से हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इस पर ही सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक इस याचिका में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय से मांग की गई थी कि वो महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल को AC चार्ज नहीं वसूलने का निर्देश दे. दरअसल, स्कूल मैनेजमेंट बच्चों के क्लास रूम में AC की सुविधा देने के लिए हर महीने 2,000 रुपए फीस वसूल रहा है. जिसे याचिका में दिल्ली स्कूल शिक्षा नियम, 1973 (‘DSE Rules’) के नियम 154 के खिलाफ बताया गया. याचिका में तर्क दिया गया कि छात्रों को AC की सुविधा देने की जिम्मेदारी स्कूल मैनेजमेंट की है. इसलिए, उन्हें अपने फंड से इसका खर्च उठाना चाहिए. 

क्यों माता-पिता उठाएं AC का खर्च?

इस मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और नमित पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने की है. कोर्ट का कहना है कि स्कूलों में एयर कंडीशनिंग की फीस, लेबोरेटरी और स्मार्ट क्लास के लिए दी जाने वाली फीस की तरह है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि स्कूल ने सेशन 2023-34 के लिए जो फीस रसीद जारी की है, उसमें एयर कंडीशनर के लिए अलग से पैसों का जिक्र है. इसलिए पेरेंट्स को स्कूल चुनते समय वहां दी जाने वाली सुविधाओं और कीमत का ध्यान रखना चाहिए. सुविधाओं का आर्थिक बोझ अकेले स्कूल मैनेजमेंट पर नहीं डाला जा सकता है.

कोर्ट ने आगे कहा कि शिक्षा निदेशालय को मामले की जानकारी है और वो कार्रवाई रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. इसलिए, हम फिलहाल जनहित याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं और इसे खारिज किया जाता है.

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उधर, शिक्षा निदेशालय ने बताया कि उसके अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं. शिकायतों पर महाराजा अग्रसेन स्कूल को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.

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