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अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से भरा नामांकन, फिर BJP को क्या सुनाया?

Lok Sabha elections 2024: कन्नौज सीट से नामांकन दाखिल करने के बाद सपा मुखिया Akhilesh Yadav ने BJP पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा का गढ़ होने के नाते BJP ने जानबूझकर कन्नौज का विकास रोका.

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Akhilesh Yadav files his nomination for Lok Sabha elections in Kannauj
अखिलेश यादव ने कन्नौज से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. (फोटो: PTI)
25 अप्रैल 2024 (Updated: 25 अप्रैल 2024, 15:26 IST)
Updated: 25 अप्रैल 2024 15:26 IST
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समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 25 अप्रैल को कन्नौज लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया. इस दौरान उनके साथ सपा के महासचिव राम गोपाल यादव भी मौजूद रहे. कन्नौज में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा. इस सीट से अखिलेश यादव के नामांकन के साथ यहां का चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है. सपा का गढ़ रही कन्नौज सीट पर BJP ने वर्तमान सांसद सुब्रत पाठक को ही उतारा है. सुब्रत पाठक ने 2019 के आम चुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को इस सीट पर हराया था.

बता दें कि 22 अप्रैल को सपा ने अखिलेश यादव के भतीजे और मैनपुरी से पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव को कन्नौज से अपना उम्मीदवार घोषित किया था. 24 अप्रैल को सपा ने अपना फैसला बदल दिया और कन्नौज से अखिलेश यादव के नामांकन की सूचना दी.

ये भी पढ़ें- कन्नौज से अखिलेश यादव के नामांकन की नौबत क्यों आई? BJP की निंजा टेक्निक, जिसने तेज प्रताप का पत्ता काट दिया

नामांकन के बाद अखिलेश ने BJP को घेरा

अखिलेश यादव ने 25 अप्रैल की दोपहर कन्नौज से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.

नामांकन दाखिल करने के बाद अखिलेश यादव ने BJP पर कन्नौज का विकास रोकने का आरोप लगाया. अखिलेश यादव ने कहा,

"कन्नौज को अब और आगे बढ़ाना है. कन्नौज का कारोबार न केवल भारत में बल्कि विश्व में है. जो विकास यहां का थम गया, उसे BJP ने जानकर रोका क्योंकि ये सपा का गढ़ था. BJP के लोगों ने ना जाने कितनी बार यहां के लोगों को अपमानित किया है. कन्नौज की जनता ने विकास होते हुए देखा है."

उन्होंने आगे कहा,

"मुझे एक बार फिर यहां आने का सौभाग्य मिला है. मैं यहां के विकास के लिए काम करूंगा. इसका नाम और हो जाए इसके लिए काम करूंगा. यहां जो बिजली का काम हुआ, वो सपा का काम है. नदियों पर जो पुल बने, केवल कन्नौज ही नहीं बाकी जगह भी सपा ने बनवाए. यहां हवाई पट्टी बनी थी, लेकिन केवल एक बार हवाई जहाज उतरा. इससे BJP की नकारात्मकता देखी जा सकती है."

कन्नौज से ही शुरू हुई थी अखिलेश की सियासी पारी

अखिलेश यादव साल 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार सांसद चुने गए थे. उसके बाद वो साल 2004 और 2009 में भी इसी सीट से सांसद रहे. साल 2012 में अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया. 

2012 में कन्नौज सीट पर उपचुनाव हुआ और अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव निर्विरोध चुनी गई थीं. 2014 के आम चुनाव में भी डिंपल यादव ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी. हालांकि, साल 2019 के चुनाव में वो भाजपा के सुब्रत पाठक से हार गई थीं.

अखिलेश यादव वर्तमान में करहल विधानसभा सीट से विधायक हैं. वो यूपी विधानसभा में नेता विपक्ष हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में वह करहल सीट से पहली बार विधायक बने थे.

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